अब प्रदेश में कामदार अफसरों की होगी पूछ-परख

मंत्रालय

जल्द होने वाले बड़े प्रशासनिक फेरबदल में दिखेगा असर

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश को नए प्रशासनिक मुखिया मिलने के बाद अब एक बार फिर बड़ी प्रशासनिक जमावट की तैयारी की जा रही है। इसमें मैदानी से लेकर मंत्रालय स्तर तक उन अफसरों को पूरी तबज्जो दी जाएगी, जो अपने साफ सुथरे कामकाज की वजह से चर्चा में रहते हैं और लोगों में भी लोकप्रिय माने जाते हैं। दरअसल, नए मुख्य सचिव बने हुए अनुराग जैन को अब एक पखवाड़े से अधिक का समय हो चुका है। ऐसे में वे अब पूरी तरह से कामकाज को समझ चुके हैं। मप्र कैडर के होने की वजह से वे अधिकांश अफसरों की कार्यशैली पहले से ही समझते हैं। ऐसे में यह तो तय है कि वे अपने हिसाब से टीम का चयन करेगें। इसकी वजह से मैदानी स्तर से लेकर मंत्रालय स्तर तक अफसरों में फेरबदल होना तय है। अनुराग जैन को एक सख्त व निर्णय लेने वाला अफसर माना जाता है।  संभावित फेरबदल को लेकर मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की मुख्य सचिव अनुराग जैन तथा अपर मुख्य सचिव डा. राजेश राजौरा के बीच पहले दौर की बातचीत हो चुकी है, अब एक और दौर की वार्ता होनी है, जिसके बाद तबादला सूची जारी कर दी जाएगी।  माना जा रहा है कि नई पदस्थापना सूची दीपावली के बाद जारी की जाएगी।
इस फेरबदल में साफ छवि और तेजतर्रार कार्यशैली वाले अधिकारियों का विशेष रुप से ध्यान रखा जाएगा, जिसके चलते उन्हें महत्वपूर्ण विभागों के अलावा सरकार की प्राथमिकता वाले विषयों से जुड़े विभागों में पदस्थ किया जाएगा। इसके अलावा उन अफसरों को भी राहत दी जाएगी, जो इस समय एक साथ कई -कई विभागों का दायित्व निभा रहे हैं। इसमें उन अफसरों को भी राहत दी जाएगी, जो मुख्यमंत्री सचिवालय का भी काम देख रहे हैं। जिन अधिकारियों के कामकाज का बोझ कम किया जाना है उनमें प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय शुक्ला तथा सचिव कार्मिक एम सेलवेन्द्रन का नाम है। संजय शुक्ला के पास मुख्यमंत्री कार्यालय के कामकाज के साथ प्रमुख सचिव महिला व बाल विकास तथा खनिज साधन का भी प्रभार है। शुक्ला ने खनिज साधन विभाग के प्रमुख सचिव का पद अन्य किसी अधिकारी को सौंपने का आग्रह किया  है। एम सेलवेन्द्रन के पास सचिव कार्मिक के साथ सचिव कृषि, आयुक्त मंडी तथा महानिरीक्षक पंजीयन तथा मुद्रांक का भी प्रभार है। अतिविश्वसनीय सूत्रों के अनुसार आयुक्त मंडी तथा महानिरीक्षक पंजीयन व मुद्रांक का प्रभार किसी अन्य अधिकारी को सौंपा जाएगा। प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया बनने के बाद से मुख्य सचिव अनुराग जैन लगातार कामकाज को लेकर बैठकें कर रहे हैं। वे लगभग सभी विभाग और विभागाध्यक्षों से चर्चा कर चुके हैं। माना जा रहा है कि जिन विभागों में फेरगदल हो सकता है उनमें कृषि, स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, वित्त, गृह, परिवहन, राजस्व, खनिज, लोक निर्माण विभाग समेत अन्य प्रमुख विभागों में विभागाध्यक्ष से लेकर प्रमुख सचिव तक बदले जा सकते हैं। माना जा रहा है कि होने वाले फेरबदल में बेहतर कामकाज वाले अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी , जो किसी न किसी कारण से कामकाज वाली जगहों पर अभी पदस्थ हैं।
कोठारी का बदल सकता है विभाग
आयुक्त उद्योग तथा सचिव सूक्ष्म व मध्यम उद्योग नवनीत मोहन कोठारी का विभाग बदला जा सकता है। बताया जाता है कि विभाग की निलंबित महिला अधिकारी अनुराधा सिंघई द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को की गई शिकायत को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार शिकायत की जांच वरिष्ठ अधिकारी से कराने जा रही है। इसके पूर्व कोठारी का विभाग बदला जाएगा, ताकि जांच किसी तरह प्रभावित न हो। मुख्य सचिव अनुराग जैन काम-काज में पारदर्शिता चाहते हैं। इसलिए हर शिकायत को गंभीरता से ले रहे हैं।
यह होंगे प्रभावित
प्रमुख सचिव आदिमजाति अनुसूचित जाति कल्याण तथा पशुपालन व आयुक्त आदिमजाति कल्याण ई रमेश कुमार के कामकाज से मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव खुश नहीं है। उनके खिलाफ कुछ शिकायतें भी सरकार के पास पहुंची है। संभावना है कि उनके विभागों में कटौती की जाएगी अथवा विभाग बदला जाएगा। आयुक्त जनजाति के पद पर भी किसी अफसर को पदस्थ किया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की विभाग के सचिव डा. संजय गोयल से पटरी नहीं बैठ रही है। मंत्री ने शिकायत की है कि सचिव फाइलों में निर्णय लेने में काफी देर करते हैं। कमिश्नर जबलपुर, सागर तथा कलेक्टर सिंगरौली, उज्जैन, रायसेन, होशंगाबाद, रतलाम, जबलपुर आदि को भी बदला जा सकता है। सिंगरौली कलेक्टर व एसपी को हटाने के लिए जिले के विधायकों ने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को पत्र सौंपा है, जिसमें उनके कामकाज के तरीके पर नाराजगी व्यक्त की गई है। मुख्यसचिव अनुराग जैन ने कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी व एसपी की पहली कांफ्रेस में कुछ अधिकारियों के कामकाज पर नाराजगी व्यक्त की है। सूत्रों के अनुसार प्रमुख सचिव गुलशन बामरा, उमाकांत उमराव, विवेक पोरवाल, श्रीमती रश्मि अरूण शमी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसी तरह जूनियर अधिकारियों में धनंजय भदौरिया, श्रीमती नेहा मारव्या, अजय कटेसरिया आदि को भी नई जिम्मेदारी मिल सकती है। मुख्य सचिव अनुराग जैन विभागाध्यक्ष कार्यालयों की व्यवस्था सुधारने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में कामकाज के आधार पर कुछ विभागाध्यक्षों की नई जिम्मेदारी तय हो सकती है। इसी तरह मैदानी पदस्थापना वाले अधिकारियों की भी कामकाज के आधार पर जिम्मेदारी तय की जा सकती है।

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