- प्रदेश में 12 सालों में हुई छह इन्वेस्टर्स समिट
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा सूबे में अधिक से अधिक निवेश लाने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों के बाद भी मिले प्रस्तावों की तुलना में महज दस फीसदी ही निवेश जमीनी स्तर पर उतर पाया है। दरअसल प्रदेश में बीते 12 सालों में छह इन्वेस्टर्स समिट का अयोजन किया गया है, जिनमें सरकार को राज्य सरकार प्रदेश में निवेशकों से 30 लाख 13 हजार 41 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिनमें से महज 3 लाख 47 हजार 891 करोड़ का निवेश ही जमीनी स्तर पर उतरा है। गौरतलब है कि प्रदेश की सरकार अधिक से अधिक निवेश के लिए लगातार इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करती आ रही है। इसके बाद भी सरकार को अपेक्षित सफलता अब तक नहीं मिल पा रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2007 से अब तक प्रदेश में छह इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया है। इसमें से अंतिम इन्वेस्टर्स समिट हाल ही में एक माह पहले जनवरी, 2023 में इंदौर में की जा चुकी है।
समिट में देश के बड़े उद्योगपतियों द्वारा भाग लेकर प्रदेश में निवेश के लिए सरकार के साथ 13 हजार 388 एमओयू कर निवेश के प्रस्ताव दिए गए हैं। यह जानकारी विधानसभा में कांग्रेस विधायक मेवाराम जाटव के सवाल के जवाब में दी गई है। विधायक जाटव के सवाल के लिखित जवाब में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने बताया कि पहली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट अक्टूबर, 2007 में इंदौर में हुई थी। इसमें निवेशकों ने सरकार के साथ 102 एमओयू किए। समिट में एक लाख 20 हजार 621 करोड़ रुपए के कुल निवेश प्रस्ताव आए, जिनमें से 26 हजार 165 करोड़ का निवेश प्रदेश में किया गया। इसके जरिए 7 हजार 240 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ। जनवरी, 2023 में इंदौर में हुई आखिरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों ने 6 हजार 957 निवेश आशय के प्रस्ताव व एमओयू सरकार के साथ किए। समिट में 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ रुपए के कुल निवेश प्रस्ताव आए अभी तक जमीन 13 हजार 128 करोड़ रुपए का निवेश आया है। इसके जरिए 42 हजार 612 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। सभी इन्वेस्टर्स समिट में 13 हजार 388 एमओयू व निवेश आशय के प्रस्तावों में से सिर्फ 762 ही धरातल पर उत्तर पाए। उन्होंने बताया छह इन्वेस्टर्स समिट के जरिए प्रदेश में कुल 2 लाख 7 हजार 49 लोगों को रोजगार
प्राप्त हुआ है।
समिट पर 50 करोड़ से ज्यादा खर्च
मंत्री ने अपने उत्तर में बताया कि 2007 से 2016 तक हुई पांच इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन पर 50 करोड़ 84 लाख रुपए खर्च हुए हैं। जनवरी, 2023 में हुई इन्वेस्टर्स समिट पर हुए खर्च का ब्योरे की जानकारी अभी एकत्रित की जा रही है।
अकेले रोड शो पर खर्च हुए 17.78 करोड़
उत्तर में बताया गया है कि वर्ष 2007 से अक्टूबर, 2016 तक और वर्ष 2023 में विभाग द्वारा विदेशों में आयोजित रोड शोज में कुल 17 करोड़ 78 लाख रुपए खर्च किए गए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2007-08 से 2015-14 तक 366 उद्योगों को 1224 करोड़ से ज्यादा का अनुदान व सहायता राशि दी गई।
आग में जलना बताया समिट का ब्योरा
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के इन्वेस्टर्स समिट संबंधी एक सवाल के लिखित जवाब में विभागीय मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने बताया कि 8 अप्रैल, 2022 को एमपीआईडीसी कार्यालय में लगी आग में विभिन्न नस्तियां, दस्तावेज व कंप्यूटर नष्ट होने से पूरी जानकारी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। दरअसल पटवारी ने पूछा था कि इन्वेस्टर्स समिट में भारत सहित कितने देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और उसमें कितने अंतरराष्ट्रीय बिजनेस बायर्स और डेलीगेट्स आए। कितने सेक्टोरल सेशन हुए। पटवारी ने बाद में मीडिया से चर्चा में आरोप लगाया कि सरकार आग में रिकॉर्ड जलने की बात कहकर इन्वेस्टर्स समिट में की गई फिजूलखर्ची की सच्चाई छिपा रही है।