कमलनाथ के किचिन कैबिनेट से एनपी प्रजापति बाहर

कमलनाथ
  • अपेक्षाओं पर नहीं उतरे खरे

    भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम।  मिशन-2023 को फतह करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एक्शन मूड में आ गए है। संगठन को मजबूत करने और सत्ता में वापसी के लिए कड़े निर्णय लेने लगे हैं। यहां तक की नाथ ने अपना-पराया के मापदंड को भी हाशिए पर धकेल दिया है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष नाथ की किचन कैबिनेट में शामिल पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति भी बाहर हो गए। पूर्व मंत्री बाला बच्चन भी नाथ की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहें है।
     प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संगठन को मजबूती प्रदान करने की मंशा से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एमपी प्रजापति को मंडलम-सेक्टर की जिम्मेदारी से बाहर कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि नगरीय निकाय चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के समक्ष यह बात साफ हो गई कि मंडलम-सेक्टर और पोलिंग बूथ का गठन कागजों पर ही हुआ। चुनाव के समय हकीकत की पोल खुल गई। यह भी उल्लेखनीय है कि जब मंडलम- सेक्टर के गठन हो रहे थे, सभी कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं एवं विधायकों ने इसकी शिकायत भी की थी। तब कमलनाथ ने इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया था। नगरीय निकाय चुनाव में हकीकत सामने आने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने किचन कैबिनेट के प्रमुख सदस्य पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एमपी प्रजापति को पहले बाल कांग्रेस अब मंडलम-सेक्टर और पोलिंग बूथ की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति को विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय होने की हिदायत दी है। नाथ ने अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुयायी अशोक सिंह को मंडलम-सेक्टर एवं पोलिंग बूथ के गठन की जिम्मेदारी सौंपी है। ग्वालियर के कद्दावर नेता अशोक सिंह के पास कोषाध्यक्ष का दायित्व भी है।
     बाला बच्चन भी नहीं उतरे खरे
     कमलनाथ के किचन कैबिनेट सदस्यों में एक नाम पूर्व मंत्री बाला बच्चन का भी है। पूर्व मंत्री बाला बच्चन भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे है। नाथ ने उन्हें अपने ड्रीम प्रोजेक्ट बाल कांग्रेस के गठन की जिम्मेदारी सौंपी थी। ड्रीम प्रोजेक्ट बाल कांग्रेस 7 महीने बाद भी शैशव अवस्था में ही है। प्रोजेक्ट शुरू होने के पहले ही आपसी खींचतान शुरू हो गई है। इसी के चलते कई बार प्रभारी बदले जा चुके हैं। पहले बाला बच्चन फिर एनपी प्रजापति दोनों ने ही प्रभारी का पद छोड़ दिया है। दोनों के पद छोड़ने के कारण अब महेंद्र जोशी को नया प्रभारी बनाया गया है। महेंद्र जोशी सेवा दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर रह चुके है। उनकी संगठनात्मक क्षमता देखते हुए ही नाथ ने यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है।
    इस तरह की रहती है संरचना
    कांग्रेस हर बूथ पर 10-10 कार्यकर्ता तैनात कर रही है, इसके बाद तीन बूथ पर एक सेक्टर रहता है। एक सेक्टर पर 15 कार्यकर्ता होंगे। इनसे मंडलम की टीम जुड़ी रहेगी, दो सेक्टर पर एक मंडलम रहता है। प्रदेश में 11 हजार मंडलम बनाए जाने हैं। एक मंडलम में 20 कार्यकर्ता होंगे। मंडलम पर 2.20 लाख लोग सेक्टर से संपर्क में रहेंगे। मंडलम से ब्लॉक, ब्लॉक से जिला और जिले का संपर्क पीसीसी का होगा।
    प्रजापति डेंजर जोन में
    सूत्रों की माने तो हाल ही में कमलनाथ द्वारा प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों का सर्वे कराया है। इस सर्वे में जिन 27 मौजूदा विधायकों को डेंजर जोन में बताया गया है ,उसमें एनपी प्रजापति का नाम भी बताया जा रहा है। इसकी वजह से अब कमलनाथ ने प्रजापति को विधानसभा चुनाव तक अपने विस क्षेत्र में सक्रिय रहने का कहा है। दरअसल, हाल में हुई पार्टी की बैठक में कमलनाथ ने एक कदम आगे बढ़कर भाजपा की तर्ज पर पन्ना प्रभारियों की नियुक्ति की भी बात कही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि जल्द ही बैठक कर पन्ना प्रभारियों की नियुक्ति के संबंध में चर्चा की जाएगी।

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