कांग्रेस में घमासान, पटवारी पर भी साधा निशाना

जीतू पटवारी
  • पार्टी आलाकमान सहित कई बड़े नेताओं को लिखा पत्र

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पहले विधानसभा और उसके बाद लोकसभा चुनाव में मिली पार्टी को करारी हार के बाद अब कांग्रेस की कलह खुलकर सामने आने लगी है। दरअसल अब प्रदेश में पार्टी की कमान बेहद जूनियर नेता के पास है, जिसका लिहाज पार्टी नेता नहीं कर पा रहे हैं। पूर्व में भी कलह और गुटबाजी थी, लेकिन तब बेहद सीनियर नेताओं के पास कमान होने की वजह से पार्टी नेता परहेज किया करते थे। पार्टी आलाकमान ने अपनी पसंद के नेता जीतू पटवारी को प्रदेशाध्यक्ष बना दिया, लेकिन वे प्रभावशाली नहीं माने जाते हैं। इसका असर पार्टी के प्रदर्शन पर भी पड़ रहा है। पटवारी ऐसा नेता है जिन्हें पार्टी अलाकमान की पसंद के चलते ही तमाम नेताओं को दरकिनार कर यकायक प्रदेश की कमान सौंपी गई है। इस मामले में प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं को से सलाह तक नहीं ली गई जिसकी वजह से अब पटवारी को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं का साथ भी नहीं मिल पा रहा है। यही वजह है कि अब कांग्रेस के एक नेता ने पार्टी की दयनीय स्थिति को देखते हुए आलाकमान को पत्र लिखा है।  प्रदेश कांग्रेस  के पूर्व प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने कांग्रेस आलाकमान को एक पत्र के माध्यम से प्रदेश कांग्रेस की दयनीय स्थिति से अवगत कराया और कई आरोप लगाए। अग्निहोत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नाम लिखे पत्र में कहा है कि मध्य प्रदेश में निष्ठावान, कर्मठ, जनता से जुड़ाव रखने वाले नेताओं की उपेक्षा की जाती है और प्रदेश में पार्टी में कांग्रेस में पुत्रवाद, परिवारवाद, पट्टावाद, पूंजीवाद एवं चापलूसवाद को तवज्जो दी जाती है। उन्होंने लिखा कि प्रदेश में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को लगभग 40 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे, जो वर्तमान लोकसभा चुनाव में घटकर लगभग 32 प्रतिशत रह गए। यह 8 प्रतिशत वोट की गिरावट कांग्रेस के वोट प्रतिशत में कैसे आ गई? यह चिंता का विषय है। वर्तमान में बहुत ही चिंता का विषय यह है कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को मध्य प्रदेश की पूरी 29 सीटों में भारी पराजय का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के लगभग 11 लोकसभा प्रत्याशी 4 लाख के भारी मतों से पराजित हुए। कांग्रेस के 66 विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में से कांग्रेस को लगभग 50 विधायकों के क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा है।
पटवारी ने कहा- घोटाले को मुद्दा बनाने से नहीं मिलते वोट
 अग्निहोत्री ने लिखा कि मैंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी से निवेदन किया था कि कांग्रेस को नर्सिंग घोटाला, आयुष्मान अस्पताल घोटाला, कोरोना काल घोटाला, रेमडेसिवीर इंजेक्शन घोटाला को मध्य प्रदेश के प्रत्येक शहर एवं जिले में युवक कांग्रेस एनएसयूआई के माध्यम से उठाना चाहिए, जिससे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को लाभ मिलेगा। जिस पर जीतू पटवारी ने जवाब दिया कि घोटाले को मुद्दा बनाने से वोट नहीं मिलते। उन्होंने लिखा है कि प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की ओर से लोकसभा चुनाव के समय यह बयान दिए जाते रहे कि अब प्रदेश कांग्रेस में युवा नेतृत्व को महत्व दिया जाएगा। पुरानी पत्तियां झड़ गईं, अब नई पत्तियों को मौका दिया जाएगा। इन बयानों से वर्षों पुराने कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज होकर निष्क्रिय हो गए एवं वर्तमान प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व, युवा नौजवान कार्यकर्ताओं को कांग्रेस से जोड़ नहीं पाया।
अपना क्षेत्र भी नहीं बचा पाए प्रदेश अध्यक्ष
अग्निहोत्री ने जीतू पटवारी को लेकर कहा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का स्वयं के गृह क्षेत्र इंदौर शहर में ही प्रभाव नहीं है। जिन अक्षय कांति बम को  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इंदौर लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनवाया, वह लोकसभा चुनाव के पहले ही भाजपा के खेमे में चले गए। इसके परिणाम स्वरूप इंदौर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को लगभग 11 लाख मतों से विजय मिली। पटवारी की अभिमानपूर्वक कार्यशैली के कारण कई प्रभावशाली नेता कांग्रेस छोडक़र चले गए। कांग्रेस के नेताओं को पलायन से रोकने के लिए डेमैज कंट्रोल कमेटी नहीं बनाई गई एवं कांग्रेस नेताओं के पलायन को रोकने के लिए कोई गंभीर प्रयास भी नहीं किए गए।
नेतृत्व नहीं बदला तो 20 सीटें भी नहीं मिलेगीं
अग्निहोत्री ने पत्र में लिखा कि लोकसभा चुनाव के समय ही प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व द्वारा यह कहा गया कि हमारे सामने वर्ष 2028 का विधानसभा चुनाव एवं वर्ष 2029 का लोकसभा चुनाव है, जिसके लिए हमारी भविष्य में नई कार्ययोजना होगी। मेरा मानना है कि मध्य प्रदेश में अगर जीतू पटवारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहेंगे एवं उमंग सिंघार नेता प्रतिपक्ष रहेंगे, तो वर्ष 2028 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 20 से अधिक सीट पर विजयी नहीं होगी एवं वर्ष 2029 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मध्य प्रदेश में एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाएगी।

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