- सरकारी लेतलाली के कारण स्कूलों में साइकिल बांटने की प्रक्रिया में हुई देरी
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में विद्यार्थियों को स्कूल आने के लिए सुविधा देने की गरज से लागू पैडल यानी साइकिल वाली योजना का इस शिक्षा सत्र में शुरुआती कम से कम चार महीने तक विद्यार्थियों को लाभ नहीं मिल सकेगा। बात दूरस्थ क्षेत्र में रहने वाले स्कूली छात्र-छात्राओं को मुफ्त साइकिल दिए जाने की वाली योजना की है। अव्वल तो स्कूल शिक्षा विभाग साइकिल खरीदने की प्रक्रिया शुरू करने में ही खासी देर कर चुका है, उस पर से बीते साल के मुकाबले साइकलों की कीमत बढ़ने के चलते विभाग को अतिरिक्त बजट की जरूरत होगी।
उसमें भी लंबा समय लगना तय है। खुद संबंधित अफसर मान रहे हैं कि साइकिल खरीदने और उनके वितरण की प्रक्रिया अक्टूबर के बाद ही शुरू की जा सकेगी। इस योजना के तहत दूरस्थ इलाकों में रहने वाले उन विद्यार्थियों को मुफ्त साइकिल दी जाती है, जिनके स्कूल से घर तक की दूरी दो किलोमीटर से अधिक हो। पहले यह योजना केवल लड़कियों के लिए थी। बाद में इसे छात्रों के लिए भी लागू किया गया है। शिक्षा विभाग की जानकारी है कि इस शिक्षण सत्र में करीब साढ़े पांच लाख विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा। लेकिन साइकिल का इंतजार लंबा खींचना तय है। शिक्षा विभाग ने कुछ दिन पहले ही साइकिल खरीदने के लिए टेंडर जारी किये हैं। अब उसे साइकिल कंपनियों के रेट मिलने का इंतजार है। उसके बाद टेंडर खोले जाएंगे। सप्लायर का चयन होगा। तब कहीं जाकर साइकिल खरीदने का काम हो सकेगा। फिर इन्हें प्रदेश-भर में भिजवाकर उनके वितरण में भी लंबा समय लगना तय है।
एक और बहुत बड़ी उलझन शिक्षा विभाग को परेशान कर रही है। साइकिलों की कीमत में बीते समय की अपेक्षा वृद्धि हुई है। शिक्षा विभाग जो एक साइकिल पहले 3550 रुपए में खरीदता था, इस साल उसका दाम चार हजार रुपए तक होने की संभावना है। ऐसे मे विभाग के पास यही विकल्प बचेगा कि वह साइकिल खरीदने के लिए मिले 200 करोड़ के बजट की राशि में वृद्धि करवाए। इसमें भी काफी समय लग जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव पीके सिंह कहते हैं, ‘फिलहाल साइकिल खरीदने के टेंडर निकाले गए हैं। इसके कोटेशन आएंगे, रेट लिए जाएंगे। उसके बाद तीन महीने में इनका वितरण शुरू होगा।’ सिंह ने बीते साल के मुकाबले इस बार साइकिल के दाम बढ़ने की संभावना से भी इंकार नहीं किया है।