प्रदेश में स्कूलों की संख्या हुई सवा लाख

स्कूलों की संख्या
  • देश में दूसरा स्थान मिला

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र सरकार का फोकस शिक्षा पर बना हुआ है। यही वजह है कि बीते कई सालों से प्रदेश के सरकारी स्कूलों के उन्नयन और उनमें कई तरह की सुविधाओं को विकसित करने का काम जारी है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा साल दर साल बजट दिया जा रहा है। इसके परिणाम स्वरुप ही मप्र ऐसा राज्य बन चुका है, जहां पर स्कूलों की संख्या सवा लाख के करीब पहुंच गई है। इस मामले में मप्र देश का संख्या के हिसाब से दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। अहम बात यह है कि मप्र ऐसा राज्य भी बन चुका है जहां के सरकारी स्कूलों ने आदर्श अधोसंरचना स्थापित करने में निजी स्कूलों की न केवल बराबरी की है बल्कि कई मामलों में तो आगे भी निकल गया है। केंद्र सरकार द्वारा हाल में जारी यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम (यूडीआई) फॉर एजुकेशन प्लस रिपोर्ट में देश के सरकारी स्कूलों की अधोसंरचना पर जारी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।  इस रिपोर्ट में सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और अन्य स्कूलों में 2014 की स्थिति और वर्तमान स्थिति का तुलनात्मक आंकलन कर आंकउ़े तैयार किए गए हैं। इसमें बताया गया है कि स्कूलों की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश का उप्र के बाद दूसरा स्थान है। मप्र में स्कूलों की संख्या करीब एक लाख 23 हजार है, जबकि उत्तप्रदेश में यह दो लाख 58 हजार है।  दरअसल उप्र राज्य मप्र की तुलना में आबादी और क्षेत्रफल में मप्र से करीब तीन गुना बड़ा है।  रिपोर्ट में स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था, बेटियों के लिए शौचालय व्यवस्था, बच्चों के लिए अलग शौचालय, हाथ धोने की सुविधा, विद्युत कनेक्शन, लाइब्रेरी सुविधा, खेल मैदान, चिकित्सीय परीक्षण की सुविधा, कंप्यूटर की उपलब्धता, इंटरनेट सुविधा, दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए हैंडरेल समेत रैंप, टॉयलेट की सुविधा, किचन गार्डन रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और सोलर ऊर्जा सिस्टम जैसी अधोसंरचनात्मक व्यवस्थाओं का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है।
प्रदेश के विद्यालयों की मौजूदा स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में सरकारी, निजी और सरकारी सहायता प्राप्त 1,23,412 स्कूल हैं, जिनमें एक करोड़ 53 लाख 61 हजार 543 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या 6 लाख 39 हजार 525 है। इनमें सरकारी स्कूल 92,439 हैं और सरकारी सहायता प्राप्त 581 और निजी 28,910 और अन्य 1482 हैं। इनमें से 39.4 प्रतिशथ स्कूल प्रिपेरेटरी या फाउंडेशनल हैं, जबकि 35.7 प्रतिशत मिडिल स्कूल और 14.9 प्रतिशत हायर सेकेंडरी स्कूल है। शिक्षकों की उपलब्धता के मान से 21.02 प्रतिशत फाऊंडेशनल स्कूलों में, 37.9 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में और 40.9 प्रतिशथ हायर सेकेंडरी स्तर के स्कूलों में कार्यरत हैं।

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