- मार्च प्रथम सप्ताह से सघन जांच अभियान चलाया जाएगा
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आगामी समय में होने वाले लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर प्रदेश में तैयारियां शुरू कर दी गई है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए कानून-व्यवस्था की गहन मॉनिटरिंग अगले माह से प्रारंभ की जाएगी। वर्तमान में इसके लिए उन क्षेत्रों को चिन्हित किया जा रहा है, जिन क्षेत्रों में चुनाव के दौरान अपराध की घटनाएं ज्यादा होती हैं। ऐसे अपराधियों पर कड़ी निगरानी की जा रही है, जो बार-बार अपराध करते हैं। इन क्षेत्रों में मार्च प्रथम सप्ताह से सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। बताया जाता है कि भारत निर्वाचन आयोग मार्च के प्रथम सप्ताह में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। जिले स्तर पर चुनाव की तैयारियों पूरी हो गई हैं, इसकी मुख्य वजह यह है कि मध्य प्रदेश में चार माह पहले ही विधानसभा चुनाव हुए थे। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार, प्रदेशभर में विभिन्न विभागों एवं पुलिस अधिकारियों की समन्वय बैठक आयोजित हो रही है और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। अधिकारियों से कहा गया है कि, पिछले दिनों सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में सभी विभागों एवं पुलिस अधिकारियों ने समन्वय के साथ अच्छा काम किया है। जिसके कारण प्रदेश में शांतिपूर्वक पारदर्शिता के साथ निष्पक्ष मतदान करवाने में सफलता मिली है। आगामी लोकसभा चुनाव-2024 के लिए भी इसी तरह का समन्वय बनाए रखना है। लोकसभा चुनाव के लिए सेक्टर ऑफिसर नियुक्त कर दिए गए हैं। इन सेक्टर ऑफिसर को सेक्टर पुलिस ऑफिसर्स के साथ समन्वय कर अपने क्षेत्र के मतदान केन्द्रों का शीघ्र भ्रमण करना होगा।
ट्रेनिंग देने का काम भी शुरू
चुनाव की करीब आठ माह से तैयारियां की जा रही थीं, इससे मप्र में लोकसभा चुनाव के लिए मैदानी अधिकारियों को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी। सरकार को एक बार अधिकारियों और मतदान कर्मियों को चुनाव की ट्रेनिंग देना होगा। यह काम शुरू कर दिया गया है, जिला निर्वाचन और उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को ट्रेनिंग देने का काम शुरू कर दिया गया है। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के पहले चुनाव आयोग प्रदेश के उप जिला निर्वाचन अधिकारियों और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की चुनाव की बारीकियां सिखा रहा है। आचार संहिता लागू होने के बाद आपराधिक प्रकरण वाले उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के साथ नामांकन पत्रों की गहन समीक्षा को लेकर आयोग द्वारा तय की गई गाइडलाइन से इन अफसरों को अवगत कराया जा रहा है। इसके साथ ही वल्नरेबिल मैंपिंग और पिछले चुनाव के मुकाबल वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को लेकर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर भी प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान हर जिले की परिस्थितियों के हिसाब से डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन मैनेजमेंट प्लान तैयार करने की प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है। चुनाव आयोग द्वारा पिछले माह 19 जनवरी से 29 जनवरी के बीच तीन चरण में लोकसभा चुनाव तैयारी की ट्रेनिंग जिला निर्वाचन अधिकारियों और कलेक्टरों को दी गई थी। इसलिए इस प्रशिक्षण में कलेक्टरों को नहीं बुलाया गया है। आयोग चूंकि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद अब कभी भी चुनाव कार्यक्रम घोषित कर सकता है, इसलिए चुनाव संबंधी सभी तैयारियों को पूरा करने में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय जुट गया है।
सावधानी व सतर्कता पर जोर
चुनाव के मद्देनजर साम्प्रदायिक एवं जातिगत रूप से संवेदनशील स्थलों पर अधिक नजर रखने का निर्णय लिया गया है। निर्देश दिया गया है कि सभी अधिकारी सावधानी व सर्तकता के साथ काम करें और हर छोटी घटना पर पैनी नजर रखें। सभी अधिकारी संवेदनशील मतदान केन्द्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा ले लेंगे। आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों एवं समाज की शांति भंग करने वाले लोगों के विरूद्ध जिला बदर एवं बांड ओवर की कार्यवाही की जा रही है। लाइसेंसी हथियार जमा करने की प्रक्रिया अगले माह से शुरू होगी। जिला निर्वाचन अधिकारी स्तर पर ऐसे लाइसेंसधारियों की सूची बनाई जा रही है, जिनके लाइसेंस रिन्यू नहीं हुए हैं। ऐसे लाइसेंसधारियों के यहां जिला प्रशासन और पुलिस की टीम पहुंचेगी।
इन बिंदुओं पर ट्रेनिंग दे रहे मास्टर ट्रेनर
जिलों से आए अधिकारियों को जिन बिंदुओं पर ट्रेनिंग दी जा रही है उसमें डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन मैजनेमेंट प्लान, ईटीपीबीएस (डाक मतपत्र), नाम निर्देशन पत्र संवीक्षा, नॉमिनेशन इन्क्लूडिंग इंस्ट्रक्शन ऑफ क्रिमिनल अटेंडेंट, आदर्श आचार संहिता, पोस्टल बैलेट, पेड न्यूज, एमसीएमसी (मीडिया मॉनिटरिंग), ईवीएम-वीवीपीएटी तथा स्वीप एक्टिविटी शामिल हैं। इसके लिए नेशनल मास्टर ट्रेनर व उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद कुमार शुक्ला, नेशनल मास्टर ट्रेनर डॉ. वाईपी सिंह, डॉ. पीएन सनेसर, डॉ. मनीष कुमार अग्रवाल, डॉ. पंकज सिंह सरोनिया, गजेंद्र उज्जैनकर, डॉ. विजय कुमार सुखवानी, महेश अग्रवाल, प्रवास जैन, डॉ. विजय कुमार वर्मा द्वारा प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है।