घोटालों के आरोपी अफसर को सीसीएफ बनाने की तैयारी?

सीसीएफ
  • लंबित हैं कई शिकायतें …

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल। भोपाल वृत्त में रिक्त हो रहे सीसीएफ पद पर राजधानी परियोजना प्रशासन के अफसर को प्रभार देने की तैयारी की जा रही है।  जबकि इस अधिकारी के खिलाफ लोकायुक्त सहित विभाग में भी अनेक शिकायतें लंबित हैं। बताया जा रहा है कि उसके रसूख की वजह से उच्च स्तर पर इन शिकायतों को दबा दिया गया है। हाल ही में इनके खिलाफ सवा करोड़ के पौधों के रखरखाव में घोटाले का आरोप भी लग चुका है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार भोपाल सीसीएफ (मुख्य वन संरक्षक) के पद पर पदस्थ रवींद्र सक्सेना इसी माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके स्थान पर हाल ही में समाप्त किए गए राजधानी परियोजना प्रशासन विभाग में पदस्थ डीएफओ हरिशंकर मिश्रा को पदस्थ किए जाने की फाइल मंत्रालय में चलने की खबरें आ रही है। उनके रसूख के चलते अब विभाग के आला अफसर उन्हें सीसीएफ पद का प्रभार देने की तैयारी कर रहे हैं।  इधर सूत्रों का कहना है कि मिश्रा के खिलाफ लोकायुक्त तथा वन विभाग में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की कई शिकायतें लंबित हैं। पिछले दिनों राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा पौधों के रखरखाव, खाद-कीटनाशक आदि के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की राशि जारी की गई थी। इससे राजधानी परियोजना के अंतर्गत आने वाले पार्क व सड़कों के आसपास लगे पौधों का रखरखाव होना था, लेकिन वहां अधिकांश पौधे सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं। जबकि राजधानी परियोजना के अंतर्गत वन विभाग का अमला अभी भी कार्यरत है। विभागीय सूत्र कहते हैं कि इसमें बड़ी राशि का घोटाला किया गया है। इस संबंध में भी शिकायत की गई है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। राजधानी परियोजना वन मंडल के मैदानी अधिकारियों ने बताया कि राजधानी परियोजना वन मंडल में ठेकेदार ने परिवहन अनुज्ञा पत्र और रॉयल्टी जमा किए बिना रेत की सप्लाई की गई। यही नहीं, अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी करते हुए ठेकेदार का भुगतान भी कर दिया। भुगतान करने पर सवाल उठते ही अधिकारी अपने बचाव में कहते आ रहे हैं कि सीएम हेल्पलाइन में भुगतान करने की दो बार शिकायत हुई थी इसलिए मजबूरी में भुगतान करना पड़ा।
    लीगल दस्तावेज किए बिना रेत की सप्लाई को अवैध परिवहन की श्रेणी में माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि पूर्व सीसीएफ संजय श्रीवास्तव ने मार्च 2019 में रेत के ठेकेदार को रॉयल्टी और परिवहन अनुज्ञा पत्र जमा किए बिना ही 20 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया था। सहायक वन संरक्षक राजधानी परियोजना वन मंडल के ही एक अफसर ने इस मामले में आपत्ति लगाई थी कि शासकीय कार्यों में नियमों के तहत अनुज्ञा पत्र  और रॉयल्टी फीस जमा कराए बिना भुगतान नहीं किया जा सकता। इस मामले में तत्कालीन सीसीएफ राजधानी परियोजना वन मंडल संजय श्रीवास्तव की सेवानिवृत्त के बाद नियमों की अनदेखी करते हुए  आठ लाख का भुगतान कर दिया है। जबकि इस मामले में एसडीओ मनोज चौधरी ने सीएफ को रॉयल्टी की रसीद और परिवहन अनुज्ञा पत्र जमा कराने के साथ भुगतान करने भी कहा था। अब इस नियम विरुद्ध हुए भुगतान को लेकर ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी भी कुछ लोगों द्वारा की जा रही है।
    मुर्गा पार्टी की वजह से रह चुके हैं चर्चा में
    मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ईकोलॉजिकल पार्क में करीब ढाई साल पहले 24 नवंबर 2019 को आयोजित कथित शराब व मुर्गा पार्टी की वजह से यह अफसर चर्चा में रह चुके हैं। इस मामले के जोर पकड़ने पर उस समय मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। उस समय मुख्य वन संरक्षक के निर्देशन में एक सीनियर वन संरक्षक को इस मामले की जांच सौंपी गई थी। दरअसल इस पार्टी में भोपाल सामान्य वन मंडल के डीएफओ हरिशंकर मिश्रा समेत अन्य अधिकारी, कर्मचारियों ने परिवार के साथ शामिल हुए थे। उस समय इस पार्टी की शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे द्वारा मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव से की गई थी।  इस पर मुख्य वन बल प्रमुख मप्र यू प्रकाशम ने भोपाल वन वृत्त के मुख्य वन संरक्षक से जांच रिपोर्ट मांगी थी।  

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