- 2024 तक कैसे पूरा होगा हर घर नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में 2024 तक हर घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन अनुभवी इंजीनियरों की कमी के कारण ओवरहेड टैंक निर्माण में मप्र पिछड़ गया है। इसका परिणाम यह हुआ है की अभी तक 6 हजार ओवरहेड टैंक में से केवल 500 का ही निर्माण हो पाया है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि 2024 तक हर घर नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य कैसे पूरा होगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2024 तक 1 करोड़ 24 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को हर घर नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके विरुद्ध अभी तक 56,97,694 घरों में ही पानी पहुंचाने के सरकारी दावे किए जा रहे हैं। अभी तक प्रदेश के 47 फीसदी घरों तक ही पाइप लाइन बिछी है। इनमें भी पानी की सप्लाई सिर्फ 30 फीसदी ही हो रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री के दिए लक्ष्य को पाने के लिए पीएचई और मप्र जल निगम के अधिकारियों को चार गुना गति से काम करना होगा।
अब तक 5 सौ ओवरहेड टैंक ही बने: लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और मप्र जल निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती 6 हजार ओवरहेड टैंक निर्माण कराने की है। क्योंकि अभी तक महज पांच सौ ओवरहेड टैंक ही बन पाए हैं। जानकार बताते हैं कि मप्र सहित आसपास के राज्यों में ओवरहेड टैंक बनाने के लिए निजी एजेंसियों के पास अनुभवी इंजीनियर नहीं है। इसके चलते सरकार ओवरहेड टैंक को लेकर कुछ रियायत देने पर विचार कर रही है। जल जीवन मिशन के अभी तक के पानी का नेटवर्क तैयार करने की स्थिति को देखा जाए तो बुरहानपुर, इंदौर और निवाड़ी जिले में 75 फीसदी से लेकर सौ फीसदी तक काम हो पाया है। सीहोर की स्थिति देखी जाए तो वहां 46 फीसदी घरों तक ही पाइप लाइन पहुंच पाई है। पीएचई के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला का कहना है कि घर-घर जल पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। इस वर्ष काम पूरा होना मुश्किल लग रहा है, फिर भी प्रयास है कि अधिकतम घरों तक पानी पहुंच सके। ओवरहेड टैंक को बनाने के लिए स्किल मिखी की कमी तो है। सरकार ने इसके लिए कुछ ट्रेनिंग सेंटर शुरू किए हैं, जिससे इसकी कमी दूर हो सके।
52 हजार करोड़ होना है खर्च
प्रदेश में हर घर नल से पानी पहुंचाने के लिए 52 हजार करोड़ रुपए व्यय किया जाना है। अभी तक करीब 48 हजार करोड़ रुपए के काम के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं, इन कामों के लिए ठेकेदारों को एक साल से छह माह का समय दिया गया है। जबकि अभी दस हजार करोड़ रुपए से अधिक के कामों के लिए टेंडर जारी नहीं हो पाएं हैं। इन कामों के टेंडर जारी करने की तैयारी की जा रही है। इन कामों को पूरा करने में करीब एक से डेढ़ वर्ष का समय लगेगा।