एमएसएमई के 49 क्लस्टर में से 7 ही तैयार

एमएसएमई

-प्रदेश में औद्योगिक निवेश को कैसे मिलेगी रफ्तार…?

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। इंदौर में जनवरी 2023 में इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा। इस समिट को सफल बनाने के लिए शासन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है। सरकार की तैयारियों को निवेशकों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। करीब दर्जनभर कंपनियों ने अभी से मप्र में निवेश की तैयारी शुरू कर दी है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में मप्र निवेश का केंद्र बनेगा। लेकिन प्रदेश में छोटे उद्योगों के विकास के दावों के बावजूद मजबूत धरातल तैयार करने का काम कछुआ रफ्तार में है। एमएसएमई विभाग को लगभग 49 औद्योगिक क्लस्टर तैयार करने थे। इनमें से सात क्लस्टर ही ठीक-ठाक हालत में पहुंच सके हैं। उस पर भी विकसित क्लस्टर इक्का-दुक्का ही हैं।
जानकारों के अनुसार एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा के स्तर पर मॉनीटरिंग की कमी और विकास योजनाओं में देरी का खामियाजा औद्योगिक विकास की राह गड़बड़ाने के रूप में नजर आ रहा है। करीब पांच साल तक इन क्लस्टर को बनाकर औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के प्रयास चलते रहे, लेकिन काम की मॉनीटरिंग और परफॉर्मेंस ऐसी रही कि अब तक दस फीसदी क्लस्टर भी तैयार नहीं हो सके। जिन क्लस्टर पर थोड़ा-बहुत काम हुआ, उनमें इंदौर-भोपाल के आसपास के क्लस्टर हैं। सीहोर के बुदनी में खिलौना क्लस्टर बनना है। इस पर सीएम के फोकस करने के कारण काम शुरू हुआ, जबकि मंत्री सखलेचा के स्तर पर मॉनीटरिंग में ढील है। रतलाम, उज्जैन, बुरहानपुर, देवास, इंदौर, भोपाल के क्लस्टर में कुछ काम हुआ है। इनमें नमकीन क्लस्टर भी शामिल है। अब फर्नीचर क्लस्टर पर काम किया जा रहा है। बाकी जगह इंफ्रास्ट्रक्चर की बेहाली से निवेशक रुचि नहीं दिखा रहे।
यह है क्लस्टरों की स्थिति
प्रदेश में कुछ क्लस्टर ऐसे हैं जिनका काम लगभग पूरा हो गया है, वहीं कई कागजों के बाहर नहीं आ सके हैं। जो क्लस्टर कागजों में हैं उनमें जबलपुर मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर। एसपीवी को भूमि हस्तांतरित कर चुके हैं। आगे काम होना है। इंजीनियरिंग क्लस्टर भोपाल के गोविंदपुरा में अनुमोदन हो चुका है। विकास संबंधित काम होंगे। गुड़ क्लस्टर बैतूल में प्रस्ताव को राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट कमेटी से अनुमोदन मिला। केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। वहीं जिन प्रस्ताव को केंद्र से अनुमोदन मिला उनमें एग्रोबेस्ड क्लस्टर सनावद – खरगोन, फूड प्रोसेसिंग कचनारिया, राजगढ़, इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल चोर डोंगरी-बैतूल, लाख क्लस्टर आकोड़ी, बालाघाट, अशोकनगर- इंफ्रा- अपग्रेडेशन, मोहम्मदपुरा, बुरहानपुर,औद्योगिक क्षेत्र-1 देवास में इंफ्रा- अपग्रेडेशन औद्योगिक क्षेत्र मक्सी रोड उज्जैन में इंफ्रा अपग्रेडेशन, औद्योगिक क्षेत्र चंद्रपुरा में छतरपुर- इंफ्रा अपग्रेडेशन, औद्योगिक क्षेत्र मटेहना में सतना- इंफ्रा- अपग्रेडेशन, औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा भोपाल इंफ्रा में अपग्रेडेशन शामिल है। वहीं जो  सैद्धांतिक मंजूरी के लिए प्रक्रिया में हैं उनमें औद्योगिक क्षेत्र कुसमोदा-गुना में इंफ्रा अपग्रेडेशन, औद्योगिक क्षेत्र रतलाम में इंफ्रा अपग्रेडेशन औद्योगिक क्षेत्र गंधारी, दतिया में इंफ्रा अपग्रेडेशन, बहुमंजिला औद्योगिक कॉम्पलेक्स गुना आदि शामिल हैं। वहीं कुछ  ऐसे हैं जो  चिह्नित और शुरूआती प्रक्रिया में अटके हैं उनमें पीतल शिल्प क्लस्टर टीकमगढ़, फूड प्रोसेसिंग देवास, कृषि उपकरण विदिशा, धान क्लस्टर सिवनी बाबा इन चार क्लस्टर से 21800 प्रत्यक्ष रोजगार मिलेंगे।
सुस्त चाल
अधिसूचित किए गए हैं। 49 क्लस्टर का प्लान तैयार हो रहा है। इनमें 27 प्राथमिकता पर हैं, लेकिन सिर्फ सात प्रदेश में 197 औद्योगिक क्षेत्र अधोसंरचना नहीं पर ही मंजूरी हो सकी है। बाकी क्लस्टर को कैबिनेट से हरी झंडी मिलना बाकी है। अधिकतर क्लस्टर पर सुविधाओं का अभाव है। है। पहुंच मार्ग की परेशानी है। सड़क मार्ग के अलावा हवाई और रेल कनेक्टिविटी न होना भी बड़ी समस्या है।

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