मप्र पुलिस विभाग में बम्पर तबादले की तैयारी

मप्र पुलिस

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मप्र की शिवराज सरकार ने मैदानी जमावट शुरू कर दी है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार पिछले तीन वर्ष से एक ही जिले में पदस्थ पुलिस अफसरों से लेकर निरीक्षक तक हटाए जाएंगे। जानकारी के अनुसार गृह विभाग के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों से 31 जनवरी की स्थिति में ऐसे निरीक्षकों के संबंध में 27 मई तक की जानकारी मंगाकर, सूची तैयार कर गृह विभाग को भेज दी है। माना जा रहा है कि महीने भर के अंदर ट्रांसफर सूची जारी कर दी जाएगी। रीवा, जबलपुर और शहडोल जोन के एडीजी हटाए जाएंगे। साथ ही दो आईजी और 5 डीआईजी को भी रेंज से पीएचक्यू में अटैच किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग के आदेश पर चुनाव कार्य से सीधा संबंध रखने वाले आईएएस, आईपीएस, राज्य प्रशासनिक और राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के थोक तबादले राज्य सरकार करेगी। सब इंस्पेक्टर से लेकर रेंज में आईजी के रूप में पदस्थ एडीजी स्तर तक के सभी अफसर बदले जाएंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से चुनाव कार्य से सीधा संबंध रखने वाले अधिकारियों के तबादले 31 जुलाई तक करके रिपोर्ट देने को कहा है। इसके बाद चुनाव आयोग अगले महीने में चुनाव संबंधी गतिविधियां तेज करेगा।
कोई भी अधिकारी गृह जिले में पदस्थ न हो
मप्र में नई विधानसभा के गठन की कार्यवाही 6 जनवरी 2024 तक करनी है। अधिकारियों की पदस्थापना को लिए दिए निर्देश में कहा गया है कि कोई भी महिला या पुरुष अधिकारी गृह जिले में पदस्थ नहीं होना चाहिए। यदि किसी  अधिकारी का 30 जनवरी 2024 की स्थिति में पिछले चार सालों में 3 साल की अवधि का कार्यकाल पूरा हो रहा है, तो  उसे स्थानांतरित कर दिया जाए। इसमें अधिकारी के प्रमोशन के बाद एक जिले में उसकी पदस्थापना के 3 साल भी जोड़े जाएंगे। चुनाव आयोग ने कहा है कि वृहद स्तर पर ट्रांसफर नहीं करने की मंशा के अंतर्गत इंजीनियर, शिक्षक, प्रिंसिपल जिनका चुनाव से सीधा संबंध नहीं है, वे भी ट्रांसफर से मुक्त रहेंगे। अगर उनका चुनाव से सीधा संबंध चुनाव अधिकारी के संज्ञान में नहीं आता है या ऐसे अधिकारी जिनके  रिटायरमेंट में छह माह बचा है, उन्हें भी स्थानांतरण से मुक्त रखा जा सकेगा। आयोग ने यह भी कहा कि ऐसे अधिकारी जो संविदा पर या अन्य तरीके से पदस्थ है, उन्हें चुनाव संबंधी कार्यों से मुक्त रखा जा सकेगा। चुनाव आयोग ने कहा कि यह निर्देश ना सिर्फ जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी सहायक रिटर्निग अधिकारी पर लागू होगा, बल्कि सभी एसडीएम एडीएम डिप्टी कलेक्टर संयुक्त कलेक्टर तहसीलदार ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर या चुनाव से सीधे संबंध रखने वाले अधिकारी भी इसके दायरे में आएंगे। आयोग ने पुलिस विभाग के रेंज आईजी, डीआईजी, एसएएफ के कमांडेंट, एसएसपी, एसपी, एडिशनल एसपी, सीएसपी, डीएसपी, एसडीओपी, थाना प्रभारी, सब इंस्पेक्टर, रक्षित निरीक्षक, सर एजेंट मेजर या समकक्ष पदों पर कार्यरत अधिकारी जिनका चुनाव से सीधा संबंध रहेगा, उनके लिए भी यह निर्देश लागू किए हैं। सब इंस्पेक्टर गृह जिले में पदस्थ नहीं रहेंगे। सब इंस्पेक्टर 3 साल की अवधि पूरी करने पर दूसरे पुलिस सब डिवीजन में ट्रांसफर किए जाएंगे।
इनका होगा तबादला
दरअसल, विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने पिछले महीने 70 से अधिक आईपीएस अफसरों के तबादले किए थे। दो दर्जन से अधिक जिलों के एसपी के भी तबादले किए गए थे। अब आखिरी सूची में तीन साल से एक ही जिले या रेंज में पदस्थ एडीजी, आईजी और डीआईजी रैंक के अफसरों के नाम शामिल हैं। पीएचक्यू में पदस्थ अफसरों ने बताया कि रीवा में केपी वेंकेटेश्वर राव जोन एडीजी के तौर पर साल 2021 से पदस्थ हैं। एडीजी शहडोल डीसी सागर और जबलपुर में एडीजी उमेश जोगा को हटाया जाएगा। साथ ही उज्जैन आईजी संतोष सिंह और आईजी रेल एमएस सिकरवार का भी ट्रांसफर किया जाएगा। वहीं इंदौर रूलर रेंज के डीआईजी चंद्र शेखर सोलंकी, जबलपुर में आरआरएस परिहार, रीवा में मिथलेश शुक्ला, नर्मदापुरम और छिंदवाड़ा रेंज में पदस्थ जेएस राजपूत को भी हटाया जाएगा। इन अफसरों के नाम पीएचक्यू ने गृह विभाग को भेज दिए हैं। ट्रांसफर से पहले सूची सीएम सचिवालय भेजी जाएगी। इसके बाद ही लिस्ट जारी होगी।
छानबीन समितियां भी गठित
जानकारी के अनुसार डीजीपी ने निरीक्षक, एसआई एवं एएसआई को उच्च पद का कार्यवाहक प्रभार देने के लिए दो छानबीन समितियों का भी गठन किया है। बता दें की कार्यपालिक बल के उपनिरीक्षक से निरीक्षक स्तर के व्यक्तियों को उच्च पद का प्रभार देने के लिए गठित छानबीन समिति के अध्यक्ष एडीजीपी पीटीआरआई पुलिस मुख्यालय भोपाल जी. जनार्दन बनाए गए हैं। तो वहीं सहायक उपनिरीक्षक से उप निरीक्षक स्तर के पुलिस कर्मियों को उच्च पद का प्रभार देने के लिए गठित छानबीन समिति के अध्यक्ष एडीजीपी एससीआरबी पुलिस मुख्यालय भोपाल चंचल शेखर बनाए गए हैं। अफसरों ने बताया कि सब इंस्पेक्टर की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर अभी चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। इसलिए माना जा रहा है कि सब इंस्पेक्टर जिले में ही रहेंगे। गुजरात और कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग की गाइडलाइन को यदि देखें तो सब इंस्पेक्टर के जिले में चार पूरे होने की स्थिति में तीन साल एक ही विधानसभा क्षेत्र में पोस्टिंग नहीं होनी चाहिए। इस लिहाज से सब इंस्पेक्टर का जिले में ही ट्रांसफर दूसरी विधानसभा क्षेत्र में किया जा सकेगा। उन्हें जिले से बाहर नहीं भेजा जाएगा।
ये भी बदले जाएंगे
बताया जा रहा है की प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उठाया जा रहा है। ऐसे कार्यवाहक निरीक्षक जो उप निरीक्षक के पद पर रहते हुए उसी जिले में कार्यवाहक निरीक्षक के पद पर पदस्थ हो गए हैं और उनकी सेवाएं भी तीन साल से अधिक हो गई तो ऐसे कार्यवाहक निरीक्षकों की सेवाकाल की गणना भी उप निरीक्षक को पदस्थापना दिनांक से की जाएगी। जानकारी के अनुसार जो विगत चार वर्ष की अवधि में उसी जिले में पूर्व में निम्न पद पर पदस्थ रहे हैं या अन्यत्र जिला से स्थानांतरित होकर उसी जिले में वापस आए हैं तो उनकी पूर्व तैनाती अवधि को भी गणना में शामिल किया जाएगा। पीएचक्यू द्वारा तैयार की गई सूची में तीन साल से एक ही जिले में पदस्थ प्रदेश के 700 से 1800 इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी इससे प्रभावित होंगे। इसे 6 जनवरी 2024 तक की स्थिति में माना जा रहा है। इस स्थिति में चुनाव आयोग के निर्देश हैं कि 1 जनवरी 2024 तक चार साल में ऐसे कितने अफसर हैं, जिनकी पोस्टिंग को तीन साल हो रहे हैं, ऐसे अधिकारियों को दीगर जिलों में ट्रांसफर किया जाना है। इन अधिकारियों में इंस्पेक्टर और कार्यवाहक इंस्पेक्टर शामिल हैं, जिनकी संख्या 700 से 800 के बीच होगी। इससे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन जैसे बड़े जिले भी प्रभावित होंगे। इसके बाद संभवत: जून अंत तक ट्रांसफर लिस्ट जारी की जाएगी। इससे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन जैसे बड़े जिले भी प्रभावित होंगे।

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