181 पर कॉल कर लोगों ने बचाया 50 करोड़

181 पर कॉल
  • 1 साल में  23.95 लाख लोगों ने उठाया सरकार सुविधा का फायदा

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।
    मप्र सरकार द्वारा शुरू की गई 181 सीएम हेल्पलाइन योजना अब लोगों के लिए संजीवनी  बन चुकी है।  लोग इस नंबर पर कॉल कर मूल निवास, आय प्रमाण पत्र, खसरा, खतौनी और नक्शे की नकल घर बैठे पा रहे हैं, जिसकी वजह से वे अनावश्यक खर्च से बच रहे हैं। बीते 12 माह में 32.95 लाख लोगों ने 49.42 करोड़ रुपए की बचत की है। यह बचत इन्हें 10 सर्विस वॉट्सएप से जोड़ने की वजह से हुई है। एमपी स्टेट इलेक्ट्रानिक डवलपमेंट कापोर्रेशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर नंद कुमारम का कहना है कि कुछ सर्विस को हमने एक साल पहले वॉट्सएप से जोड़ऩा शुरू किया है। इससे आवेदकों को अब सेंटर पर चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। आने वाले समय में हम इसे और सरल बनाएंगे।
    गौरतलब है कि  एमपी स्टेट इलेक्ट्रानिक डवलपमेंट कापोर्रेशन लिमिटेड ने आय प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, खसरा, खतौनी, नक्शे समेत लगभग 10 सेवाओं को वॉट्सएप से जोड़ दिया है। इसके लिए व्यक्ति को 181 पर कॉल करना होता है और इसके बाद वॉट्सएप नंबर पर दस्तावेज की सर्टिफाइड कॉपी मिल जाती है। यह सुविधा कोविड सर्टिफिकेट सर्विस से मिलती जुलती है, लेकिन इसका लाभ लेने के लिए वेरिफिकेशन प्रक्रिया रखी गई है। इसमें 181 पर कॉल करने के बाद अपना आधार नंबर व वॉट्सएप नंबर बताना होता है। सही जानकारी दर्ज होने के बाद सर्टिफिकेट की सर्टिफाइड कॉपी सीधे वॉट्सएप पर पीडीएफ फार्मेट में मिल रही है। जबकि 12 महीने पहले तक इन्हीं दस्तावेजों के लिए कम से कम दो बार लोगों को लोक सेवा से केंद्र तक जाना पड़ता था। फीस के अलावा एजेंट की फीस लगती थी। ऐसे एक आदमी के करीब 150 रुपए एक बार में खर्च होते थे।
    इस तरह होता है काम
    10 सर्विस को वॉट्सएप से जोड़ने की प्रक्रिया अक्टूबर 2020 से शुरू की गई। इसमें मूल निवास, आय प्रमाण पत्र, खसरा, खतौनी और नक्शे की नकल शामिल है। अभी तक 19.64 लाख ने इसका लाभ लिया है। इनके लिए 181 नंबर पर कॉल करें। आवेदक से उसके आधार नंबर और मोबाइल नंबर की जानकारी मांगी जाती है। ओटीपी नंबर बताते ही आवेदन सबमिट हो जाता है। इसके बाद आवेदक के पास डाटा वेरीफाई करने के लिए लिंक भेजी जाती है। आवेदक को यस और नो पर क्लिक करना होता है। मामला एक दिन के लिए स्टेट लेवल ऑफिसर के पास जाता है और अगले दिन व्हाट्सएप पर सर्टिफिकेट भेज दिया जाता है।
    पहले फीस के साथ देना पड़ता था एजेंट का कमीशन
    सीएम हेल्पलाइन, एमपी पॉल्युशन, आरसीएमएस अक्टूबर 2020 से शुरू हुई। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की स्थिति, नई शिकायत, महिला हेल्पलाइन और योजनाओं की जानकारी व्हाटसएप पर मिलती है।  एमपी पॉल्यूशन में आवेदन करने पर अप्रूवल या रिजेक्शन की जानकारी टेक्सट और व्हाट्सएप पर मिलती है। आरसीएमएस के तहत रेवेन्यू कोर्ट में चल रहे केस की जानकारी के साथ ऑर्डर की कॉपी व्हाटसएप पर दी जा रही है। 380682 ने लिया लाभ। वहीं एमपीई सर्विस का नवंबर 2021 से अब तक 30842 ने लाभ लिया है। एक्सप्लोसिव लाइसेंस के साथ आरटीआई और कोविड अनुग्रह योजना का लाभ मिला है। लाडली लक्ष्मी योजना 2021 में शुरू की गई। आवेदन के अप्रूवल, रिजेक्शन स्टेटस के साथ अब सर्टिफिकेट मिल रहा है। इसका लाभ 12050 ने लिया है।  वहीं एमपी एनएचएम की भी शुरुआत दिसंबर 2021 से हुई। वैक्सीनेशन के सेकंड डोज लगते ही सर्टिफिकेट व्हाट्सएप पर पहुंच जाता है। इसका लाभ 6854 ने लिया लाभ लिया।

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