- लैंड पुलिंग एक्ट का विरोध

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी आज से प्रदेश सरकार के लैंड पूलिंग एक्ट के खिलाफ सिंगरौली से आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार के लैंड पूलिंग एक्ट को किसानों की जमीन छीनने की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्ष के नाते किसानों के साथ हो रहे इस अन्याय का विरोध करेगी। लेकिन विडंबना यह है कि उनकी सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा के बाद न तो कोई संगठन सामने आया है और ना ही कांग्रेस के किसी नेता ने आवाज उठाई है। ऐसे में लैंड पुलिंग एक्ट का विरोध करने के मामले में पटवारी अकेले पड़ गए हैं।
गौरतलब है कि 25 मार्च को पटवारी ने एक्स पर वीडियो जारी कर कहा कि ऐसा एक्ट लोकतंत्र में तो दूर, राजा-रजवाड़ों और नवाबों के समय भी नहीं लाया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देवास और आसपास के क्षेत्रों के लिए ऐसी व्यवस्था लाए थे, पर विरोध के बाद उन्हें वापस लेना पड़ा था। विपक्ष होने के नाते कांग्रेस किसानों के साथ ये अन्याय नहीं होने देगी। उन्होंने भारतीय किसान संघ से भी अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर किसानों के समर्थन में आगे आएं। ये आरोप भी लगाया कि किसान संघ कई बार किसानों के समर्थन में आगे आता है पर बाद में सरकार से मैनिपुलेट हो जाता है।
अकेले पड़े जीतू पटवारी
किसानों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पार्टी में ही अकेले पड़ते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लैंड पुलिंग एक्ट का विरोध करते हुए इस कानून का भाजपा विधायक एवं किसान संघ से भी विरोध करने की अपील की थी। पटवारी की इस अपील का खुद की पार्टी के नेताओं पर कोई असर नहीं हुआ है। अभी तक मप्र कांग्रेस का एक भी बड़ा नेता पटवारी के समर्थन में किसानों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ खड़ा होने के लिए नहीं आया है। न ही किसी नेता ने पटवारी के समर्थन में सोशल मीडिया पर भी अपील नहीं की है। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश के कुछ जिलों में किसानों की जमीन छीनने के प्रयास करने के आरोप लगाते हुए कहा कि यदि लैंड पुलिंग एक्ट लागू होता है तो भविष्य में किसान के पास जमीन नहीं रहेगी। जब किसान की जमीन ही चली जाएगी तो किसान की अगली पीढिय़ां सडक़ पर आ जाएंगी। पटवारी ने सोशल मीडिया पर अपील में कहा कि भाजपा विधायक भी इस कानून के समर्थन में आएं। साथ ही उन्होंने किसान संघ से कहा कि यदि उनकी बात का समर्थन करते हैं तो आगे आएं, नहीं तो विरोध करें। पटवारी की अपील का भाजपा विधायक एवं किसान संघ पर असर हुआ होगा, इसकी संभावना कम है। लेकिन कांग्रेस में ही इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है, क्योंकि मप्र कांग्रेस के किसी भी नेता ने पटवारी का समर्थन नहीं किया है। पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय समेत पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव भी पटवारी के साथ खड़े नहीं हुए हैं।
अभी तक कोई सामने नहीं आया
मप्र सरकार ने लैंड पूलिंग एक्ट में बदलाव करते हुए गुजरात मॉडल को हरी झंडी दे दी है, जिसके तहत लैंड पूलिंग एक्ट में किसानों को मुआवजे के बदले 50 फीसदी विकसित जमीन दी जाएगी। सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि 40 हेक्टेयर से अधिक भूमि के निवेश पर यह नियम लागू होगा। यह दावा करने से सरकार का तात्पर्य है कि बड़ी योजनाओं के लिए ही भूमि अधिग्रहित की जाएगी। छोटी योजना के लिए किसानों के छोटे-छोटे टुकड़ों को अधिग्रहित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा जो विकसित जमीन किसानों को दी जाएगी, उसकी कीमत कृषि भूमि की कीमत से 10 गुना से भी अधिक बढ़ जाएगी। लैंड पुलिंग एक्ट को लेकर सिर्फ जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज कराया है। अभी तक सड़क पर कांग्रेस का एक भी नेता नहीं आया है। यहां तक किसानों का कोई भी संघ कांग्रेस के साथ नहीं पहुंचा है। ऐसे में अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी लैंड पुलिंग एक्ट को लेकर सरकार का विरोध करके अकेले पड़ते दिखाई दे रहे हैं। पटवारी ने कहा कि पहले भी शिवराज सरकार लैंड पुलिंग एक्ट को लेकर आई थी। तब देवास आसपास के किसानों के विरोध के बाद इस एक्ट को वापस लेना पड़ा था। अब फिर से सरकार इस कानून को लेकर आ गई है। जिससे किसानों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।