महल की राजनीति तब्दील हुई गद्दार पॉलिटिक्स पर

गद्दार पॉलिटिक्स

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। गुना में पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता
जयभान सिंह पवैया ने अपने नए मित्रों (सिंधिया के साथ आए कांग्रेस नेताओं) को इशारों ही इशारों में नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि नेता कितना भी करिश्माई हो, वह तब तक ही वंदनीय है जब तक वह मंच पर है। उसके बाद वह सब कार्यकर्ताओं के बराबर ही है। नए मित्र जितना सम्मान अपने नेता का करते हैं, उतना ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का भी उन्हें करना होगा। भाजपा क्षत्रपों, नेताओं और वंशों पर आधारित पार्टी नहीं है। पवैया ने शिविर में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पवैया ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता जो काम करता है वह दल के लिए नहीं, राष्ट्र के लिए कार्य करता है। न जाने कितने जन्मों का पुण्य होगा तब हमको भारत माता की सेवा करने का अवसर हमको मिला। हमको भाजपा के कार्यकर्ता होने का सौभाग्य मिला। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी व पं. दीनदयाल उपाध्याय के सपने एकात्म मानववाद को चरितार्थ आज हम पूरे होते देख रहे है। चाहे राम मंदिर, धारा 370, तीन तलाक एक देश एक विधान सभी कार्य मोदी सरकार में पूरे हो रहे हैं।
नए मित्र भाजपा की कार्यप्रणाली जल्दी सीख लें
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा क्षत्रपों, नेताओं और वंशों पर आधारित पार्टी नहीं है। यह काम दूसरे लोग कर रहे हैं देश में। यह कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। इसलिए जो हमारे नए मित्र भी आये हैं, जो नेता आये हैं बड़े भी, वो यह सब सोच-समझकर आये हैं कि वह किस तरह के दल में जा रहे हैं। यहां सबसे बड़ा पेड और सबसे छोटी इकाई का नाम कार्यकर्ता है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां लोग नेता के पीछे नहीं भागते, यहां विचार के पीछे चलते हैं। नेता कितना ही करिश्माई हो, वह तब तक ही वंदनीय होता है जब तक वह पार्टी के मंच पर होता है। हमारे नए मित्र जो आये हैं, वह भी सैनिक की तरह यहां की बातें सीख जाएंगे। तेजी से उन्हें अपने मानस का परिवर्तन करना ही पड़ेगा। भाजपा के जो वरिष्ठ नेता हैं, उनके प्रति उतना ही सम्मान उनको (सिंधिया समर्थकों) रखना पड़ेगा जितना वे अपने नेता का करते हैं।
गद्दारों को गद्दार कहने का हक नहीं : मिश्रा
श्रीमंत को लेकर किए जा रहे हमलों पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। उन्होंने दिग्विजय सिंह द्वारा श्रीमंत को गद्दार बताए जाने पर कहा कि जो देश के गद्दार हैं, उन्हें किसी को गद्दार कहने का हक नहीं, यह सब जयचंद की जमात है, जो यह सब कर रही है। उनका कहना है कि  देश-प्रदेश की जनता दिग्विजय को अच्छे से जानती है। यह वही हैं जो बाटला हाउस में आंसू बहाने पहुंच गए थे।
तोमर ने साधा दिग्विजय पर निशाना, बताया गद्दार
दिग्विजय सिंह के श्रीमंत को लेकर दिए गए गद्दारी वाले बयान पर अब ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बड़ा हमला किया है। उनका कहना है कि एक गद्दार जब गद्दारी की बात करे तो यह समझ से परे है। उनका कहना है कि खुद सिंह के परिवार का इतिहास कदम-कदम पर गद्दारी, विश्वासघात व अग्रेजों की चापलूसी से रंगा पुता हो, तब उन्हें सिंधिया जैसे देश भक्त व जनसेवी परिवार पर उंगली उठाने का कोई हक नहीं है। तोमर का कहना है कि दिग्विजय के पिता व उनके भी पूर्वज अंग्रेजों से हाथ मिलाकर सिंधिया परिवार को नुकसान पहुंचाकर अपना राघौगढ़ का राजपाट बचाते रहे। सन् 1775 से 1782 तक राघौगढ़ के राजा बलभद्र सिंह को मराठों से विश्वासघात करने पर सिंधिया शासकों ने ग्वालियर किले में कैद कर लिया था।
दलबदलू विधायकों पर जयवर्धन का हमला
हाल ही में श्रीमंत द्वारा जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर जुबानी हमला किया गया था, उस पर अब विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह ने पलटवार किया है। उनका कहना है कि जब प्रदेश में कोरोना महामारी का संकट था, तब पार्टी बदलने वाले मंत्री और विधायक बेंगलुरु में छिपे थे। इनमें तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट भी थे। कोरोना के समय व्यवस्था बनाने की जगह यह श्रीमंत के लोग जनता की पीठ पीछे भाजपा के साथ बेंगलुरु में छिपकर सौदा कर रहे थे। दरअसल श्रीमंत ने नाथ पर निशाना साधते हुए हाल ही में कहा था कि जब कोरोना महामारी शुरू हुई, उस समय कमलनाथ फिल्म स्टारों के साथ फोटो खिंचा रहे थे, वे कोरोना वायरस से बचाव का कोई तरीका नहीं ढूंढ रहे थे।

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