- लगातार दो रिपोर्ट ने खोली प्रदेश के जंगल महकमे की कलई ..
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश के वन महकमा जंगलों को लेकर कितना लापरवाह बना हुआ है इसकी कलई खुद फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की लगातार दो रिपोर्ट ने खोलकर रख दी है। इसमें बताया गया है कि प्रदेश में अति सघन वन क्षेत्र कम हो रहा है और ओपन फारेस्ट वन क्षेत्र के दायरे में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके उलट तीन साल पहले 2018 में प्रदेश में विभाग द्वारा फॉरेस्ट डेंसिटी को बढ़ाने के लिए शुरू किए गए ग्रीन इंडिया मिशन के तहत करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बाद भी अपेक्षित परिणाम नहीं आ सके हैं। इस मामले में वन महकमे के एक आला अफसर ने एक पत्र लिखकर ग्रीन इंडिया मिशन के साइट सिलेक्शन को लेकर ही गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पत्र अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अधिकारी द्वारा लिखा गया है। पत्र ग्रीन इंडिया मिशन के प्रमुख एवं एपीसीसीएफ रमन कुमार श्रीवास्तव को लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि मिशन के तहत जिस क्षेत्र का चयन किया गया है वहां का वन आवरण का घनत्व 0.।5 से अधिक है। यही नहीं, यह सघन वन एवं साबुन तथा मिश्रित प्रजातियों आच्छादित स्थल गुणवत्ता तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी-अ के वनों से आच्छादित वन है। चयन स्थल पर सवाल उठाते हुए अफसर ने पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि वृक्षारोपण क्षेत्र के चयन में वर्किंग प्लान के प्रावधानों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है।
यह लिखा पत्र में: 18 जनवरी को लिखे गए इस पत्र में ग्रीन इंडिया मिशन की पोल खोलते हुए एपीसीसीएफ ने लिखा है कि क्षेत्र में ग्रीन इंडिया मिशन के तहत वर्ष 2020 में 125 हेक्टर इंडिया का चयन किया गया है। इसमें 11000 पौधों का रोपण किया गया है, जो जीवित है किंतु उनकी गुणवत्ता अत्यंत खराब है। पत्र में आगे लिखा गया है कि क्षेत्र का चयन वृक्षारोपण हेतु नहीं किया जाना चाहिए था। अधिकारी ने लिखा है कि मिशन के बजट की राशि का दुरुपयोग किया गया है। खास बात यह है कि यह पत्र उनके द्वारा उत्तर वन मंडल बैतूल के भौरा रेंज क्रमांक-130 के दौरे के बाद लिखा गया है।
एक दर्जन वन मंडलों में की गई गड़बड़ी
सूत्रों की माने तो इस तरह की गड़बड़ी ग्रीन इंडिया मिशन द्वारा अकेले उत्तर वन मंडल बैतूल में ही नहीं की गई है, बल्कि रायसेन, सागर सहित एक दर्जन वनमंडलों में भी की गई है। एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि 0.।5 घनत्व वाले वन क्षेत्र को चयन करने के पीछे मंशा यही रही होगी की असफल वृक्षारोपण की पोल न खुल सके। दरअसल केंद्र सरकार ने ग्रीन इंडिया मिशन बिगड़े वन क्षेत्र को सुधारने के उद्देश्य से शुरू किया है। इस मिशन के तहत काम करने वाले अफसर वनों की जगह अपनी सुख-सुविधा पर राशि खर्च करने में अधिक रुचि ले रहे हैं। इसके उलट उनके द्वारा अति घनत्व वन क्षेत्र के जंगल की फोटो ड्रोन से लेकर विभाग की वेबसाइट पर डालकर वाहवाही लूटी जा रही है।
01/02/2022
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