प्रीपेड स्मार्ट मीटर: समय के हिसाब से होगी बिलिंग

प्रीपेड स्मार्ट मीटर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बिजली चोरी रोकने के लिए अब प्रदेश में बिजली कंपनियों द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश के कई इलाकों में तो हजारों की संख्या में नए प्रीपेड मीटर तो लगाए भी जा चुके हैं। इन नए मीटरों से होने वाली बिलिंग के लिए मैकेनिज्म को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत अलग -अलग समय पर बिजली के उपयोग पर अलग-अलग दर से बिंलिग की जाएगी। इसके अलावा इस मीटर से बिजली का उपयोग करने के लिए कम से कम सौ रुपए से रीचार्ज करना होगा। यह रीचार्ज सिस्टम ठीक उसी तरह से काम करेगा, जैसे प्री-पेड मोबाइल का काम करता है।
दिए गए दिशा निर्देशों के मुताबिक प्री-पेड स्मार्टमीटर से होने वाली बिलिंग 24 घंटे में समय के हिसाब से तय दरों के आधार पर की जाएगी। इसके लिए चार स्लैब तय किए गए हैं। जिस समय सर्वाधिक बिजली की खपत होती है, वह समय है शाम छह से रात नौ बजे तक का। इस समय सर्वाधिक बिजली की दर होगी, जबकि रात दस बजे से सुबह छह बजे तक बिजली की दर सबसे सस्ती तय की गई है। इसी तरह से दिन में भी दो स्लैब से बिङ्क्षलग की जाएगी। शुरुआती दौर में अकेले भोपाल में ही करीब डेढ़ लाख प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है। अहम बात यह है कि  प्री-पेड स्मार्ट मीटर बिलिंग मैकेनिज्म में मोबाइल रिचार्ज की तरह रियल टाइम प्री- पेड सुविधा मिलेगी। लो-बैलेंस होने पर उपभोक्ता राशि किसी भी ऐप से जमा करेगा और उसका अकाउंट चार्ज हो जाएगा। उपभोक्ता को रोजाना और माह के आधार पर एसएमएस से रीडिंग मिल जाएगी। ये वेबसाइट व मोबाइल ऐप पर भी होगी। जमा राशि खत्म होने को लेकर अलर्ट मैसेज जारी करना होगा। इसके बाद बिजली मीटर  रीडिंग की बिलिंग के लिए कोई कर्मचारी नहीं आएगा, बल्कि रिमोट मीटर रीडिंग सिस्टम से बिल जेनरेट हो जाएगा।
इस तरह के भी प्रावधान
इस तरह के मीटरों को लगवाने के लिए सुरक्षा निधि नहीं ली जाएगी, बल्कि नए मीटर में सुरक्षा निधि एडजस्ट की जाएगी। इसके अलावा उपभोक्ता चाहे तो खुद ही मीटर खरीदकर अपने स्तर से लगवा सकता है। बिल की राशि कटने की जानकारी एसएमएस से मिलेगी। इसी तरह से कनेक्शन कटने से पहले तीन दिन का ग्रेस पीरियड दिया जाएगा। लोड को जरूरत के अनुसार बढ़ाया व घटाया जा सकता है। स्मार्ट मीटर्स में उपभोक्ता अपना डिस्ट्रीब्यूटर कभी भी बदल सकते हैं। बिलिंग व रीडिंग से जुड़ी शिकायतें कम होंगी। यह सिस्टम जीरो एरर मोड पर रहेगा। ऑन डिमांड कभी भी रीडिंग की जा सकेगी। बिजली चोरी-मीटर रीडिंग का झंझट होगा खत्म, जरूरत के हिसाब से रिचार्ज करवाकर बिजली इस्तेमाल कर सकेंगे। उपभोक्ता के पास हर पल मीटर की रीडिंग का डाटा रहेगा। नए दिशा निर्देशों के हिसाब से बिलिंग के लिए बनाए गए स्लैब की वजह से उपभोक्ताओं की जेब पर भार बढ़ सकता है। इसी तरह से किसी कारणवश मीटर काम नहीं करता है तो भी नियमानुसार रोजाना का बिल बनता रहेगा। यह मीटर ऑटोमेटिक चालू नहीं होगा। इसे रिचार्ज 100 रुपए से मल्टीपल राशि ही किया जा सकेगा। 

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