- पहली किस्त लेकर मकान नहीं बनाने वालों को आवंटन होगा निरस्त
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सपना है की प्रदेश में कोई भी व्यक्ति बेघर रहे। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए राशि दी जा रही है। प्रदेश में सरकार हर साल लाखों लोगों को इस योजना का लाभ दे रही है। लेकिन 10 हजार से अधिक ऐसे हितग्राही चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने पहली किस्त लेने के बाद भी मकान बनाना शुरू नहीं किया है। अब ऐसे हितग्राहियों का आवंटन निरस्त किया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना देश के उन लोगों के लिए चलाई गई है जिनके पास रहने के लिए स्वयं का आवास यानि घर नहीं है। ये केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रहीं महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। आज हर कोई चाहता है कि उसके पास स्वयं का मकान हो, लेकिन जमीन और मकान निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतों के कारण हर कोई स्वयं का मकान नहीं बना पा रहा है। विशेषकर गरीब और मध्यम वर्ग के लोग। ऐसे लोगों के लिए पीएम आवास योजना वरदान बनी है। इस योजना के तहत मकान के निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है ताकि जरूरतमंद लोगों को आवास मुहैया कराया जा सकें। पीएम आवास योजना की समय-समय पर लिस्ट जारी की जाती है। इसमें जिन व्यक्तियों का नाम होता है उनको सरकार की ओर से आवास के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थी को 1 लाख 20 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाती है। बता दें कि पहले इस योजना में अल्प आय वर्ग के लोगों को शामिल किया गया था लेकिन योजना की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इसमें मध्यम वर्ग को भी शामिल कर लिया गया है। इस तरह अल्प आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग वाले लोग इस योजना के तहत सरकारी सब्सिडी का लाभ लेकर आसानी से स्वयं का मकान ले सकते हैं।
5 साल नहीं रहे मकान में, तो आवंटन होगा निरस्त
अगर आपने पीएम आवास योजना का लाभ लेकर मकान खरीद है और आप उसमें नहीं रह रहे हैं तो सतर्क हो जाएं। दरअसल सरकार द्वारा पीएम आवास योजना को लेकर नियमों में बदलाव किया गया है। जिसमें योजना के अंतर्गत लिए गए मकान में लाभार्थी के न रहने पर आवास का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। आपको उसमें 5 साल रहना अनिवार्य होगा। ऐसा न होने की स्थिति में आप मकान से हाथ धो सकते हैं। आपको बता दें कि अभी जिन आवासों का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू लीज कराकर दिया जा रहा है या जो लोग यह एग्रीमेंट भविष्य में कराएंगे वह रजिस्ट्री नहीं है। दरअसल ऐसा योजना में हो रही धांधली को रोकने के लिए किया जा रहा है। जिसके अनुसार पहले सरकार पांच साल ये देखेगी कि आपने इन आवासों का उपयोग रहने के लिए किया है या नहीं। अगर आप इसमें रहते हैं तो इस अनुबंध या एग्रीमेंट को लीज डीड में बदल दिया जाएगा। इसके विपरीत अगर आप इसमें नहीं रहते हैं तो विकास प्राधिकरण द्वारा आपके साथ जो एग्रीमेंट किया गया है उसे समाप्त कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं आपके द्वारा जमा की गई राशि भी वापस नहीं की जाएगी। इस योजना के नियम आपको न पता हो तो हम बता दें कि कभी भी शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए फ्लैट फ्री होल्ड नहीं किए जाएंगे। 5 साल बाद भी लोगों को लीज पर ही रहना होगा। जो लोग इस योजना का फायदा लेकर मकान को किराए पर चढ़ा देते हैं अब वो लगभग बंद हो जाएगा।
इस कारण है विवाद
दरअसल, हितग्राही ने जिस जमीन पर आवास बनाने का प्रस्ताव दिया था, उसमें उसका स्वामित्व नहीं है। रिकॉर्ड में जमीन दूसरे के नाम से है। ऐसे में भूमि स्वामी अपनी जमीन पर मकान नहीं बनाने दे रहा। कई जगह भाइयों में विवाद चल रहा है। इससे भी काम रुका है। अन्य जगह शासकीय जमीन होने के चलते आवास बनाने में हितग्राहियों को मुश्किल हो रही है। कुछ हितग्राही कोरोना संक्रमण के चलते काल के गाल में समा गए। इस तरह की समस्याओं और विवादों को सुलझाने वार्डस्तर पर हितग्राहियों की समस्याएं सुनकर निराकरण किया जाएगा। अगर हितग्राही सुलह नहीं करते हैं या दूसरी जमीन का चयन नहीं करते हैं तो आवंटन निरस्त होगा। शहरी क्षेत्रों में करीब पांच लाख पीएम आवास बनाए गए हैं। इसमें एक लाख आवास… बनाने का काम चल रहा है, जो एक साल के अंदर पूरा कर लिए जाएंगे। बताया जाता है कि नए आवास के आवेदन अब नहीं लिए जा रहे हैं। पूर्व के करीब पचास हजार आवेदन अभी भी निकाय स्तर पर पेंडिंग हैं।
हितग्राहियों ने मकान निर्माण शुरू नहीं किया
जानकारी के अनुसार प्रदेश में दस हजार से ज्यादा शहरी आवास विवादों में उलझ गए हैं। आवास की पहली किस्त करीब एक साल पहले हितग्राहियों के बैंक खाते में जमा की गई। इसके बाद भी हितग्राहियों ने मकान निर्माण शुरू नहीं किया। सरकार ने विवाद सुलझाने और हितग्राहियों से राशि वसूलने के संबंध में निकायों को तीन माह दिए हैं। इस अवधि में विवादों का निराकरण नहीं होता है तो हितग्राहियों को आवास आवंटन निरस्त किया जाएगा। राशि दूसरे हितग्राहियों को आवंटित की जाएगी।