- आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मोहन सरकार ने विधानसभा में बजट पेश करने से पहले साल 2024-25 का आर्थिक सर्वेक्षण (इकोनॉमिक सर्वे) जारी किया है। इसके मुताबिक प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 1.39 लाख से बढक़र 1.52 लाख हो गई है। राज्य के जीडीपी में 11 फीसदी की ग्रोथ हुई है। जानकारों का कहना है कि राज्य की जीडीपी बढ़ने से सरकार अब ज्यादा कर्ज ले सकेगी। बता दें सरकार पर पहले से 4 लाख करोड़ रु. का कर्ज है। रोजगार की बात करें तो प्राइवेट सेक्टर में महिलाओं की 40 फीसदी नौकरियां घट गई हैं। सरकार निवेश को आकर्षित करने में कुछ हद तक कामयाब हुई है। पांच साल में 46 हजार करोड़ का निवेश आया है इससे 1 लाख 65 हजार लोगों को रोजगार मिला है। इस बजट में 1 लाख 13 हजार नौकरियों का ऐलान हो सकता है। वहीं, एमपी में पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है इससे सरकार की आय में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ दूध, अंडा और मांस का प्रोडक्शन बढ़ा है, मगर दूध से ज्यादा अंडे और मांस का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ी है। मध्य प्रदेश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) प्रचलित भावों पर पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 11.05 फीसदी बढ़ गई है। सरकार का अनुमान है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रदेश की जीडीपी 15 लाख 3 हजार 395 करोड़ रुपए रहेगी। पिछले साल (2023-24) में यह जीडीपी 13 लाख 53 हजार 809 थी। बता दें कि कोरोना काल में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय प्रचलित भावों के आधार पर वर्ष 2020-21 में 10 लाख 1 हजार 958 रुपए रह गई थी।
एमपी में प्रति व्यक्ति आय 1.52 लाख रु. हुई
प्रदेश में प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय 2024-25 में 1 लाख 52 हजार 615 रुपए हो गई है। जबकि वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 39 हजार 713 रुपए थी। यानी एक साल में प्रति व्यक्ति आय 12 हजार 902 रुपए बढ़ गई है। सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि स्थिर भावों पर राज्य में प्रति व्यक्ति आय पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। वर्ष 2023-24 में ये 67 हजार 301 थी जो बढक़र 70 हजार 434 हो गई है। यानी ये 3 हजार 133 रुपए प्रति व्यक्ति बढ़ी है। भाव से आशय राज्य में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं की कीमत से है। जो दो प्रकार की होती है एक फिक्स (स्थिर) दूसरी करंट (प्रचलित)। जिस भाव में बदलाव आता रहता है, उसे करंट भाव कहा जाता है।
प्राइवेट सेक्टर में महिलाओं को 40त्न कम जॉब
मध्य प्रदेश में पिछले 4 साल में प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों की संख्या में कमी आई है। एससी-एसटी वर्ग और महिलाओं को 2021 में 36 हजार 324 नौकरियां मिली थीं। वहीं 2024 में ये आंकड़ा घटकर 21 हजार 054 पहुंच गया है। प्राइवेट सेक्टर में महिलाओं की नौकरियों की बात की जाए तो 2021 में 10 हजार 963 महिलाओं को जॉब मिला था, जो 2024 में घटकर 6 हजार 564 रह गया है। वहीं पिछले साल के मुकाबले प्राइवेट सेक्टर में 3192 कम नौकरियां मिली हैं।