भोपाल को एक साल में सोलर सिटी बनाने की तैयारी

सोलर सिटी
  • अभी आधी सोलर बिजली का उत्पादन हो रहा राजधानी में

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अब सोलर एनर्जी पर फोकस किया जा रहा है। इसकी शुरुआत भोपाल से की जा चुकी है। भोपाल को एक साल में सोलर सिटी बनाने की योजना है। दरअसल भोपाल प्रदेश का वो शहर है, जिसका प्रदेश में उत्पादित सोलर बिजली में पचास फीसदी का योगदान है।  फिलहाल मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र में कुल चार लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है, जिसमें से अकेले भोपाल में ही दो लाख यूनिट बिजली सोलर ऊर्जा से बनती है। अब सोलर प्लांट लगाने पर मिलने वाली अनुदान राशि में वृद्धि कर दी गई है, जिससे माना जा रहा है कि लोगों का रुझान भी अब सोलर एनर्जी पर बढ़ना तय है। प्रदेश के मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र वाले 16 जिलों में अब तक 10 हजार 851 सोलर प्लांट लग चुके हैं। इन सोलर प्लांट से हर दिन तकरीबन 4 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इनमें से अकेले भोपाल में ही 7046 सोलर प्लांट 51 हजार 676 किलोवॉट के हैं, जो हर दिन करीब 2 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली का उत्पादन करते हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र में करीब 1 लाख किलोवॉट की क्षमता के सोलर प्लांट अब तक लग चुके हैं। इतने सोलर प्लांट से भोपाल जैसे आधे शहर की बिजली की पूर्ति की जा सकती है। बिजली कंपनी के अधिकारी सोलर पैनल लगवाने के लिए अब घर-घर सर्वे भी कर रहे हैं। इससे भी सोलर पैनल लगवाने वालों की संख्या में इजाफा होना तय है। गौरतलब है कि अकेले राजधानी में एक साल में 25 हजार से अधिक सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य के पीछे की वजह है भोपाल को अगले एक साल में सोलर सिटी बनाना।
अब यह मिलता है अनुदान  
पीएम सूर्य घर योजना में एक किलोवाट सोलर पर 30 हजार, दो किलोवाट पर 60 हजार रुपए और तीन किलोवाट या उससे ऊपर के सोलर संयंत्र स्थापना पर 78 हजार रुपए का अनुदान केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है। यह अनुदान पहले से ज्यादा है। इस योजना के तहत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अनुदान देना शुरू कर दिया है। पहले एक किलोवॉट के सोलर पैनल पर 14 हजार 588 रुपए की सब्सिडी दी जा रही थी। जनवरी- 24 में बढ़ाकर 18 हजार रुपए प्रति किलोवाट कर दी गई थी। अब एक किलोवॉट पर 30 हजार का अनुदान दिया जा रहा है।

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