- पहली सूची के बाद छटा कुहासा
विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा इस बार उस हर नेता को टिकट देगी, जिनके जीतने की संभावना सबसे अधिक है। इसका संकेत पार्टी ने 39 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दे भी दिया है। नेताओं का मानना है कि टिकट नहीं मिलने का खतरा अब टल गया है। दरअसल, भाजपा ने अपनी पहली लिस्ट में चंदेरी विधानसभा सीट से उम्रदराज नेता जगन्नाथ सिंह रघुवंशी को उम्मीदवार बनाया है। जगन्नाथ सिंह को टिकट मिलने के बाद अब पार्टी के उम्रदराज नेता जो सक्रिय राजनीति में एक्टिव हैं, उन्हें एक बार फिर से टिकट मिलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि भाजपा में उम्र के फार्मूले पर कई बार गाइडलाइन बनी है, लेकिन लगता है कि इस बार दल किसी भी तरह के क्राइटेरिया पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं, पर कुछ उम्रदराज विधायकों की चुनावी राजनीति का पूर्णविराम जरूर लगाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या टिकट के लिए सेहत आड़े आएगी? अगर ऐसा है, तो तय मानिए कि मौजूदा कैबिनेट के तीन से चार मंत्रियों की यह अंतिम पारी होगी, इनमें एक दिन पहले शपथ लेने वाले गौरीशंकर बिसेन भी शामिल हो सकते हैं।
भार्गव दमदार, प्रभुराम-गिरीश बीमार
मप्र में उम्रदराज नेताओं की बात करें तो जहां मंत्री गोपाल भार्गव 71 साल के बाद भी दमदार नजर आ रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी, बिसाहूलाल सिंह और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की सेहत साथ नहीं दे रही है। कुछ दिनों पहले 70 की उम्र पार कर चुके वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव मुगदर घुमाते अपनी स्वस्थ्य सेहत का प्रदर्शन कर रहे थे, तो स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम सार्वजनिक कार्यक्रमों में अस्वस्थ्य हुए थे। इनके अलावा कुछ और मंत्रियों की सेहत नासाज होने की खबर भी मिलती रही है। विंध्य क्षेत्र में आने वाले अनूपपुर से छह बार चुने गए कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह के बारे में भी माना जा रहा है कि यह चंद महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बतौर प्रत्याशी नजर नहीं आएंगे, वे अपने बेटे के लिए भी टिकट मांग रहे है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि उम्र का क्राइटेरिया ज्यादा महत्व नहीं होने की वजह से बिसाहूलाल सिंह एक बार फिर से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। इसी तरह रायसेन जिले की सांची विधानसभा सीट से विधायक और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के बारे में भी कहा जा रहा है कि इस बार शायद ही उन्हें टिकट मिले। उनके लिए उनकी उम्र से ज्यादा उनकी सेहत ज्यादा कारण हो सकती है। पिछले दिनों स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित समारोह में उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद चर्चा होने लगी है, कि प्रभुराम चौधरी का यह अंतिम चुनाव हो सकता है। हालांकि केन्द्रीय वे मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबी कहे जाते हैं। इसकी वजह से चौधरी पर फैसला लेना निर्णयकर्ताओं के लिए मुश्किल भरा हो सकता। है। इधर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बारे में भी यहीं कहा जा रहा है कि निर्णयकर्ताओं को उनका टिकट काटने के लिए काफी सोच विचार करना पड़ेगा। विंध्य में गौतम की वरिष्ठता को नजरादांज नहीं किया जा सकता। ऐसे में सवाल यह है कि उम्र की सीमा कि बात करने वाली भाजपा क्या इन मंत्रियों की टिकट की खिडक़ी से बाहर का रास्ता दिखाएगी। इस सवाल पर इसलिए प्रश्नचिन्ह लग रहा है कि आने वाले चुनाव के लिए भाजपा ने जो 39 प्रत्याशियों की सूची जारी की है, उसमें से एक प्रत्याशी जगन्नाथ सिंह रघुवंशी की उम्र 70 साल से ऊपर हो चुकी हैं।
इनको भी टिकट की आस
प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होने के बाद भाजपा में 70 पार के अन्य नेताओं को भी टिकट मिलने की आस बढ़ गई है। अजय विश्वोई, जबलपुर की पाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनकी उम्र 71 साल है। शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन 2020 में फिर से भाजपा की सरकार बनने के बाद अजय विश्नोई ने कई बार पार्टी के खिलाफ बयान दिया है। उन्हें चुनाव के लिए बनाई गई समितियों में भी जगह दी गई है। सीताशरण शर्मा मप्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। मौजूदा समय में वो नर्मदापुरम विधानसभा सीट से पांचवीं बार विधायक बने हैं। उनकी उम्र 72 साल है। जगन्नाथ सिंह को टिकट मिलने के बाद अब उन्हें भी उम्मीद है कि टिकट मिल सकता है।
उम्र की सीमा का बंधन नहीं
भाजपा की राजनीति पर नजर रखने वालों का मानना है कि पांचवी बार सूबे की सत्ता को हासिल करने भाजपा ने टिकट के लिए केवल एक ही क्राइटेरिया रखा है और वह है जीतने वाला, यानि कि चुनाव जीतने में सक्षम होने वाले किसी भी उम्र के कार्यकर्ता को टिकट दिए जा सकता है। पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वाले गौरीशंकर बिसेन ने भी सीधे तौर पर तो नहीं पर संकेत में यह साफ कर दिया है कि यह उनकी प्रदेश कैबिनेट में शामिल होने की अंतिम शपथ होगी ये अपनी पुत्री मौसम को अपनी विरासत सौंपने की तैयारी में है। यानि कि अब गौरीशंकर बिसेन की चुनावी राजनीति विरासत के हाथों में होगी। भाजपा के वरिष्ठ नेता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि भाजपा संगठन के पास सभी विधानसभा क्षेत्रों के संभावित प्रत्याशियों का फीडबैक है। प्रदेश भर में टिकटों के विवरण में युवाओं से लेकर वरिष्ठ नेताओं को टिकट दिया जाएगा, जीतने की संभावना निश्चित तौर पर पहला फाइटर है, इसके साथ ही वैचारिक प्रतिबद्धता, लोकप्रियता व्यक्तिगत छवि भी निर्णय में भूमिका निभाएंगे।