लाखों घरों को एलपीजी सिलेंडरों से मुक्ति दिलाने की तैयारी

  • पाइप लाइन से मिलेगी गैस, नंबर लगाने से लेकर सिलेंडर के इंतजार से मिलेगी राहत


भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम

देश के महानगरों की तरह ही अब प्रदेश में भी घर-घर पाइप लाइन के माध्यम से गैस कनेक्शन देने की तैयारी है।  इससे उपभोक्ताओं को कई तरह की राहत मिल जाएगी। फिलहाल प्रदेश के दो बड़े शहरों  इंदौर और भोपाल में कुछ घरों में गैस सप्लाई के लिए कनेक्शन दिए जा चुके हैं। फिलहाल राज्य में 60 लाख घरों तक पाइप लाइन के माध्यम से गैस भेजने का लक्ष्य तय किया गया है। फिलहाल प्रदेश में अब तक 2.61 लाख घरों में अभी तक कनेक्शन दिए जा चुके हैं। अभी इनमें गैस की आपूॢत शुरू नहीं की गई है। इस तरह से गैस सप्लाई के बाद भी पात्र उपभोक्ताओं को हितग्राहियों को पीएनजी के लिए राज्य सरकार की ओर से अनुदान भी मिलेगा। पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) के उपयोग को बढ़ावा देने और इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी बनाई जा चुकी है, जिस पर हाल ही में कैबिनेट भी अपनी मुहर लगा चुकी है। इसमें प्रावधान किया गया है कि घरों के साथ ही औद्योगिक और वाणिज्यिक इकाइयों में भी पीएनजी की आपूर्ति की जाएगी।
एनओसी के लिए 60 दिन की समयसीमा तय
सीएनजी स्टेशन बनाने के लिए 11 से अधिक एजेंसियों से एनओसी लेना होगी। इसमें संबंधित नगरीय निकाय से बिल्डिंग परमिशन, ग्राम पंचायत, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस, एसडीएम, खाद्य, औद्योगिक सुरक्षा, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा विभाग, मप्र सडक़ विकास निगम, ग्रामीण सडक़ विकास निगम, वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरी। इसके बाद उस जिले का कलेक्टर स्टेशन विकसित करने के लिए एनओसी जारी करेंगे। कलेक्टर से ऑफिस में आवेदन मिलने से लेकर हर स्तर पर होने वाली प्रक्रिया की समय सीमा तय की गई है। अधिकतम 60 दिन में कलेक्टर को या तो एनओसी जारी करना होगी या फिर खारिज करना पड़ेगी।
यह होगा फायदा
सीजीडी पॉलिसी का उद्देश्य घरों और उद्योगों के लिए स्वच्छ और किफायती ईंधन की उपलब्धता में बढ़ोतरी होगी। इससे शहरों में प्रदूषण के स्तर को कम करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा लोगों को सिलेंडर के लिए नंबर लगाने से लेकर उसके इंतजार तक से मुक्ति मिल सकेगी। राज्य में सीजीडी के बुनियादी ढांचे के त्वरित क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी अनुमतियां देने का प्रावधान भी नीति में किया गया है।
बनने हैं 345 सीएनजी स्टेशन
प्रदेश के 55 जिलों में 1207 सीएनजी स्टेशन बनाए जाएंगे। मौजूदा स्थिति में 345 स्टेशन तैयार किए जा चुके हैं। खास बात यह है कि भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में सीएनजी से चलने वाली बसों का संचालन भी शुरू किया जा चुका है।
प्रदेश को ड्रोन निर्माण हब बनाएंगे
मध्यप्रदेश को ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का प्रमुख हब बनाने की प्लानिंग भी की गई है। राज्य सरकार ने ड्रोन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को मंजूरी दी है। इसमें ड्रोन के सुरक्षित और कुशलतम उपयोग के माध्यम से नवाचार, आर्थिक समृद्धि और रोजगार को बढ़ावा देने चाले विषयों एवं तथ्यों को शामिल किया गया है। जल्द ही ड्रोन डाटा रिपॉजिटरी भी बनाई जायेगी। यह विभिन्न विभागों के बीच परस्पर डाटा साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देगी। यह नीति जीआईएस आधारित योजना और विश्लेषणात्मक उपकरणों का उपयोग करके बेहतर निगरानी तंत्र विकसित करेगी।
कोर्स भी करेंगे डिजाइन
अभी दस सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन एजेंसी काम कर रही है। इनको सीजीडी प्रोजेक्ट से संबंधित पाठ्यक्रम विकसित करने की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी। एजेंसी यह कार्य तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग के साथ नॉलेज पार्टनर के तौर पर करेगी। इसके बाद प्राथमिकता के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा सीजीडी संस्थाओं को तय समय सीमा में नेटवर्क विकसित करना होगा। सरकार से अधिकृत रेट्रो फिटमेंट सेंटर से फिट किए मानक सीएनजी किट को बढ़ावा देना भी एजेंसी की जिम्मेदारी होगी।

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