आधे से अधिक जिलों के… अफसर बदले जाएंगे

  • मप्र में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी...
  • गौरव चौहान
अफसर बदले जाएंगे

मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब सबकी नजर मंत्रियों के विभागों पर है। मंत्रियों के विभाग बंटते ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होने वाली है। इसके लिए सीएम सचिवालय ने सामान्य प्रशासन विभाग से आईएएस अफसरों की पोस्टिंग की डिटेल मांगी है। माना जा रहा है तकरीबन प्रदेश के आधे से अधिक जिलों के कलेक्टर बदले जाएंगे। वहीं मंत्रालय से लेकर मैदानी इलाके तक में नई जमावट की जाएगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। बताया जा रहा है कि हर विभाग के अफसरों की संगठन कुंडली तैयार कर रहा है। इनमें एक-एक अफसर की इस तरह डिटेल बनाई जा रही है कि, उन्होंने पिछले पांच साल में क्या किया। कौन अधिकारी कांग्रेस के लिए एजेंट की तरह काम कर रहे थे।
गौरतलब है कि नव वर्ष में मुख्य सचिव को लेकर निर्णय किया जाएगा। 31 मार्च को मुख्य सचिव वीरा राणा सेवानिवृत हो रही हैं। इसे देखते हुए सरकार पहले ही मुख्य सचिव को लेकर निर्णय कर लेगी ताकि, चुनाव आयोग के पाले में गेंद ही न जाए। मार्च के पहले पखवाड़े में लोकसभा चुनाव की घोषणा प्रस्तावित है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने प्रशासनिक व्यवस्था बनाने के निर्देश राज्यों को दिए हैं। इसको देखते हुए सरकार मैदानी जमावट से लेकर अन्य अफसरों के तबादले करेगी।
पूरा घर बदलने की कवायद
सरकारी सूत्रों की मानें तो सरकार पूरा घर बदलने की तर्ज पर तबादले की तैयारी कर रही है। इसमें मैदानी, निगम-मंडल, सतपुड़ा, विंध्याचल और मंत्रालय के साथ लूप लाइन में पड़े अफसरों के नाम शामिल हैं। वहीं आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसर भी बदले जा सकते हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जल्द बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हो सकती है। इसमें 26 से ज्यादा सीईओ जिपं, 8 नगर निगम आयुक्त, 30 से अधिक कलेक्टर, 6 संभाग आयुक्त, दो दर्जन निगम-मंडल के एमडी, दर्जनभर विभाग आयुक्त के साथ पचास से ज्यादा सचिव, प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव और अन्य स्थानों पर पदस्थ अधिकारी हो सकते हैं। इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल, उज्जैन और विदिशा के कलेक्टरों को बदलने की संभावना ज्यादा है। प्रशासनिक सर्जरी की शुरुआत सीएम सचिवालय से हो चुकी है। सीएम ने उप सचिव और प्रमुख सचिव को बदल दिया है। सचिवालय से कई और अफसर हटाए जा सकते हैं। इसके साथ ही जंबो लिस्ट कलेक्टरों की निकलेगी। ज्यादातर जिलों में दो साल से अधिक समय से कलेक्टर पदस्थ हैं। तीन साल से अधिक समय तक स्वास्थ्य विभाग में रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने वाली है। अन्य अतिरिक्त मुख्य सचिवों जैसे राजेश राजोरा, जेएन कंसोटिया, अशोक बरनवाल, मनु श्रीवास्तव और केसी गुप्ता के कार्यभार में बदलाव किया जा सकता है। प्रमुख सचिवों में संजय दुबे, संजय शुक्ला, रश्मि अरुण शमी, दीपाली रस्तोगी, उमाकांत उमराव, सुखवीर सिंह और निकुंज श्रीवास्तव के भी विभाग  बदले जा सकते हैं।
संभागायुक्त और कलेक्टर बदलेंगे
प्रशासनिक जमावट के तहत सरकार संभागायुक्त से लेकर कलेक्टरों तक को बदलने की तैयारी कर रही है। जिन संभागायुक्तों को बदलने की संभावना है उनमें अभय वर्मा जबलपुर, अनिल सुचारी रीवा, मालसिंह भयडिया इंदौर, संजय गोयल उज्जैन शामिल हैं।  शहडोल, चंबल और नर्मदापुरम संभाग प्रभार में चल रहे हैं। धनराजू एस राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक जनवरी 2021 से हैं। कई एमडी निगम मंडलों में दो साल से अधिक समय से पदस्थ हैं। कलेक्टरों को बदलने का कारण यह भी माना जा रहा है कि 2015 बैच के अफसरों को फील्ड में भेजा जाना है। 2014 के तीन आईएएस ही अभी तक कलेक्टर नहीं बन सके हैं। इनमें आदित्य सिंह और नेहा मीना प्रमुख हैं। कई कलेक्टर दो साल से अधिक समय से एक ही जगह पदस्थ हैं। वर्ष 2021 से अमरबीर सिंह बैंस बैतूल, उमाशंकर भार्गव विदिशा, हर्ष दीक्षित राजगढ़, गिरीश मिश्रा बालाघाट, दीपक आर्य सागर, नीरज सिंह होशंगाबाद, वंदना वैद्य शहडोल, अनुराग वर्मा सतना, अनूप कुमार सिंह खंडवा हैं। मनोज पुष्प लगातार चौथी कलेक्टरी कर रहे हैं ,जबकि उज्जैन कलेक्टर पुरुषोत्तम कुमार का तीसरा जिला है। वर्ष 2022 से इलैया राजा इंदौर और सुमन कुमार जबलपुर के कलेक्टर हैं। अरुण परमार सिंगरौली, अवि प्रसाद कटनी, साकेत मालवीय सीधी, ऋषभ गुप्ता देवास और ऋजु बाफना नरसिंहपुर। वहीं तीन दर्जन से अधिक ऐसे आईएएस हैं, जिन्हें दो-तीन साल से फील्ड में पोस्टिंग नहीं मिली है। मंत्रालय में पदस्थ अफसरों में रविंद्र सिंह, नेहा मारव्या, गिरीश शर्मा, चंद्रशेखर बालिंबे, अजय गुप्ता, धनंजय प्रताप सिंह, अभिषेक सिंह, ज्ञानेश्वर पाटिल, अजित कुमार, शिल्पा गुप्ता, सरिता प्रजापति, मीनाक्षी सिंह आदि हैं। रीवा संभाग के अपर आयुक्त छोटे सिंह और नर्मदापुरम के आरपीएस जादौन को भी फील्ड नहीं भेजा गया।

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