कई आईएएस अफसरों की संपत्ति की सूूची से गायब हुई बेशकीमती जमीन

आईएएस अफसरों

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ जहां देश प्रदेश में संपत्तियों की कीमतें लगातार तेजी से बढ़ रहीं हैं, तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के कई ऐसे वरिष्ठ आईएएस अफसर हैं, जिनकी संपत्ति की कीमतों में कमी आ गई है। यह जानकारी सामने आने के बाद से सूबे की जनता आश्चर्य की स्थिति में है। खास बात यह है कि जिन ब्यूरोक्रेटस की संपत्ति में कमी आयी है उनकी संपत्ति की सूची में से बेशकीमती जमीन जरुर गायब हो गई है। दिए गए विवरण में कई  जमीनों  का कोई उल्लेख ही नहीं किया गया है। इसकी वजह से यह पता भी नहीं चल रहा है कि आखिर वह जमीन बेंच दी गईं हैं या फिर वह जमीनें गायब कैसे हो गई। अब तक जो जानकारी सामने आयी है उसके मुताबिक सूबे के 26 आईएएस अफसर ऐसे हैं, जिन्होंने बीते साल नई संपत्ति खरीदी है। इनके द्वारा अधिकांश नई सम्पत्ति भोपाल में ही खरीदी गई है। खास बात यह है कि 76 ऐसे अफसर हैं, जिनके द्वारा यह बताया गया है कि उनके पास संपत्ति के नाम पर अभी कुछ नहीं है। यह खुलासा हुआ है वर्ष 2021 में 342 और 2022 में 341 अफसरों द्वारा सरकार को दिए गए अपनी अचल संपत्ति के ब्यौरे से। फिलहाल इस साल अभी तक जिन दो अफसरों ने ब्यौरा नहीं दिया है उनमें संतोष वर्मा और रानी बंसल का नाम शामिल है। जिन अफसरों ने संपत्ति न होने की जानकारी दी है उनमें मनीष रस्तोगी, अश्विनी कुमार राय, अमनबीर सिंह बैंस, दीपक खांडेकर, हर्ष दीक्षित, नवनीत मोहन कोठारी, नीलम शमी राव, प्रतिभा पाल, प्रबल सिपाहा, प्रियंका दास सहित 76 अफसरों के नाम शामिल हैं। इनमें अधिकांश वे अफसर हैं, जो अभी जूनियर हैं। इसी तरह से जिन अफसरों की संपत्ति कम हुई है उनमें मो सुलेमान , गोपाल चंद , अभिषेक चौधरी , निकुंजकुमार श्रीवास्तव और अक्षयकुमार सिंह के नाम शामिल हैं। इनमें से अभिषेक चौधरी द्वारा वर्ष 2020 में नजफगढ़, दिल्ली में जमीन और मकान की जो जानकारी दी गई थी , उसे अब उनके द्वारा मां के नाम ट्रांसफर कर दिया गया है। इसी तरह से गोपाल चंद द्वारा जो जानकारी दी गई है, उसमें बताया गया है कि उनके इंदौर के फ्लैट की कीमत 65 लाख से घटकर 63 लाख हो गई। इसी तरह से मोहम्मद सुलेमान द्वारा वर्ष 2020 में सहारनपुर यूपी में कृषि भूमि, नोएडा में फ्लैट और भोपाल में प्रेमपुरा में 1.20 करोड़ की जमीन बताई गई थी, लेकिन अब दी गई जानकारी में भोपाल की जमीन का जिक्र ही नहीं किया गया है। उधर, निकुंजकुमार श्रीवास्तव द्वारा पिछले साल बाग मुगालिया में 1 करोड़ की और कालापानी में 35 लाख की जमीन बताई गई थी ,लेकिन अब दिए गए ब्यौरे में कालापानी की जमीन का जिक्र ही नहीं किया गया है। इसी तरह से अक्षयकुमार सिंह द्वारा 2020 में जबलपुर, लखनादौन और बोकारो में जमीन और मकान की जानकारी दी गई थी , लेकिन 2021 की दी गई जानकारी में बोकारो की संपत्ति का उल्लेख ही नहीं किया गया है।
किसकी संपत्ति में हुई वृद्धि
2021 में जिन 26 अफसरों की संपत्ति में वृद्वि हुई है उनमें अमित तोमर, भावना वालिम्बे, धर्मेंद्र कुमार जैन, गणेश शंकर मिश्रा, गौतम सिंह,कृष्णदेव त्रिपाठी, मुकेश कुमार शुक्ला, नीरज मंडलोई, पार्थ जायसवाल, राजीव चंद्र दुबे, राजेश कुमार चतुवेर्दी, राजेश कुमार राजौरा, रामप्रताप सिंह जादौन, संजय कुमार सिंह, सरिता बाला प्रजापति, शैलेंद्र सिंह, षनमुगा प्रिया मिश्रा, शशांक मिश्रा, सुभाष कुमार द्विवेदी,  स्वप्निल वानखेड़े, तरुण भटनागर, ऊषा परमार, विशेष गढ़पाले, जेएन कंसोटिया, सतेंद्र सिंह एवं तेजस्वी नायक का नाम शामिल हैं। इनमें कई अफसर तो ऐसे हैं जिनकी एक साल में दो-दो संपत्तियों का इजाफा हुआ है।

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