सरकारी रास्तों पर दबंगों का कब्जा

 शासन

भोपाल संभाग में एक साल में 1025 केस दर्ज

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में शासन और प्रशासन भू-माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। भू-माफिया और दबंगों के कब्जे से सरकारी जमीनें छुड़ाई जा रही है। लेकिन हैरानी की बात है कि सरकार की सख्ती के बाद भी सरकारी जमीनों को कब्जाने का सिलसिला रूक नहीं रहा है। पिछले एक साल में दबंगों द्वारा अकेले भोपाल संभाग में केवल सरकारी रास्ते कब्जाने के 1025 केस दर्ज हुए हैं। संभाग में सबसे ज्यादा खराब स्थित राजगढ़ की सामने आई है। जहां पिछले एक साल 339 शिकायतें दबंगों की तरफ से रास्ता कब्जाने की आई हैं।  दबंगों द्वारा सरकारी रास्ते और खेती की जमीनों पर जाने वाले रास्ते पर कब्जा करने के मामले में प्रशासन का कहना है कि शिकायतों का तत्परता से निराकरण किया जा रहा है। जहां भी शिकायत मिलती है वहां से कब्जा हटाया जाता है। जानकारी के अनुसार भोपाल संभाग में एक साल के अंदर 1025 केस दर्ज हुए हैं। उनमें  भोपाल में 117, राजगढ़ में 339, रायसेन में 151, विदिशा में 277 और  सीहोर में 141 शिकायतें मिली हैं। संभागायुक्त मालसिंह भायडिया का कहना है कि रास्ता विवाद या कब्जों के प्रकरण में लगातार कलेक्टर और अफसरों द्वारा कार्रवाई की जा रही है। आरओ बैठक में भी इस पर चर्चा होती है। रास्ता रोके जाने से आम आदमी ज्यादा परेशान होता है। ऐसे में हमारी प्राथमिकता में रास्तों का अतिक्रमण हटाना रहता है।
 80 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन उलझी
जानकारी के अनुसार दबंगों ने सरकारी रास्ते, खेती की जमीनों पर जाने वाले रास्ते, आम रास्तों की चोरी कर 80 हेक्टेयर से ज्यादा जमीनें उलझा दी हैं। जिन पर आज लोग जा नहीं सकते। कई जगह तो हालात ऐसे हैं कि लोगों को काफी लंबा चक्कर काटकर जाना होता है, लेकिन दबंगों की तरफ से किए गए कब्जे आसानी से हट नहीं पा रहे। अगर प्रशासन जबरन इन्हें हटा भी देता है तो इसमें से चालीस फीसदी फिर से कब्जा कर पीड़ितों को परेशान करने से बाज नहीं आ रहे। कई मामलों में तो लोग थक कर बैठ भी जाते हैं। हालांकि प्रशासन की तरफ से दी गई जानकारी में 1025 मामलों में 71.22 फीसदी मामलों का संतोषजनक निवारण का दावा है। लेकिन शिकायतों की स्थिति देखकर ऐसा नहीं लगता। क्योंकि कई पीड़ित तो  लगातार शिकायतें कर रहे हैं। आम रास्ता की शिकायतों की पड़ताल से पता चलता है कि करीब आठ किमी रास्तों पर दबंगों का कब्जा था। इसमें से सवा दो किमी से ज्यादा पर कब्जा आज भी है। ढाई किमी का आंकड़ा संभाग में हुई अलग-अलग शिकायतों के आधार पर है। अधिकांश मामलों में दबंगों ने कब्जा कर कृषि की जमीन, प्लॉट पर आवागमन को अवरुद्ध किया है। राजधानी के गांधी नगर स्थित गोंदरमऊ में आसाराम आश्रम के पीछे रास्ते का विवाद कोर्ट में जाने के बाद भी हल नहीं हो रहा है।
लोग हो रहे परेशान
दबंगों द्वारा रास्ते कब्जाने और रोके जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भोपाल में शिकायतकर्ता सोनू कुशवाह ने बताया खसरा नंबर 295, हल्का नंबर 23 में कुल रकबा 205 हेक्टेयर है। इस जमीन पर जाने के रास्ते को जगदीश गुर्जर ने कब्जा किया है। जिससे उसे लंबा रास्ता तय कर जमीन तक जाना पड़ता है, जबकि रास्ता आम आदमी का है। राजगढ़ के कैलाश दांगी ने बताया कि सादलपुर में राधेश्याम, प्रहलाद और मदनलाल ने सरकारी रास्ते पर कब्जा कर लिया है। इससे न केवल उन्हें बल्कि सादलपुर के कई लोगों को काफी परेशानी होती है। उन्हें काफी घूमकर जाना होता है। ये शिकायत हाल ही में दर्ज हुई है।

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