एमपीपीएससी की एक और परीक्षा विवादों में

एमपीपीएससी
  • अभ्यर्थियों ने तीन प्रश्नों के जवाब पर उठाए सवाल

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) का विवादों से नाता टूट नहीं रहा है। कभी परीक्षा, तो कभी परिणाम, तो कभी सवालों के जवाब को लेकर एमपीपीएससी विवादों में बना रहता है। ताजा विवाद का मामला राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा और राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा में सामने आया है। इस परीक्षा में पूछे गए तीन सवालों के जवाब पर अभ्यर्थियों ने सवाल खड़े किए हैं।
    गौरतलब है कि एमपीपीएससी की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा और राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा 17 दिसंबर को आयोजित की गई थी। इसकी प्रोविजनल आंसर की पीएससी ने 20 दिसंबर को जारी कर दी है। इसमें तीन सवालों के जवाबों को लेकर विवाद है। उम्मीदवार इन जवाबों को गलत बता रहे हैं और इसलिए आपत्ति लगाई जा रही है। उम्मीदवारों को प्रोविजनल आंसर की पर आपत्तियां लेने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। आपत्तियां आने के बाद आयोग इन्हें विशेषज्ञ कमेटी के सामने रखेगा। कमेटी सभी तथ्यों को देखने के बाद फाइनल आंसर की जारी करेगा। आयोग के अनुसार, 15-20 दिन में फाइनल आंसर की जारी कर दी जाएगी।
    इन प्रश्नों को लेकर आपत्तियां
    अभ्यार्थियों द्वारा तीन प्रश्नों को लेकर आपत्तियां लगाई जा रही हैं। पहला प्रश्न है कि फ्लिपकार्ट, अमेजान, अलीबाबा किसके उदाहरण है? अभ्यार्थियों द्वारा आपति दर्ज कराई गई है कि आंसर की में सही जवाब डी यानी बी-टू-बी बताया, जबकि इसका सही आंसर सी यानी बी- टू-सी बताया जा रहा है।  दूसरा प्रश्न है कि राज्यों की अधिकतम से न्यूनतम साक्षरता का सही क्रम क्या है?  आंसर की में सही जवाब ए बताया गया है। इसमें केरल, मिजोरम, त्रिपुरा और गोवा बताया गया है। जबकि जानकारों के अनुसार आंसर डी यानी केरल, मिजोरम, गोवा और त्रिपुरा सही जवाब है। वहीं प्रश्न तीन है कि किस साल में लार्ड विलियम बैंटिंक द्वारा प्रेस स्वतंत्रता प्रदान की गई? आपत्ति है कि आंसर की में सही जवाब डी यानी साल 1835 है, जो सही भी है। लेकिन इस सवाल में तकनीकी गलती यह है कि प्रेस की स्वतंत्रता के लिए भारत में बैंटिक नहीं बल्कि लार्ड मैटकॉफ को श्रेय दिया जाता है। अब आपत्ति के बाद यदि कोई प्रश्न गलत है या जवाब को लेकर विवाद है, तो कमेटी उस प्रश्न को डिलीट कर सकती है। नए नियम के अनुसार, कोई प्रश्न डिलीट होने पर उसके नंबर सभी उम्मीदवारों को मिलेंगे। पहले नियम था कि जो प्रश्न डिलीट होता था, उसे कुल नंबर से हटा दिया जाता था। जैसे- 100 प्रश्न में दो प्रश्न डिलीट हुए तो 98 में से मार्किंग होती थी, लेकिन नए नियम से मार्किंग 100 प्रश्नों से ही होगी। दो गलत प्रश्नों के अंक सभी को मिलेंगे।
    राजनीति और मॉडर्न हिस्ट्री के सवालों की संख्या कम
    पीएससी ने इस बार साइंस एंड टेक्नॉलाजी और कम्प्यूटर के प्रश्नों को बढ़ाया था, जबकि राजनीति और मॉडर्न हिस्ट्री के सवालों की संख्या कम की गई थी।  प्रतिभा आईएएस अकादमी के डायरेक्टर डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय का कहना है कि आयोग ने इस बार साइंस एंड टेक्नॉलाजी और कंप्यूटर के प्रश्नों को बढ़ावा दिया है, जबकि राजनीति और मॉडर्न हिस्ट्री के सवालों की संख्या को कम कर दिया है। एमपीपीएससी के लिए 10 विषय पढ़ाए जाते हैं। सभी यूनिट से बराबर प्रश्न पूछे जाने चाहिए थे।

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