सोलर पंपों पर अब मिलेगा 60 फीसदी तक अनुदान

सोलर पंपों
  • पांच सालों से जारी इंतजार हुआ समाप्त

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के किसानों का पाँच साल से जारी सस्ते सोलर पंपो का इंतजार अब समाप्त होने जा रहा है। इसकी वजह है एक बार फिर से सरकार सरकार किसानों को सस्ते सोलर पंप उपलब्ध कराने के लिए अनुदान देने की तैयारी कर रही है। यह अनुदान भी अब साठ फीसदी तक होगा। इसमें केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर यह अनुदान देंगे। इसके लिए कुछ दिन पहले ही ऊर्जा विकास निगम ने 10 हजार सोलर पंप के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि अब किसानों को महज सोलर पंप की कीमत की 40 फीसदी राशि ही देनी होगी , जबकि शेष राशि में से तीस-तीस फीसदी राशि  बतौर अनुदान के रुप में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा भुगतान की जाएगी। इन पंपों को लेने के लिए किसानों को अगले माह से आवेदन देने होंगे। इसके लिए आवेदन ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। गौरतलब है कि पांच साल पहले जारी इस योजना के तहत सोलर पंप लेने के लिए आठ हजार किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया था, इन किसानों ने रजिस्ट्रेशन के दौरान पांच हजार रुपए भी लिए गए थे, लेकिन इन किसानों के खेतों पर पंप लग पाते उसके पहले ही अचानक सरकार ने योजना बंद कर दी थी। इसकी वजह से महज कुछ ही किसानों को पंप मिल पाए थे, तभी से सैकड़ों हजारों किसान इन पंपों के लिए परेशान चल रहे थे। अब फिर से योजना शुरु किए जाने से इंतजार कर रहे किसानों को पंप मिलने का रास्ता साफ हो गया है। ऊर्जा विकास निगम ने भी तय किया है कि वह सबसे पहले उन किसानों का पंप देगी, जिनके आवेदन पहले से जमा हैं। सबसे पहले उन किसानों के खेत में सोलर पंप लगाएगी, जिन्होंने पहले से आवेदन के साथ प्रीमियम की राशि भी जमा कर रखी है। शेष पंप पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिए जाएंगे।
इन्हें होगी पात्रता
दरअसल इस योजना के लिए वे लोग पात्र होंगे, जो कृषि भूमि की सिंचाई के लिए ले रहे होंगे।  इसमें में भी उन्हें ही ये पंप दिए जाएंगे, जिनके पास पहले से कृषि के लिए बिजली कनेक्शन नहीं है। सोलर पंप संयंत्र की सुरक्षा एवं सामान्य रखरखाव की जिम्मेदारी किसान की होगी। किसान के पास सिंचाई का स्थाई स्रोत होना चाहिए। इसके तहत 5.5 एचपी तक केवल डीसी पंप ही लगाए जाएंगे।
सोलर सिंचाई पंप के फायदे
सोलर पंप के सात तरह के फायदे रहते हैं। इसमें बाहरी ऊर्जा की खपत से मुक्ति मिल जाती है। इसके परिचालन की लागत कम होती है। यह बहुत आसान और विश्वसनीय होते हैं। यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही आर्थिक रूप से लाभकारी रहते हैं। इसकी स्थापना आसानी से की जा सकती है और इन्हें एक से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है।

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