कचरा और सीवेज मिलने से तालाबों में बढ़ा प्रदूषण
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अभी हाल ही में सरकार ने जल गंगा संवर्धन अभियान चलाकर प्रदेश के जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए श्रमदान किया। लेकिन सरकार के प्रयासों के बावजूद प्रदेश में कई नदियां और तालाब ऐसे हैं, जो प्रदूषण के कारण जमकर बीमारी बांट रहे हैं। रीजनल ऑफिसर एमपीपीसीबी ब्रजेश शर्मा का कहना है कि जलस्रोतों में नाले और सीवेज मिलने से रोकने के लिए नगर निगमों द्वारा काम किया जा रहा है। आम लोगों में भी जागरूकता आना जरूरी है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के तालाबों की सालों से सफाई नहीं होने और लगातार कचरा और सीवेज आदि मिलने के कारण इनकी सेहत को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। ऐसे 10 तालाबों का पानी प्रदूषित है और इसके पीने से नागरिक भी बीमार हो सकते हैं। जीवनदायिनी नदियों में भी मानवीय अपशिष्ट के साथ इंडस्ट्रियल वेस्ट मिलना नहीं रुक पा रहा। ज्यादातर नदियां वहीं सबसे ज्यादा प्रदूषित हैं जहां इंडस्ट्रियल एरिया हैं।
10 तालाब सबसे अधिक प्रदूषित
मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जलस्रोतों की मॉनिटरिंग रिपोर्ट में 10 तालाबों को असंतोषजनक बताया गया है। सीपीसीबी के मापदंड के अनुसार नदियों और तालाबों के पानी में डिजॉल्व्ड ऑक्सीजन 4 मिग्रा/ली. से अधिक, बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड 3 मिग्रा./ली. से कम होना चाहिए। इन तालाबों में यह मात्रा मापदंडों से काफी ऊपर-नीचे होने के कारण पानी प्रदूषित बताया गया है। शिवपुरी की सांख्य सागर और माधव झील सबसे साफ पाई गई है। बेतवा नदी विदिशा के चरनतीरथ घाट के पास ज्यादा प्रदूषित है। विदिशा को पेयजल आपूर्ति के लिए बने इंटेकवेल के पास भी टोटल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा ज्यादा पाई गई है। चंबल नदी नागदा के पास, ताप्ती नदी हाथनूर बुरहानपुर के पास और कलियासोत मंडीदीप के पास ज्यादा प्रदूषित है। यह अधिकांश औद्योगिक क्षेत्र हैं। पर्यावरणविद डॉ. सुभाष सी पांडे के अनुसार बीओडी तभी बढ़ता है जब नालों, सीवेज आदि का पानी तालाब में मिलता है। बीओडी जितना अधिक होगा पानी उतना ही प्रदूषित होगा। प्रदेश में जो तालाब सबसे अधिक प्रदूषित हैं उनमें मोती तालाब बालाघाट, सूपा ताल जबलपुर, गोकलपुर तालाब जबलपुर, गंगासागर तालाब जबलपुर, रानी तालाब जबलपुर, हनुमानताल जबलपुर, डलसागर तालाब सिवनी, छोटा तालाब भोपाल, शाहपुरा झील भोपाल और जमुनिया तालाब सीहोर शामिल हैं। वहीं प्रदूषित नदियों में बेतवा विदिशा में, ताप्ती बुरहानपुर में, कान्ह शकरखेड़ी इंदौर में, चंबल नदी नागदा में और शिप्रा नदी उज्जैन शामिल है।
27/06/2024
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