मालवाचंल: कई नेताओं का राजनैतिक भाग्य दांव पर

राजनैतिक भाग्य
  • पार्टियों ने हार के बाद भी दिया इस बार मौका…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। इस बार का विधानसभा चुनाव मालवांचल के कई नेताओं के लिए अग्निपरीक्षा वाला बन चुका है। इसकी वजह है उनके चुनाव हारते ही राजनैतिक कॉरियर का सूर्यास्त होना तय है। यही वजह है कि इस तरह के उम्मीदवारों की धडक़ने जमकर बढ़ी हुई हैं। इस बार मतदान के 16 दिनों बाद 3 दिसंबर को मतगणना होनी है, जिसकी वजह से इस तरह के नेता लगातार गुणाभाग में उलझे हुए हैं। मालवा-निमाड़ की 66 सीटों पर भी ऐसे कई चेहरे हैं, जिनका राजनीतिक भविष्य भी इस बार के चुनाव परिणामों से तय हो जाएगा। इनमें से ई नेता तो ऐसे हैं, जो अगर चुनाव हारते हैं तो शायद ही उन्हें फिर पार्टी चुनाव लडऩे को कोई मौका दे। इसकी अपनी -अपनी वजहे हैं। पांच साल बाद किसी के आड़े उम्र तो कुछ को लगातार हार से पार्टी किनारा कर लेगी। अहम बात यह है कि ऐसे चेहरों में दोनों प्रमुख दल कांग्रेस व भाजपा के नेता शामिल हैं। इनमें से कुछ नेताओं के सामने विपक्ष से अधिक अपने ही बागयिों की चुनौती रही है। अगर भाजपा की बात करें तो उनमें से लगभग सभी चेहरे बीते चुनाव में भी हार चुके हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें एक और मौका देते  हुए इस बार प्रत्याशी बनाया है। इनमें वे चेहरे भी शामिल हैं, जो मंत्री रहने के बाद भी चुनाव हार चुके हैं। ऐसे नेताओं में कई पूर्व विधायक भी शामिल हैं। ऐसे भाजपा नेताओं में अर्चना चिटनीस , मधु वर्मा, मनोज पटेल, महेंद्र हार्डिया, राजकुमार मेव, आत्माराम पटेल,बालकृष्ण पाटीदार, अंतर सिंह आर्य, अंतर सिंह पटेल, नागर सिंह चौहान, निर्मला भूरिया और सरदार सिंह मेड़ा के नाम शामिल हैं। इसमें महेन्द्र हार्डिरूा को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी बीत विधानसभा चुनाव भी हार गए थे।
कांग्रेस में यह चेहरे
अगर कांग्रेस की बात की जाए तो उसमें भी इस अंचल में कई चेहरे हैं, अगर वे हारते हैं, तो उनके भी राजनैतिक करियर पर विराम लगना तय माना जा रहा है। इनमें प्रभा गौतम, विक्रांत भूरिया,  सत्यनारायण पटेल, समंदर पटेल, उत्तम पाल सिंह, कुंदन मालवीय, चंद्रभागा किराड़े, भंवर सिंह शेखावत, रामवीर सिंह सिकरवार, राजीव सिंह बघेल,  राकेश पाटीदार और सुभाष सोजतिया जैसे नाम शामिल हैं। इनमें से कई आम चुनाव तो कई उपचुनाव में भी हार चुके हैं।
इन बड़ी हार वालों पर भी दांव
अजब गजब बात यह है कि इस बार पार्टियों ने ऐसे नेताओं को भी टिकट दिया है, जो 25 हजार से अधिक मतों से बीता चुनाव हार चुके हैं। इसके उलट उन नेताओं का जरुर टिकट काट दिया गया , जो पांच हजार के करीब के अंतराल से हारे थे। इस बार भाजपा ने जिन 25 हजार से अधिक मतों से हारने  वाले चेहरों पर दांव लगाया है उनमें श्योपुर से दुर्गालाल विजय, भैंसदेही से महेंद्र सिंह चौहान, राजगढ़ से अमर सिंह यादव, खिलचीपुर से हजारीलाल दांगी, शाजापुर से अरुण भीमावत, महेश्वर से राजकुमार मेव, थांदला से कल सिंह भांबर, गंधवानी से सरदार सिंह मेड़ा शामिल हैं।

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