- हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शुरू हुई कवायद
विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के 40 लाख से ज्यादा किसानों से जुड़ी साढ़े चार हजार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों यानी पैक्स के चुनाव होने की संभावना जग गई है। दरअसल, हाई कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने पैक्स के चुनाव की तैयारियों करने का निर्देश दे दिया है। गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 10 साल से सहकारी समितियों के चुनाव नहीं हुए हैं। अब माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव की आचार सहिता लगने से पहले पैक्स के चुनाव संपन्न कराए जा सकते हैं। मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी एमबी ओझा का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराए जाने हैं। इसके लिए सहकारिता विभाग से जानकारी मांगी है।
सहकारी अधिनियम में सहकारी संस्थाओं का कार्यकाल समाप्त होने के छह माह पहले समिति द्वारा चुनाव कराने का प्रस्ताव भेजने का प्रविधान है। समिति के प्रस्ताव पर सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी कार्यालय सदस्य सूची तैयार करके चुनाव कराते हैं। यदि किसी कारण से समय पर चुनाव नहीं हो पाता है तो यह अवधि छह माह के लिए बढ़ाई जा सकती है। इसमें निर्वाचित संचालक मंडल के स्थान पर प्रशासक नियुक्त किया जाएगा। यह भी अधिकतम छह माह रह सकता है। विशेष परिस्थिति में अवधि छह माह और बढ़ाई जा सकती है। इसके बीच चुनाव कराने होंगे, लेकिन प्रदेश में पिछले 10 साल से चुनाव ही नहीं हुए हैं। छतरपुर के सहकारिता नेता हरओम का कहना है कि प्रदेश में दस साल से अधिक समय से सहकारी संस्थाओं के चुनाव नहीं कराने से किसानों को मिलने वाली सुविधाएं भी प्रभावित हुई हैं।
बिना संचालक मंडल के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 2013 से सहकारी समितियों के चुनाव नहीं हुए। कई जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में पांच साल से अधिक समय से संचालक मंडल नहीं है। छतरपुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का अध्यक्ष करुणेन्द्र सिंह को राज्य सरकार ने अपने एक आदेश से बना दिया था। इसको लेकर अदालत में अपील की गई। तर्क दिया गया कि अपात्र व्यक्ति को बैंक अध्यक्ष बनाया गया है। सिंगल बैंच ने अध्यक्ष की नियुक्ति अमान्य कर दी थी। शासन ने डबल बैंच में अपील की थी। कोर्ट ने चुनाव कराए जाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के निर्देश पर मध्यप्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने आयुक्त सहकारिता को पत्र लिखते हुए कहा है कि 4,531 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन लोकसभा चुनाव 2024 की आचार संहिता प्रभावशील होने के पूर्व हों। पिछले लोस चुनाव के लिए आचार संहिता 10 मार्च 2019 को लागू हुई थी। सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने चार चरणों में सहकारिता के चुनाव कराने का प्रस्ताव तैयार किया है।
चुनाव कराने की तैयारी शुरू
प्रदेश में साढ़े चार हजार से अधिक प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराने की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। हाईकोर्ट के निर्देश पर मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयन से जानकारी मांगी है। उम्मीद है कि लोस चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले सहकारिता के चुनाव कराए जा सकते हैं। इससे अपेक्स बैंक के अध्यक्ष का चुनाव संभव होगा। मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने सभी जिलों के सहकारी अधिकारियों से सात दिन के अंदर सदस्यता सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है। चुनावी प्रस्ताव के तहत प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण में विकासखंड वार संस्थाएं सम्मिलित करने की स्वतंत्रता जिला अधिकारियों की होगी। वह जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सहकारी संस्थाओं का चयन करेंगे।