नर्सिंग फर्जीवाड़ा: सुनीता के बाद अब चंद्रकला भी बर्खास्त

नर्सिंग फर्जीवाड़ा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। देश के सबसे बड़े फर्जीवाड़ों में शुमार प्रदेश के नर्सिंग फर्जीवाड़ा मामले में मुख्यमंत्री डां मोहन यादव की सख्ती का असर दिखना शुरु हो गया है। इस मामले में अब तक दो महिला अफसरों को बर्खास्त किया जा चुका है। इसके अलावा छह जिम्मेदारों पर भी बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई है। यह बात अलग है कि इस मामले में इसके बाद भी तत्कालीन विभाग के मुखिया से लेकर अन्य आला अफसरों तक इसकी जांच की आंच नहीं पहुंची है। दरअसल, दो दिन पहले ही इस मामले में पहली बर्खास्तगी की कार्रवाई तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू के खिलाफ की गई थी। यह वही महिला अधिकारी हैं, जिन पर मामले का खुलासा होने के बाद भी विभाग के अफसर जमकर मेहरबान बने हुए थे। इसके बाद अब एक और तत्कालीन रजिस्ट्रार चंद्रकला दिगवैया को भी बर्खास्त कर दिया गया है। प्रदेश शासन ने शनिवार देर रात उनकी बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया है। दिगवैया पर आरोप है कि उन्होंने नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में निर्धारित मापदंडों की अनदेखी की है। कई ऐसी संस्थाओं को मान्यता दी गई, जो पात्र नहीं थे। बाद में हाई कोर्ट द्वारा गठित टीम और सीबीआई की जांच में ये कॉलेज अपात्र मिले हैं। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल ने दिगवैया की बर्खास्तगी की पुष्टि की है। बता दें कि शुक्रवार को ही एक अन्य तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को भी बर्खास्त किया गया था।
अब मापदंड के अनुसार नहीं होने के बाद भी कॉलेजों की उपयुक्त रिपोर्ट देने वाले अन्य छह अधिकारी-कर्मचारियों के निलंबन और बर्खास्तगी की भी तैयारी है। इनमें एक कर्मचारी सेवानिवृत भी हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2021-22 में कुल 10 नर्सिंग महाविद्यालयों को नियम विरुद्ध तरीके से इस सत्र के लिए मान्यता दी गई थी। बाद में विभिन्न कारणों से मापदंडों के अनुरूप न होने से निरस्त की गई। इन संस्थाओं में से आठ को निरीक्षणकर्ताओं की प्रतिकूल निरीक्षण रिपोर्ट के बावजूद तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू द्वारा मान्यता दी गई थी। इस पर शिजू को बर्खास्त कर दिया गया है। अन्य दो नर्सिंग संस्थाओं वैष्णवी कॉलेज इंदौर एवं आरडीएम नर्सिंग कॉलेज, उमरिया को निरीक्षणकर्ताओं की अनुकूल रिपोर्ट के आधार पर मान्यता प्रदान की गई, जो बाद में विभिन्न कारणों से मापदंड के अनुसार नहीं होने से निरस्त की गई। इस पर संज्ञान लेते हुए उन नर्सिंग संस्थाओं के छह निरीक्षणकर्ताओं को संबंधित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के डीन द्वारा जल्द अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इनमें मेडिकल कॉलेजों के फैकल्टी और स्टाफ नर्स शामिल हैं।

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