लेट पहुंचने पर सीएल के बाद भी करना होगा काम
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। गुरुवार का दिन उन सरकारी कर्मचारियों को भारी पड़ा, जो आराम से सरकारी दफ्तर जाने के आदी हो चुके हैं। दरअसल सरकार द्वारा दफ्तरों के बदले गए समय के बाद भी कर्मचारी अपने मन मुताबिक समय पर दफ्तर पहुंचे, तो उन्हें उपस्थिति रजिस्टर ही नहीं मिला। इस मामले में सबसे अधिक सख्ती मंत्रालय में देखने को मिली। दरअसल, अब तक प्रदेश में आमजन परेशान होते रहते थे और अफसरों से लेकर कर्मचारी तक अपने-अपने दफ्तरों से नदारत रहते थे। जिसके चलते ही इस तरह का निर्णय किया गया है। नई व्यवस्था में देरी से आने वाले कर्मचारियों की सीएल तो लगेगी ही, उन्हें पूरे दिन काम भी करना होगा। प्रमुख सचिव, गृह संजय दुबे गुरुवार को सुबह ठीक 10 बजे मंत्रालय पहुंच गए। उन्होंने अपने कक्ष में पहुंचते ही विभाग के कर्मचारियों का अटेंडेंस रजिस्टर अपने पास रख लिया। उन्होंने निर्देश दिए की सभी कर्मचारी उन्हीं के कक्ष में आकर रजिस्टर में अटेंडेंस लगाए। लेट पहुंचने वाले कर्मचारियों को जब पता चला कि उन्हें प्रमुख सचिव के कक्ष में जाकर अटेंडेंस लगाना है, तो उनके होश उड़ गए। कर्मचारी हिम्मत जुटाकर उनके कक्ष में पहुंचे। कर्मचारियों ने लेट आने के संबंध में स्पष्टीकरण दिया, माफी मांगी और आगे से समय पर ड्यूटी पर आने की बात कही। पीएस ने उन्हें समय पर ड्यूटी पर आने की हिदायत दी। सरकार का यह आदेश कितने दिन चलता है, यह देखना होगा। क्योंकि वर्ष 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. बाबूलाल गौर ने निर्देश दिए थे की अधिकारी लंच करने घर नहीं जाएं। वे लंच साथ में लेकर आएं और मंत्रालय में ही लंच करें। उनके निर्देश पर कुछ दिन अधिकारियों ने अमल किया, लेकिन उनके पद से हटते ही अधिकारी लंच करने घर जाने लगे।
गौरतलब है कि मंत्रालय सहित प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में सालों से चल रही हीलाहवाली पर अंकुश लगाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर कर्मचारी एवं अधिकारियों से कार्यालय समय सुबह 10 बजे आने और शाम 6 बजे जाने के निर्देश दिए थे। साथ ही कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति को लेकर विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी। गौरतलब है कि मप्र सरकार ने तीन साल पहले केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में फाइव डेज वीक लागू किया था। जीएडी ने 8 अप्रैल, 2021 को इस संबंध में आदेश जारी किया था। आदेशानुसार कार्यालयों के पूर्व के समय (सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे) में संशोधन करते हुए कार्यालयों का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक कर दिया गया है। जीएडी के इस आदेश के बाद हर शनिवार को सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहने लगा, जबकि कोरोना काल से पूर्व महीने के पहले और चौथे शनिवार को सरकारी कार्यालय बंद रहते थे।
रोजाना देनी होगी रिपोर्ट
गौरतलब है कि तीन साल पहले प्रदेश में केन्द्रीय कार्यालयों की तर्ज पर हफ्ते में पांच दिन काम करने का आदेश जारी किया गया था पर इसके साथ ही उनका समय सुबह दस से शाम के छह बजे तक कर दिया गया था पर अमल इस पर नहीं हुआ। अधिकारियों के साथ कर्मचारी भी साढ़े दस से ग्यारह बजे आने लगे। इसके अलावा अधिकांश कर्मचारी छह की बजाए पांच बजे घर के लिए निकल जाते थे। सरकार ने अब इन पर लगाम कसी है। प्रदेश के बाद जिलों में इसी तरह की सख्ती करने की तैयारी है। लेट आने वाले कर्मचारियों की सीएल तो अब लगेगी ही, उन्हें पूरे दिन काम भी करना होगा। सरकार ने प्रदेश के अधिकारी, कर्मचारियों के तय समय पर ड्यूटी पर पहुंचने को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। मंत्रालय के इतिहास में पहली बार कर्मचारियों की अटेंडेंस को लेकर नई व्यवस्था लागू की गई है। इसके अनुसार सभी विभाग प्रमुख (सचिव स्तर) सामान्य प्रशासन विभाग को एक दैनिक रिपोर्ट सौंपेंगे कि उनके संबंधित विभाग के कर्मचारी समय पर आए या नहीं। उन्हें यह रिपोर्ट हर रोज दोपहर डेढ़ बजे तक सौंपना होगी। जीएडी ने इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव को आदेश जारी किया है।
पहले दिन ही दिखा असर
दरअसल, सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने एक आदेश जारी कर कहा था कि अधिकारी सुबह समय पर दफ्तर पहुंचें और अपने अधीनस्थों से भी इसका पालन कराएं। प्रदेश में सरकारी कार्यालयों का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक है। पहले ही दिन इस आदेश का असर नजर आया। सरकारी कार्यालयों में ज्यादातर अधिकारी, कर्मचारी समय पर ऑफिस पहुंचते नजर आए। जीएडी ने मंत्रालय के कर्मचारियों को लेकर एक अन्य आदेश जारी किया है। इसमें सभी विभाग प्रमुखों को दोपहर डेढ़ बजे तक जीएडी को मंत्रालय में कर्मचारियों की अटेंडेंस की रिपोर्ट सौंपना होगी। गुरुवार को इस संबंध में जारी आदेश की प्रति जब कर्मचारियों के हाथ लगी, तो वे भौचक रह गए। गुरुवार को लेट पहुंचने वाले मंत्रालय के कर्मचारियों की सीएल लगा दी गई। इसके बाद भी उन्हें ड्यूटी करना पड़ी। मंत्रालय में अधिकारी, कर्मचारियों की संख्या करीब 2 हजार है। जीएडी के निर्देशानुसार मंत्रालय में दोपहर एक से डेढ़ बजे तक (आधा घंटा) लंच का समय निर्धारित है। हालांकि यहां लंच दोपहर डेढ़ बजे से होता है।