- विनोद उपाध्याय
बीते तीन दिनों से राजधानी में कांग्रेस नेताओं द्वार की जा रही प्रत्याशी चयन की कवायद के बीच कांग्रेस की चिंताएं कम नहीं हो रही हैं। इसकी वजह है, वे डेढ़ दर्जन विधायक, जिनकी पकड़ उनके क्षेत्रों में बेहद कमजोर पाई गई है। पार्टी जिला अध्यक्षों, प्रभारियों व ब्लाक अध्यक्षों से जो फीडबैक मिला है, उसमें उनकी हालत चुनाव की दृष्टि से खराब बताई गई है। इसकी वजह से ही पार्टी के नेताओं को अपने इन विधायकों को न केवल और अधिक सक्रियता दिखाने की सलाह दी गई है, बल्कि साफ कह दिया गया है कि अगर टिकट विरण से पहले उनकी हालत नहीं सुधरी तो फिर वे टिकट काटे जाने के लिए तैयार रहें। अहम बात यह है कि ऐसे विधायकों को लेकर जो बात सामने आयी है उसमें पाया गया है कि उनकी पकड़ भले ही मतदाताओं पर बनी हुई, लेकिन उनकी अपने ही संगठन के नेताओं से पटरी नहीं बैठती है। यही वजह है कि स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों ने सलाह दी है कि कार्यकर्ताओं से रिश्ते बेहतर बनाएं और क्षेत्र में प्रचार से ज्यादा व्यक्तिगत सुनवाई पर ध्यान दें। इससे ही टिकट कटने से बचा जा सकता है।
अभी दो दिनों तक जारी रहेंगी बैठकें
भोपाल में दो दिन और कांग्रेस की बैठकों का दौर जारी रहने वाला है। कार्यालय में प्रदेश सभी आम नेताओं से मुलाकात का समय स्क्रीनिंग कमेटी ने तय किया है। पूरे दिन कार्यकर्ताओं से 1 टू 1 चर्चा करना तय किया गया है। चार दिन बैठकों के दौर के बाद 6 सितंबर को चुनाव अभियान समिति की बैठक करना तय किया गया है। इस बैठक में कांग्रेस की सभी दिग्गज नेता शामिल होंगे।
कमल नाथ पहले ही बता चुके हैं हकीकत
बीते रोज पार्टी के प्रदेश कार्यालय में विधायकों के साथ बैठक की गई, जिसमें मध्य प्रदेश इलेक्शन इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य भी मौजूद थे। कमलनाथ की मौजूदगी में सभी विधायकों को एआईसीसी और कांग्रेस संगठन के सर्वे की रिपोर्ट दिखाई गई। इस रिपोर्ट में 20 से अधिक मौजूदा विधायकों की रिपोर्ट खराब पाई गई। इस दौरान भोपाल की दो सीटों पर भी सियासी समीकरण खराब बताए गए हैं। स्थिति यह है कि कांग्रेस के नेता ही मौजूदा विधायक से नाराज है। इसके अलावा राजगढ़, भिंड, मुरैना, नरसिंहपुर, उज्जैन से आने वाली विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी अच्छी नहीं पायी गई है। उनके स्थान पर स्थानीय संगठन ने स्क्रीनिंग कमेटी को दूसरे दावेदारों के नाम भी सौंपे हैं। बैठक के दौरान ही कमलनाथ ने कहा कि पहले भी विधायकों को सर्वे रिपोर्ट दिखाई गई थी और उन्हें निर्देश दिए थे कि अपना परफॉर्मेंस सुधारें, लेकिन फिर भी एआईसीसी की रिपोर्ट में उनका परफॉर्मेंस बेहतर नहीं पाया गया है। इनमें उन पांच विधायकों के भी नाम शामिल हैं, जो 15 महीने की सरकार में महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इनसे जनता नाराज है और इसका खामियाजा इस बार चुनाव में कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। अब ऐसे विधायकों की जगह किसी दूसरे कार्यकर्ता को को टिकट देने की सिफारिश की गई है।
इन विधायकों के टिकट पर खतरा
बड़नगर के विधायक मुरली मोरवाल के बेटे के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज है। इसके कारण काफी बदनामी हुई है। यदि टिकट दिया तो महिलाएं भाजपा को वोट दे सकती हैं। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी भी नाराज हैं। वे बीता चुनाव मात्र 5हजार वोट से जीते थे। इसी तरह से राजनगर से विक्रम सिंह नातीराजा ने खुद ही टिकट के लिए अपनी पत्नी कविता सिंह का नाम आगे बढ़ाया है, जबकि पूर्व विधायक शंकर सिंह के बेटे सिद्धार्थ सिंह बुंदेला टिकट के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। पिछले चुनाव में जीत का अंतर मात्र 732 वोट था। महराजपुर से विधायक नीरज दीक्षित नौगांव नगर पालिका अध्यक्ष अजय तिवारी और पूर्व सांसद प्रियव्रत चतुर्वेदी की बेटी निधि चतुर्वेदी ने कमलनाथ के कैंप में अपनी मजबूत स्थिति बना ली है। दीक्षित पिछले चुनाव में मात्र 4 हजार वोटों से जीते थे। स्थिति कमजोर है और कमलनाथ कैंप में भी इनके शुभचिंतकों की संख्या बहुत कम है। इसी तरह से गाडरवारा विधायक सुनीता पटेल के टिकट कटने के कई कारण बताए जा रहे हैं, जिसमें प्रमुख है सर्वे के अनुसार पब्लिक का नाराज होना। जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी भी पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि इस बार गाडरवारा से पटेल की जगह कौरव अथवा किसी ब्राह्मण को टिकट दिया जाना चाहिए। बंडा विधायक तरबर सिंह लोधी ने भले ही बीता चुनाव 24000 वोटों से जीता था, लेकिन वे कमलनाथ कैंप में अपनी पकड़ नहीं बना पाए। सर्वे रिपोर्ट में परफॉर्मेंस खराब बता दी गई है। पूर्व विधायक नारायण प्रजापति टिकट हासिल करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इसी तरह से कोतमा से विधायक सुनील सराफ के खिलाफ विधानसभा क्षेत्र के कुछ सरपंच-सचिव इनके खिलाफ लामबंद हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में इनका संपर्क अच्छा नहीं है। उदयपुरा से देवेंद्र पटेल का नाम शामिल हैं। यहां से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले और कमलनाथ के प्रिय संजय मसानी इस सीट पर सक्रिय हो चुके हैं। अब संजय मसानी को टिकट चाहिए तो, देवेंद्र पटेल की सर्वे रिपोर्ट कौन देखेगा।