वादा तेरा वादा…

  • विधानसभा में दिए आश्वासनों पर नहीं हो रहा अमल

गौरव चौहान
धान सभा में जनता से जुड़े सवालों पर मुख्यमंत्री और मंत्रियों के 2500 से ज्यादा जवाब जो आश्वासन बन गए हैं, जिन्हें अब भी पूरे होने का इंतजार है। इनमें ऐसे मामले भी हैं जो कोर्ट में चल रहे हैं और वहां से फैसला होने के बाद ही सरकार की ओर से विधानसभा में जवाब जा पाएगा।
हाल ही में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने भी विधानसभा सत्र की तैयारियों को लेकर अधिकारियों की मीटिंग ली, जिसमें विधानसभा के आश्वासनों को पूरा करने की बात आई। विधानसभा में सबसे पुराना आश्वासन 27 साल पहले का है, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आश्वासन दिया था कि मंत्रालय से पूरी तरह अटैचमेंट खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन मंत्रालय में पूरी तरह से अटैचमेंट खत्म नहीं हो सका।
5 महीने से हो रही हैं समिति की बैठकें
विधानसभा के लंबित आश्वासनों में 2016 से 2025 तक के मामले लंबित है। इस दौरान राजस्व, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के मामले हैं। आश्वासन पूरे कराए जाने को लेकर विधानसभा में आश्वासन समिति की पिछले पांच महीनों में लगातार बैठकें हो रही है, जिनके माध्यम से अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवों को बैठकों में बुलाकर आश्वासन की अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी ली जा रही है और उन्हें पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
गृह विभाग में 142 पेंडिंग
अभी हाल यह है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पास गृह और सामान्य प्रशासन विभाग है, जबकि उनसे संबंधित विभागों में गृह विभाग के 142 और सामान्य प्रशासन विभाग के 47 आश्वासन लंबित हैं। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पास नगरीय प्रशासन के साथ संसदीय कार्य विभाग भी है, उनके नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आश्वासन लंबित हैं।
निर्देशित करेंगे
तारांकित, अतारांकित, ध्यानाकर्षण के जवाब में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के जो लंबित आश्वासन हैं उन्हें पूरा करवाया जा रहा है, इस संबंध में लगातार मीटिंग ली जा रही हैं। पिछले चार महीनों में लगातार हुई बैठकों में 1026 आश्वासन पूरे हुए हैं, जो लंबित है उन्हें पूरा कराए जाने के लिए निर्देशित किया जाएगा।
हरिशंकर खटीक, सभापति, आश्वासन समिति
4 महीने में 1026 आश्वासन हुए पूरे
16वीं विधानसभा के गठन के दौरान 3626 आश्वासनों के जवाब आना था, आश्वासन समिति ने चार महीने से हो रही लगातार बैठकों में 1026 आश्वासन पूरे हुए। मौजूदा स्थिति में 2599 आश्वासन लंबित है, जिनके जवाब आना है। आश्वासन समिति की ओर से ऐसे मामले जो कोर्ट में लंबित होने की वजह से पेंडिंग हैं, ऐसे मामलों में अफसरों को निर्देशित किया है कि कोर्ट में जाएं और लंबित मामलों पर फैसले के संबंध में अदालत से आग्रह करें।
टॉप टेन बड़े विभाग जिनके सबसे ज्यादा आश्वासन
– नगरीय विकास एवं आवास 444
– लोक निर्माण 219
– लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा 170
– गृह 142
– सहकारिता 186
– राजस्व 137
– जल संसाधन 115
– पंचायत एवं ग्रामीण विकास 149
– स्कूल शिक्षा 95
– लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी 95
– जनजातीय कार्य 87

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