तीन अरब से ज्यादा के काम करेगा पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन

पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन

मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत हर साल पांच हजार आवास बनाने के लिए मिलेंगे तीन सौ करोड़

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम।
मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को इस वित्तीय वर्ष के आवास एवं भवन निर्माण के लिए बजट में 300 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी। इससे पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन एक बार फिर पटरी पर आ जाएगा। दरअसल पिछले दो वित्तीय वर्षों में पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को निर्माण कार्यों के बजट के लिए तरसना पड़ा है।
यही वजह रही कि कार्पोरेशन का काम भी बेपटरी हो गया था लेकिन अब इस वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को तीन तीन सौ करोड़ की राशि आवास एवं भवन निर्माण के लिए दी जाएगी। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन कुल पांच फेज में भवन निर्माण का कार्य कर रहा है। जिसमें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पच्चीस हजार आवास बनाने का लक्ष्य है। फिलहाल पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा छह महीने पहले ही 2700 आवास (बहुमंजिला भवन) का निर्माण कार्य लगभग पूरा किया कर लिया गया है। अब जल्द ही यह मकान पुलिसकर्मियों को आवंटित कर दिए जाएंगे। कार्पोरेशन में एमडी रहे आईपीएस अजय शर्मा के कार्यकाल में कार्पोरेशन ने लक्ष्य तय किया था कि पिछले बकाया 220 करोड़ रुपए के साथ ही यदि पर्याप्त राशि मिल जाती है तो इस साल के अंत तक दस हजार आवासों का निर्माण पूरा करा लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे बहुमंजिला भवन: उल्लेखनीय है कि पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पांच फेज में पुलिस कर्मचारियों के लिए पच्चीस हजार आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। पहले दो वर्षों में दस हजार आवासों का निर्माण कर इन्हें कर्मचारियों को आवंटन भी कर दिया गया। बाकी बचे 15 हजार मकान तीन सालों में बनाने थे लेकिन बजट की कमी के कारण इस काम में रुकावट आ गई। दरअसल केंद्र की पुलिस आधुनिकीकरण योजना में आवास निर्माण की राशि बंद करने के बाद 2015 के तत्कालीन भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना प्रारंभ की थी। इसके तहत हर साल पांच हजार आवास (बहुमंजिला भवन) बनाने के लिए पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन को हर साल तीन सौ करोड़ से ज्यादा के बजट का प्रावधान किया गया था। वहीं 2018 में सत्ता परिवर्तन हुआ और प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद इस बजट में कटौती करने से आवास एवं भवनों का निर्माण कार्य रुक गया। पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के सूत्रों की माने तो वर्तमान स्थिति में तीसरे फेज को मिलाकर कुल 11150 आवास बनाकर इनका पजेशन दिया जा चुका है। बहरहाल कार्पोरेशन पांच फेज के तहत अपनी तैयारी कर चुका है।
अजय शर्मा के प्रयासों से मिली राशि
पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। इस दौरान कार्पोरेशन को बजट के लाले पड़ गए थे। हालांकि उसके बाद पिछले वर्ष पुलिस अफसरों के हुए फेरबदल के बाद यहां आईपीएस अजय शर्मा को प्रबंध संचालक की कमान सौंपी गई। उनके आने के बाद स्थिति में सुधार आया। आईपीएस अजय शर्मा द्वारा पुलिस मुख्यालय के माध्यम से शासन स्तर पर किए गए प्रयासों से दिसंबर 2020 तक कार्पोरेशन को 354 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए। इसी तरह योजना शाखा को भी इस साल की शुरूआत में ही साठ करोड़ रुपए आवंटित कराए गए। हालांकि इससे पूर्व ही राज्य शासन ने दिसंबर से पहले तीन किस्तों में डेढ़ सौ करोड रुपए से ज्यादा आवंटित किए थे। इसके बाद 78 करोड़ और मिले। इस तरह कार्पोरेशन द्वारा मांगे जा रहे 220 करोड़ रुपए की अपेक्षा अब तक 354 करोड रुपए का भुगतान हो चुका है।
छोटे जिलों में भी हो सकेंगे निर्माण कार्य
उल्लेखनीय है कि कार्पोरेशन की माली हालत खराब होने और निर्माण कार्य ठप होने पर कार्पोरेशन ने शासन से बैंकों से कर्ज लेने की अनुमति मांगी थी लेकिन अब चूंकि कार्पोरेशन को राशि मिलने लगी है इसलिए कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कार्पोरेशन को तत्कालीन एमडी अजय शर्मा के प्रयासों से आधा दर्जन अन्य विभागों से भी निर्माण कार्य के लिए करोड़ के प्रोजेक्ट मिले हैं। इन विभागों से कार्पोरेशन के साथ अनुबंध हो चुका है। अब इनके निर्माण कार्य भी शुरू किए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक कार्पोरेशन अब बड़े शहरों के अलावा छोटे जिलों में भी पुलिस कर्मचारियों के लिए आवास, थाना, चौकी, पुलिस लाइन तथा कंट्रोल रूम भवन बनाने की तैयारी कर रहा है।

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