प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को केन्द्र के निर्देशों का इंतजार

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
  • दो माह बाद भी प्रदेश में नहीं हो सकी लागू

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। करीब दो माह पूर्व केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर को जोर-शोर से शुरु की गई प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना अब तक प्रदेश में शुरु नहीं हो सकी है। इसकी वजह है इस योजना को लेकर अब तक केन्द्र सरकार द्वारा कोई भी दिशा निर्देश जारी नहीं करना। यही वजह है कि प्रदेश की भाजपा सरकार इसका उल्लेख चुनाव प्रचार तक में नही कर सकी है। इस  योजना में 18 तरह के जरूरमंद कामगारों व शिल्पकारों को सस्ता कर्ज और अन्य तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराकर उन्हें प्रोत्साहित किया जाना है। प्रदेश में अब विधानसभा के लिए मतदान भी हो चुका है, लेकिन इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर जारी होने वाले दिशा निर्देशों का इंतजार समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस वजह से माना जा रहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लांच किया गया है, जिसका फायदा भाजपा को चुनाव में मिल सके। यही वजह है कि केंद्र सरकार इस मामले में अभी सुस्ती दिखा रही है।  योजना के लागू न हो पाने की वजह से ही मप्र सहित अन्य चुनावी राज्यों में भी भाजपा इस योजना का उल्लेख नहीं कर सकी है, जबकि यह योजना देश भर के ओबीसी और दलित वर्ग के मतदाताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। मप्र में ओबीसी की आबादी करीब 50 प्रतिशत और दलित वर्ग की जनसंख्या 16 प्रतिशत है।
योजना में इन्हें शामिल करने का प्रावधान
जानकारी के मुताबिक योजना में डेढ़ दर्जन पारंपरिक कामगारों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है। इनमें बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, पत्थर की कारीगरी करने वाले, नौका बनाने वाले, चर्मकार, राज मिस्त्री, नाई, धोबी, दर्जी, खिलौना बनाने वाले, दरी, झाडू और टोकरी बनाने वाले आदि शामिल हैं।
बिना गारंटी मिलेगा तीन लाख का लोन
योजना के पहले चरण में कामगारों को रियायती दर पर बिना गारंटी के 5 फीसदी ब्याज की दर दो किस्तों में तीन लाख का लोन मुहैया कराया जाएगा। पहले चरण में एक लाख रुपए का कर्ज और दूसरे चरण में दो लाख रुपए का कर्ज मुहैया कराया जाएगा। योजना में कामगारों को ट्रेनिंग देने के साथ ही प्रमाण पत्र प्रदान कर मान्यता दी जाएगी। ट्रेनिंग लेने वाले कामगारों को रोजाना 500 रुपए के मान से स्टाइपेंड दिया जाएगा। ट्रेनिंग करने वाले कामगारों को 15 हजार रुपए कीमत की टूल किट मुफ्त दी जाएगी।

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