प्रवीण कक्कड़: पुलिसिया रौब से लेखन की विनम्रता तक

पुलिसिया रौब
  • ‘दंड से न्याय तक’ पुस्तक का विमोचन

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रवीण कक्कड़ ऐसा नाम है जिसे प्रशासन से लेकर राजनीति तक से वास्ता रचाने वाले तमाम लोगा जानते और पहचानते हैं। इसकी वजह है उनकी अपनी कार्याशैली। वे जिस क्षेत्र में उतरते हैं, उसमें अपने काम की दम पर लोह मनवा कर ही मानते हैं। यही वजह है कि पुलिस महकमे से राजनैतिक प्रबंधन   के रास्ते चलते हुए वे आज पुलिसिया रौब से लेकर लेखक की बिनम्रता तक का सफर तय कर चुके हैं। लेखन की दुनिया में अब वे एक लेखक के रूप में स्थापित हो चुके हैं। लेखन के क्षेत्र में कदम रखना और कदम रखते ही पुस्तक  लिखना कोई सामान्य बात नहीं है। किसी भी विषय पर पुस्तक लिखने के लिए विषय, शब्द और एकाग्रता के साथ गहरा अध्ययन करना पड़ता है और  प्रवीण कक्कड़ ने ये करके दिखाया। परिणाम यह निकला की उनकी पहली पुस्तक दंड से न्याय तक आज पाठकों के बीच आ चुकी है।  पुलिस, राजनीति मैनेजमेंट के बाद लेखन के रूप में उनकी तीसरा बड़ा कदम है।  
 दो दशक  तक पहनी पुलिस  की वर्दी
उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत पुलिस विभाग से की थी। पूर्व पुलिस अधिकारी प्रवीण कक्कड़ का लंबा समय पुलिस सेवा में गुजरा है, वे राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित हैं। दो दशक तक पुलिस विभाग में अपनी सेवा देने के बाद अचानक उन्होंने पुलिस की वर्दी उतार दी और राजनीति मेंनेजमेंट की ओर अपने कदम बढ़ा लिए। जिस तरह से उन्होंने पुलिस विभाग में अपनी पहचान बनाई उसी तरह  केंद्र और राज्य में राजनीति मैनेजमेंट का काम देखकर विभिन्न पार्टियों के दिग्गज नेताओं से मधुर सम्बन्ध बनाए।
केंद्रीय मंत्री के ओएसडी रहकर केंद्र की राजनीति  को नजदीक से देखा
2004 से 2011 तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय कृषि, उपभोक्ता मामलों एवं आदिवासी मामलों के केन्द्रीय मंत्री रहे कांतिलाल भूरिया के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के रूप में रहे। वे लगातार 7 साल तक भूरियाजी से जुड़े रहे। सबसे प्रमुख बात यह रही की भूरिया जी का मैनेजमेंट देखते देखते उनके विभिन्न पार्टी के दिग्गज नेताओं से क्लोज रिलेशन बनते गए। वे परिपथ मैनेजमेंट के रूप में पहचाने जाने लगे। ओएसडी की सफल भूमिका निभाने के बाद 2018 में श्री कक्कड़ के लिए गोल्डन समय आया।  जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने तब प्रवीण कक्कड़ मुख्यमंत्री के ओएसडी बन गए। बताते हैं की जब जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं थी तब पार्टी में रहते हुए प्रवीण कक्कड़, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के काफी करीब आ गए थे। इसी के चलते उन्हें  ओएसडी का तोहफा मिला।
आज हुआ पहली पुस्तक का श्रीगणेश
पुलिस से दिग्गज नेताओं के  मैनेजमेंट से लेखन तक का  सफर प्रवीण कक्कड़ के लिए यादगार बन गया हैं। अपने जीवन की पहली पुस्तक दंड से न्याय तक लिखकर लेखन के क्षेत्र में शानदार आगाज किया। निश्चित रूप से मेहनत से लिखी गई यह पुस्तक पाठकों के बीच खूब चर्चा मे आना तय है। आज होने वाले पुस्तक विमोचन के अवसर पर लेखक प्रवीण कक्कड़ को  बहुत-बहुत बधाई।

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