प्रदेश में नए स्टेट हाईवे बनाने की तैयारी

नए स्टेट हाईवे
  • इन सडक़ों पर खर्च किए जाएंगे  50 अरब रुपए

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में यातायात को सुगम बनाने के लिए मप्र सरकार नए हाईवे बनाएगी। इन राजमार्ग की लंबाई करीब 1300 किमी होगी। इनके बनने से प्रदेश के प्रमुख शहरों और जिलों के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीते डेढ़ दशक में मप्र में अधोसंरचना के विकास पर खासा जोर दिया गया है, जिसकी वजह से प्रदेश में दो से लेकर चार लाइन तक की सडक़ों का जाल बिछाया गया है। प्रदेश में इन नए बनने वाले राजमार्गों पर सरकार कुल मिलाकर 5250 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। इसमें से 70 फीसदी राशि की व्यवस्था कर्ज के माध्यम से की जाएगी।
गौरतलब है कि एमपीआरडीसी का रोड नेटवर्क 20695 किमी का है। कॉर्पोरेशन अब तक 7246 करोड़ की लागत से 870 किमी लंबे नेशनल हाइवे बना चुका है। इसके अलावा 18825 करोड़ खर्च कर 11389 किमी लंबाई के स्टेट हाइवे का निर्माण कर चुका है। वही मुख्य जिला मार्गों का 6560 किमी का रोड नेटवर्क तैयार किया है। ये काम 12162 करोड़ रुपए की लागत से किए गए। सडक़ एवं परिवहन मंत्रालय ने 1113 किमी के नेशनल हाइवे के विकास के लिए एमपीआरडीसी को एग्जीक्युशन एजेंसी भी बनाया है।
70 फीसदी राशि कर्ज के जरिए जुटाई जाएगी
1300 किमी लंबाई के राज्य राजमार्ग विकसित करने के लिए 70 फीसदी राशि कर्ज के जरिए जुटाई जाएगी। यानि न्यू डेवलपमेंट बैंक से 3675 करोड़ रुपये का ऋण लिया जाएगा। बाकी 1575 करोड़ रुपये राज्य शासन मुहैया कराएगा। मप्र रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने राज्य में रोड कनेक्टिविटी सुधारने के लिए यह प्लान बनाया है। इसके मुताबिक ब्राजील, रशिया, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका यानि ब्रिक्स समूह की ओर से बनाए न्यू डेवलपमेंट बैंक से ऋण लिया जाएगा। यह बैंक इन देशों में खास तौर से इंफ्रास्ट्रक्चर व सस्टेनेबल विकास के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराता है। एनडीबी के कर्ज से कुछ प्रोजेक्ट्स पहले से किए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक यह कर्ज सडक़ एवं परिवहन मंत्रालय के तहत परिवहन सेक्टर के लिए लिया जाएगा। केंद्र सरकार की स्क्रीनिंग कमेटी से पिछले साल प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई थी। कॉर्पोरेशन एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की मदद से भी सडक़ निर्माण के कई प्रोजेक्ट्स कर रहा है। विभिन्न चरणों में अब 1500 किमी से अधिक लंबाई के कार्य मंजूर हो चुके हैं। कई निर्माणाधीन हैं। इसमें प्रमुख तौर से स्टेट हाइवे और मुख्य जिला मार्ग शामिल हैं। एडीबी के लोन से 6200 करोड़ से अधिक लागत के प्रोजेक्ट्स किए जा रहे हैं।
जारी है कई परियोजनाएं
कॉर्पोरेशन एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की मदद से प्रदेश में पहले से ही सडक़ निर्माण की कई परियोजनाएं चल रही हैं। विभिन्न चरणों में अब 1500 किमी से अधिक लंबाई की सडक़ों  को मंजूरी मिल चुकी है। इनमें से कई पर तो काम जारी है। इसमें प्रमुख तौर से स्टेट हाइवे और मुख्य जिला मार्ग शामिल हैं। एडीबी के लोन से 6200 करोड़ से अधिक लागत के प्रोजेक्ट्स किए जा रहे हैं। अभी मुख्य जिला मार्गों औबेदुल्लागंज-मगरपुंछ-आशापुरी- भोजपुरी, चिकलोद से रायसेन रोड, विदिशा-अहमदपुर-गैरतगंज स्टेट हाइवे, प्रेमसर-हिरनीखेड़ा-मुंडला, सिद्दीक गंज-हाट पिपल्या, भाउ खेड़ी अमलाहा-धामंदा, तूमड़ा-पठानिया-बरखेड़ा सालम सहित कई सडक़ों का काम चल रहा है। अधिकांश का 50 फीसदी कार्य हो चुका है। बताया जा रहा है एडीबी के 6वें व 7वें चरण में कुल 44 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए थे। इसमें से 11 पूरे हो चुके हैं। वहीं 28 पैकेज में 1300 किमी से अधिक लंबाई की सडक़ों का निर्माण जारी है। इनकी लागत करीब 3590 करोड़ है। 

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