छात्राओं की फीस के एक करोड़ 62 लाख डकारे

छात्रा
  • छात्राओं की जगह अपने परिचितों के खाते में डाल दी राशि

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बैतूल के जयवंती हक्सर कॉलेज में दो योजनाओं के तहत मिली राशि में से तीन कर्मचारियों ने मिलकर एक करोड़ बासठ लाख रुपए डकार लिए हैं। कागजों में तो यह राशि छात्राओं को ही मिलना बताया गया है, लेकिन उन्हें न देकर उक्त राशि कर्मचारियों ने अपने परिचितों के खाते में डालकर निकाल ली है। इस मामले की जांच शुरु हुई तो पता चला कि कर्मचारियों ने कॉलेज में गांव की बेटी योजना की तरह ही शहरी छात्राओं के लिए बनी प्रतिभा किरण योजना में भी सरकारी राशि हड़प ली है। अब तक हुए खुलासे में पता चला है कि घोटालेबाज कर्मचारियों ने प्रतिभा किरण योजना के 347 हितग्राहियों के हिस्से की 17 लाख 35 हजार की रकम अपने परिचितों के खातों में जमा कर दी है। यह वे 95 खाते हैं, जिनमें गांव की बेटी योजना के 2893 हितग्राहियों के 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार डालकर डकार लिए गए थे। इस मामले की जांच का जिम्मा कोषालय अधिकारी अरुण वर्मा को सौंपी गई है। अहम बात यह है कि जिन खातों में राशि डाली गई है, उनमें से अधिकांश  खाते जिले के प्रभात पट्टन से संचालित होते रहे हैं। इसकी वजह यह है कि घोटाले में आरोपी बनाए गए दीपेश और एक अन्य प्रभात पट्टन के रहने वाले हैं। इस मामले के खुलासे के बाद जांच के लिए उच्च शिक्षा विभाग और कलेक्टर की ओर से गठित जांच दल द्वारा की जा रही है। अब इस मामले में पुलिस ने भी मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा की जा रही जांच में शुरुआती दौश्र में पता चला है कि आरोपियों ने ज्यादातर राशि अपने दोस्तों के खातों में भेजी है।
यह है गांव की बेटी और प्रतिभा किरण योजना
शासन द्वारा गांव की बेटी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने पर प्रतिमाह 500 रुपए की आर्थिक सहायता छात्रवृत्ति के रूप में दी जाती है। एक छात्रा को 10 महीने तक करीब 5 हजार की राशि दी जाती है। प्रतिभा किरण योजना में शहरी छात्राओं को राशि दी जाती है।
महालेखाकार के पत्र से हुआ खुलासा
महालेखाकार की ओर से नर्मदापुरम संभाग आयुक्त, बैतूल कलेक्टर और प्रिंसिपल जयवंती हक्सर कॉलेज को लिखे पत्र के बाद बीते हफ्ते ही कॉलेज प्रबंधन को इस पूरे फर्जीवाड़े का पता चला। इसके बाद प्राचार्य द्वारा उन 2 कमरों को सील करवा दिया, जिनमें गांव की बेटी योजना से जुड़े दस्तावेज रखे हुए हैं। सोमवार को कलेक्टर की ओर से जिला ट्रेजरी ऑफिसर के नेतृत्व में 5 सदस्यीय दल को जांच के लिए कॉलेज भेजा गया था। कालेज प्रबंधन के के मुताबिक इस मामले में 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार रुपए के संदिग्ध भुगतान का मामला सामने आया है, जिसमें 95 खातों की जांच की जा रही है।
एक ही खाते में कई बार राशि डाली गई
आरोप है कि यहां 95 संदिग्ध खातों में डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। एक ही खाते में कई बार राशि डाली गई। ऑडिट में पकड़ी गड़बड़ी में यह सामने आया कि 2019 से लेकर 2024 तक कई संदिग्ध खातों में योजना की राशि डाली गई। ऑडिटर द्वारा इसके प्रूफ भी दिए गए। इसके बाद इस मामले में मंगलवार रात जेएच कॉलेज की प्राचार्य विजेता चौबे की शिकायत पर कंप्यूटर ऑपरेटर दीपेश डहरिया, लिपिक सहायक ग्रेड-2 प्रकाश बंजारे और रिंकू पाटिल के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 409, 471, 120 बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

Related Articles