‘सुपोषित मप्र’ को पलीता लगा रहे अधिकारी

सुपोषित मप्र
  • कुपोषण मुक्ति अभियान की गलत सर्वे रिपोर्ट दी अधिकारियों ने…

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में कुपोषण के खात्में के लिए सरकार लगातार अभियान चला रही है। इसके तहत बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध तो कराया ही जा रहा है, साथ ही उनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट भी तैयारी की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार ही कुपोषितों को इलाज और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। लेकिन जिस महिला एवं बाल विकास विभाग का इसकी जिम्मेदारी है उसे के अधिकारी गलत कागजी रिपोर्ट देकर अभियान को पलीता लगा रहे हैं। इसका खुलासा होने के बाद विभाग ने अधिकारियों की रिपोर्ट पर जताई आपत्ति हैं। कुपोषण की गलत सर्वे रिपोर्ट देने पर फटकार लगाई है। गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता रही है कि प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाया जाए। इसके लिए वे अधिकारियों को लगातार निर्देशित करते रहते हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि फील्ड के अधिकारी सरकार को गलत रिपोर्ट दे रहे है। विभाग ने कुपोषण की सर्वे रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। सभी संभागीय संयुक्त संचालक आगामी 10 कार्यदिवस के दौरान शारीरिक माप गतिविधि की आंगनवाड़ी स्तर पर भ्रमण कर गुणवत्ता की निगरानी एवं समीक्षा करेंगे। योजनाबद्ध तरीके से मासिक शारीरिक माप दिवसों अंतर्गत निम्न कार्यवाही एवं रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें।
कई सेक्टर की रिपोर्ट व्यवहारिक नहीं
जानकारी के अनुसार फील्ड से आने वाली रिपोर्ट का आकलन करने पर यह पाया गया कि विगत माहों के शारीरिक माप दिवसों के आंकडे एक समान हैं जोकि व्यावहारिक नहीं है एवं अस्वीकार्य है। इस संदर्भ में संचालनालय द्वारा पूर्व में भी पत्र जारी किए गए हैं। जानकारी के अनुसार बच्चों में कुपोषण कम करने और सुपोषित मप्र की अवधारणा को फलीभूत करने हेतु जन्म से 6 वर्ष के सभी बच्चों का निरंतर शारीरिक माप लेकर कुपोषण का चिन्हांकन अत्यंत आवश्यक है। इस संदर्भ में संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक माह दिनांक 11 से आगामी 10 कार्य दिवस तक मासिक शारीरिक माप दिवसों का आयोजन कर बच्चों के वजन एवं लम्बाई-ऊंचाई का गुणवत्तापूर्वक माप लिए जाने हेतु संदर्भित पत्रों के द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। विगत माहों के शारीरिक माप संबंधित आंकड़ों से परिलक्षित हो रहा है कि विभिन्न कारणों से गुणवत्तापूर्ण शारीरिक माप दिवसों का योजनाबद्ध तरीके से आयोजन नहीं किया जा रहा है।
आधे से अधिक जिलों ने नहीं दी पोषण आहार की रिपोर्ट
कुपोषण मुक्ति अभियान के प्रति अधिकारी कितने लापरवाह हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की प्रदेश के 28 जिलों ने 8 माह से पोषण आहार की जानकारी ही नहीं दी है। मासूम बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार व टेक होम राशन की क्वालिटी कैसी है और वह कितना पोषण दे रहे हैं, इसकी रिपोर्ट हर माह देनी होती है। यह स्थिति भी तब है, जब केंद्र सरकार की गाइड लाइन है कि हर माह भारत सरकार के खाद्य एवं पोषाहार बोर्ड नई दिल्ली की प्रयोगशाला से इसकी जांच होनी चाहिए। जिन जिलों ने सैंपल टेस्ट रिपोर्ट नहीं दी है, उनमें भोपाल संभाग के सीहोर, राजगढ़ और विदिशा भी शामिल है। रिपोर्ट नहीं आने के कारण फिलहाल महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन 28 जिलों का भुगतान रोक दिया है। साथ ही मोहलत दे दी है कि वे 10 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट दें। उपरोक्त 28 जिले आठ प्लांटों से जुड़े हैं, जहां पूरक पोषण आहार और टेक होम राशन बन रहा है। इस समय सागर, देवास, बाड़ी, शिवपुरी, रीवा, मंडला, नर्मदापुरम और धार के प्लांटों में पूरक पोषण आहार व टेक होम राशन बन रहा है। इन्हीं प्लांटों से 52 जिलों में सप्लाई है। ऑर्डर महिला बाल विकास विभाग देता है। इसलिए सैंपल टेस्ट की रिपोर्ट विभाग द्वारा मांगी गई है। उत्पादन किए गए हर आइटम में बैच लिखा होना अनिवार्य होता है। इसी आधार पर हर पैकेज बैच का सैंपल टेस्ट होता है। मप्र में यह सेंपल टेस्ट अगस्त 2022, अक्टूबर 2022 और दिसंबर 2022 में होना था, 28 जिले तो ऐसे हैं, जिन्होंने तीनों अवधि की रिपोर्ट नहीं दी। इंदौर एकमात्र ऐसा जिला है, जिसने सभी अवधि की सेंपल टेस्ट रिपोर्ट सौंप दी है।
अभियान में लगे अधिकारियों का निर्देश
‘सुपोषित मप्र’ अभियान में लगे अधिकारियों को विभाग ने दिशा निर्देश दिया है कि संभाग अंतर्गत सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों एवं परियोजना अधिकारियों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर शारीरिक माप गतिविधि के निगरानी हेतु भ्रमण प्लान / कार्ययोजना संकलित कर संचालनालय को सांझा करें। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र क्षेत्र के सभी जन्म से 6 वर्ष के बच्चों की सूची बच्चों की तैयार की जाएगी। कुल संख्या अनुसार प्रत्येक दिन 5 से अधिकतम 5 बच्चों का ही गुणवत्तापूर्वक शारीरिक माप (वजन एवं लम्बाई ऊँचाई) ली जाकर बच्चों के देखभाल कर्ता को भी अवगत कराया जाए। शारीरिक माप दिवसों के दौरान प्रत्येक दिवस में शारीरिक माप (वजन एवं लंबाई / ऊंचाई) की वास्तविक जानकारी उसी दिवस में ही कार्यकर्ता द्वारा पोषण ट्रैकर में संबंधित बच्चे की जानकारी प्रविष्ट किया जाए। साथ ही रिपोर्टेड आंकड़ों की माह अप्रैल 2023 के एमपीआर में प्रविष्टि आंकड़ों से एकरूपता सुनिश्चित करेंगे।  प्रत्येक दिवस संभागीय संयुक्त की जाएगी। संचालक एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किए गए भ्रमण की आंगनवाड़ीवार जानकारी प्रत्येक दिन संलग्न प्रपत्र (परिशिष्ट -1 ) में संचालनालय को दिवसवार जानकारी प्रेषित करना सुनिश्चित करेंगे। शून्य एसएएम या एमएएम बच्चे रिपोर्ट करने वाले सेक्टर क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक द्वारा शारीरिक माप (वजन एवं लंबाई ऊंचाई) की प्रक्रिया पुन: करवा कर आंकड़ों की सत्यता सुनिश्चित की जाएगी। पर्यवेक्षक विशेष रूप से ध्यान देवें कि एमआईएस पोर्टल पर माह अप्रैल 2023 के एमपीआर में प्रत्येक केंद्र द्वारा रिपोर्ट किए गए आंकड़े सटीक एवं सही हों। सेक्टर में माह अप्रैल 2023 में शारीरिक माप दिवसों के आयोजन उपरान्त एमपीआर अंतर्गत संबंधित शारीरिक माप की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें।

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