- बिजली कंपनियां फिर देंगी झटका …
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। राज्य सरकार बड़े घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देकर मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं की बिजली महंगी करने की तैयारी में है। सरकार 301 से अधिक का स्लैब खत्म करने जा रही है। इस स्लैब वाले उपभोक्ताओं की संख्या करीब 25 लाख है। अब ये 150 से 300 यूनिट की स्लैब में आ जाएंगे। यानी उन्हें कम दरों पर बिजली मिल सकती है। वहीं, 151 से 300 यूनिट की खपत करने वाले करीब 25 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल चुकाना पड़ सकता है। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से मप्र विद्युत नियामक आयोग को वर्ष 2023-24 के लिए बिजली दर निर्धारण की टैरिफ पिटीशन सौंपी है। कंपनियों ने बिजली दर में औसत 3.20 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। प्रदेश की विद्युत वितरण कम्पनियां एक बार फिर उपभोक्ताओं पर बिजली बिल बढ़ाने की तैयारी में हैं। बड़े घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देकर मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं के लिए बिजली महंगी करने की कवायद की जा रही है। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की तरफ से मप्र विद्युत नियामक आयोग को वर्ष 2023-24 के लिए बिजली दर निर्धारण की टैरिफ पिटीशन सौंपी है। जानकारी के अनुसार आगामी वर्ष के लिए बिजली कंपनियों को सभी मदों से 49,530 करोड़ के राजस्व की जरूरत होगी, लेकिन इस वर्ष कम्पनियों को 47,992 करोड़ रुपए का राजस्व ही प्राप्त हो पाएगा। वहीं प्रस्तावित हानि 1,537 करोड़ रुपए की होगी। इस हानि को पूरा करने के लिए बिजली दरों में औसत रूप से 3.20 प्रतिशत वृद्धि करने की अनुमति आयोग से मांगी है। इसमें बिजली दर में औसत 3.20 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव है।
कब कहां होगी जनसुनवाई
आयोग ने इस पर जनसुनवाई के लिए सूचना जारी कर दी है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर में 23 जनवरी, पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी इंदौर में 24 जनवरी और मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में 25 जनवरी को जनसुनवाई होगी। जनसुनवाई के बाद मार्च में आयोग नए वित्तीय वर्ष के लिए नई दर निर्धारित करेगा। ये दरें एक अप्रैल से लागू होने की संभावना है। जानकारी के अनुसार कंपनी 300 से अधिक यूनिट का स्लैब खत्म करने की तैयारी में है। इस स्लैब में लगभग पांच लाख से अधिक उपभोक्ता आते है। उक्त स्लैब के खत्म होते ही वे 150 से 300 यूनिट के स्लैब में आ जाएंगे। वहीं 150 से 300 यूनिट की खपत करने वाले करीब 25 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल चुकाना होगा। 1537 करोड़ की भरपाई आगामी वर्ष के लिए बिजली कंपनियों को सभी मदों से 49,530 करोड़ के राजस्व की जरूरत होगी, लेकिन उसे 47,992 करोड़ रुपए का राजस्व ही प्राप्त हो सकेगा । उसे प्रस्तावित हानि 1,537 करोड़ रुपए की होगी। हानि को पूरा करने दरें बढ़ाने की अनुमति मांगी है ।