संसद में मप्र के आधे से अधिक सांसदों की परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं

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– सदन में ओवर ऑल परफॉर्मेंस में सुधीर गुप्ता अव्वल, तो हिमाद्री सिंह फिसड्डी

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी /बिच्छू डॉट कॉम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिदायत के बाद भी संसद में मप्र के सांसदों की परफॉर्मेंस देश के अन्य राज्यों के सांसदों से कमतर है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अब तक लोकसभा के 7 सत्र हुए हैं। इन सत्रों में मुद्दे उठाने, सवाल पूछने और प्राइवेट बिल लाने में मप्र के आधे से अधिक सांसद फिसड्डी साबित हुए हैं। सदन में ओवर ऑल परफॉर्मेंस देखी जाए तो मंदसौर से भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता की परफॉर्मेंस सबसे बेहतर है वहीं, शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह की सबसे खराब। वर्तमान संसदीय कार्यकाल का आंकलन किया जाए तो अब तक आयोजित लोकसभा के सात सत्र के दौरान मुद्दे उठाने और बहस करने में सतना से भाजपा सांसद गणेश सिंह ने प्रदेश के अन्य सांसदों को पछाड़ दिया है। उन्होंने 57 बार बहस में भाग लेकर मुद्दों को उठाया है, जबकि 388 सवाल पूछकर मंदसौर से भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता ने सरकार से सवाल पूछने में अन्य सांसदों को पीछे छोड़ा है। अगर ओवरऑल परफॉर्मेंस की बात की जाए तो सुधीर गुप्ता प्रदेश में अव्वल हैं। वहीं खंडवा से सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल हाल ही में उपचुनाव जीतकर सदन पहुंचे हैं। उनका पहला सत्र था, जिसमें वह सिर्फ एक सवाल पूछ सके हैं, जबकि किसी भी बहस में बोलने का उन्हें मौका नहीं मिला।
सुधीर, रीति, जनार्दन और डामर ने पेश किए प्राइवेट बिल
प्रदेश में 29 सांसद हैं। इनमें से नरेंद्र सिंह तोमर, वीरेंद्र कुमार, फग्गन सिंह और प्रहलाद सिंह पटेल मंत्री हैं। इसलिए सांसदों की परफॉर्मेंस के आंकलन में इन्हें शामिल नहीं किया गया है। आंकलन के अनुसार मप्र के माननीयों में से केवल सुधीर गुप्ता, रीति पाठक, जनार्दन मिश्रा और गुमान सिंह डामोर ने ही सदन में प्राइवेट बिल पेश किए हैं। सात सत्रों में मप्र के सांसदों ने मात्र 6 प्राइवेट बिल सदन में पेश किए हैं।
लोकसभा के सात सत्रों में माननीयों की परफॉर्मेंस
सतना सांसद गणेश सिंह ने अभी तक 57 बहस में भाग लिया है। वहीं उन्होंने 97 सवाल लगाए हैं। होशंगाबाद सांसद उदय प्रताप सिंह 56 बहस में शामिल हुए, 110 सवाल पूछे हैं। मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता, 48 बहस में शामिल हुए 388 सवाल पूछे और एक प्राइवेट बिल लाए हैं। बालाघाट सांसद ढाल सिंह बिसेन 34 बहस में शामिल हुए 62 सवाल पूछे हैं। सीधी सांसद रीति पाठक 33 बहस में शामिल हुईं और उन्होंने 151 सवाल पूछे और 3 प्राइवेट बिल लाईं हैं। इंदौर सांसद शंकर लालवानी 27 बहस में शामिल हुए और 87 सवाल पूछे, रीवा सांसद जर्नादन मिश्रा 25 बहस में शामिल हुए और 80 सवाल पूछे और एक प्राइवेट बिल लाए हैं। जबलपुर सांसद राकेश सिंह 25 बहस में शामिल हुए और 75 सवाल पूछे, गुना सांसद कृष्णपाल सिंह 21 बहस में शामिल हुए और 127 सवाल पूछे, ग्वालियर सांसद विवेक नारायण 18 बहस में शामिल हुए और 45 सवाल पूछे, उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया 18 बहस में शामिल हुए और 157 सवाल पूछे, राजगढ़ सांसद रोडमल नागर 18 बहस में शामिल हुए 134 और सवाल पूछे, खरगोन सांसद गजेंद्र सिंह पटेल 16 बहस में शामिल हुए और 45 सवाल पूछे, खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा 15 बहस में शामिल हुए और 93 सवाल पूछे, भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह 15 बहस में शामिल हुईं  और  36 सवाल पूछे, बैतूल सांसद दुगार्दास उइके 12 बहस में शामिल हुए और 4 सवाल पूछे, भिंड सांसद संध्या राय 11 बहस में शामिल हुईं और 71 सवाल पूछे, रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर 11 बहस में शामिल हुए और 23 सवाल पूछे और एक प्राइवेट बिल लाए हैं। धार सांसद छतर सिंह दरबार 9 बहस में शामिल हुए और 23सवाल पूछे, देवास सांसद महेंद्र सिंह, 8 बहस में शामिल हुए और 29 सवाल पूछे, सागर सांसद राजबहादुर सिंह, 5 बहस में शामिल हुए 34 सवाल पूछे, विदिशा सांसद रमाकांत भार्गव, 3 बहस में शामिल हुए और 34 सवाल पूछे, शहडोल सांसद हिमाद्रि सिंह, 2 बहस में शामिल हुर्इं और 2 सवाल पूछे और छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ 1 बहस में शामिल हुए तथा और 4 सवाल पूछे हैं।

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