अब बैंकिंग की गई बिजली से चलाया जा रहा है काम

बैंकिंग बिजली
  • मांग ने बनाया नया रिकॉर्ड, दिवाली पर हो गई थी कम

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। इस बार कम बारिश की वजह से रबी फसल का सीजन शुरु होते ही प्रदेश में बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड बन गया है। बीते पखवाड़े  प्रदेश में बिजली की मांग 16 हजार 622 मेगावॉट तक के आंकड़े तक पहुंच गई थी। इसके पहले बिजली की मांग का रिकॉर्ड बीते साल दिसंबर में बना था, जब  बिजली की सर्वाधिक मांग 16514 मेगावॉट दर्ज हुई थी। बिजली की मांग पूरी करने के लिए अब बिजली कंपनियों को बैंकिंग की गई 850 मेगावाट बिजली वापस लेनी पड़ी। अच्छी बात यह रही है कि इस बार दीवाली पर मांग कम रही है।
     इस बार दीवाली पर सोमवार को महज 11848 मेगावाट की मांग दर्ज की गई थी।  इससे पहले इसी साल 8 नवंबर को 16160 मेेगावॉट बिजली की मांग दर्ज की गई थी। कंपनियों को उम्मीद है कि रबी सीजन के पीक पर आते ही मांग 18 हजार मेगावॉट तक पहुंच जाएगी। यही वजह है कि अब कंपनियां एनटीपीसी से अतिरिक्त बिजली लेने की तैयारी कर रही हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में बढ़ती बिजली की डिमांड के चलते दीपावली से पहले मेंटेनेंस के नाम पर राजधानी तक में बिजली कटौती की जा रही थी। प्रदेश में जनरेशन कंपनी के पास आंकड़ों में ही सरप्लस बिजली है। बिजली की डिमांड बढऩे पर किल्लत शुरू हो जाती है। ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनरेशन कंपनी के पास 22730 मेगावाट बिजली है, लेकिन इतनी बिजली का उत्पादन हो नहीं पाता है। इससे डिमांड बढ़ने पर बिजली की अघोषित कटौती शुरु हो जाती है।
    ओंकारेश्वर में उत्पादन ठप
    ओंकारेश्वर पावर प्लांट से एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा बिजली की मांग को पूरा करने के लिए 6822 मेगावाट अन्य स्रोतों से ली जा रही है। मप्र पावर जनरेशन कम्पनी के जल विद्युत गृहों में बांधों के पानी का जलस्तर कम होने के कारण पिछले दिनों उत्पादन कम कर दिया गया था। बीते एक नवम्बर को प्रदेश के जल विद्युत गृहों से 249 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया था।
    कब-कब कितनी रही मांग
    दिसम्बर 2022 में बिजली की सर्वाधिक मांग का रिकॉर्ड टूटा था। दिसंबर 2022 को प्रदेश में बिजली की सर्वाधिक मांग 16514 मेगावाट रही। इसके पूर्व बीते 11 दिसम्बर को 16123 मेगावॉट, 24 नवम्बर को 15460 मेगावाट और 29 नवम्बर को 15860 मेगावॉट बिजली की मांग प्रदेश में रही। जबकि इस रबी सीजन में दूसरे सप्ताह में ही डिमांड ने अपने नवम्बर माह का पिछला रिकॉर्ड तोड़ डाला।
    यह है उत्पादन का आंकड़ा
    बिजली की प्रदेश में पर्याप्त आपूर्ति के लिए जनरेशन कम्पनी के ताप विद्युत गृह पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन कर रहे हैं। प्रदेश के थरर्मल प्लांटो की स्थिति देखी जाए तो  5420 मेगावाट क्षमता वाले पावर प्लांटों में 4114 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इसी तरह से हाइड्रल पावर प्लांट से सोमवार को 698 मेगावाट बिजली सोमवार को पैदा हुई। उधर, इंद्रासागर पावर प्लांट की क्षमता एक हजार मंगावॉट की है, जिससे महज 250 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन हो रहा है। मंगलवार को ताप विद्युत गृहों से 4300 मेगावॉट का उत्पादन हुआ, जबकि बुधवार को यह कम होकर 4080 मेगावॉट हो गया। इसी तरह से नवीनीकरण स्रोत से मंगलवार को 1158 मेगावॉट तो बुधवार को 1174 मेगावॉट बिजली ली गई। बैकिंग से मंगलवार को 850 व बुधवार को 700 मेगावॉट ली गई।
    मांग 18 हजार मेगावॉट तक संभावित
    प्रदेश की बिजली कंपनियों को उम्मीद है कि रबी सीजन के पीक पर आते ही मांग 18 हजार मेगावॉट तक पहुंच जाएगी। यही वजह है कि अब कंपनियां बैंकिंग व एनटीपीसी से अतिरिक्त बिजली लेने की तैयारी में हैं। दरअसल इस दौरान सिंचाई के साथ ही पानी गर्म करने से लेकर रुम हीटरों तक को उपयोग बढ़ जाता है, जिसकी वजह से बिजली की मांग में वृद्धि होती है।

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