अब विधानसभा उपाध्यक्ष का भी होगा इंतजार समाप्त

विधानसभा उपाध्यक्ष
  • पिछली शिव सरकार में पूरे समय रिक्त ही रहा पद…

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र 18 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। यही नहीं,  इसी सत्र में ही नए विधानसभा अध्यक्ष का भी निवार्चन होगा। इस पद के लिए पार्टी पहले ही पूर्व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम तय कर चुकी है। माना जा रहा है कि इसी सत्र में ही नए विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव भी संभावित है। पंद्रहवीं विधानसभा के आखिरी पौने चार साल विधानसभा उपाध्यक्ष का पद खाली ही बना रहा है। इस बार उपाध्यक्ष का पद भरे जाने के पीछे की वजह चार माह होने वाले लोकसभा के चुनाव को माना जा रहा है। मार्च में चुनावी आचार संहिता संभावित है। इसलिए आगामी सत्र में विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि इस बार भाजपा विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की जगह अपने पास ही रखेगी। इसकी वजह है, कांग्रेस सरकार में इस पद को विपक्षी दल के नाते भाजपा को नहीं दिया जाना है। पार्टी इस पद पर किसी अपने आदिवासी विधायक को बिठा सकती है। दरअसल, भाजपा लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी वर्गों को साधने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में ओबीसी वर्ग के नेता को सीएम, ब्राह्मण व दलित को डिप्टी सीएम और राजपूत नेता को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है। अभी आदिवासी वर्ग को सत्ता में भागीदारी नहीं दी गई है। इसकी वजह से ही माना जा रहा है कि पार्टी विधानसभा उपाध्यक्ष के पद पर आदिवासी वर्ग के किसी नेता को बिठाकर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आदिवासी वर्ग के समीकरण को साधने का प्रयास करेगी। दरअसल इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 24 पर जीत दर्ज की है। जबकि पिछले चुनाव में उसे महज 15 सीटों पर ही जीत मिली थी। उधर, कांग्रेस को 22 सीटों पर जीत मिली है। इस बार कांग्रेस को पिछले बार की तुलना में 9 सीटों का नुकसान हुआ  है।
    लोकसभा की 6 सीटें एसटी
    वर्ग के लिए आरक्षित प्रदेश में आदिवासियों की आबादी करीब 22 प्रतिशत है। विधानसभा की 230 में से 47 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इनमें से 24 सीटों पर जीत दर्ज की है। ऐसे ही प्रदेश में लोकसभा की 29 में से 6 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में भी इस जीत को दोहराना चाहती है।
    इन नामों की चर्चा
    भाजपा विधायकों में से जिनको विधानसभा उपाध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है , उनमें कई चेहरे मंत्री पद के भी दावेदार हैं। हालांकि इस बार कई पुराने चेहरे और कई बार से मंत्री बनते आ रहे नेताओं को मंत्री पद से बाहर रखे जाने की पूरी संभावना है। जिन चेहरों को इस पद का दावेदार माना जा रहा है , उनमें ओम प्रकाश धुर्वे, विजयशाह, शरद कौल , मीना सिंह , जय सिंह मरीवह और बिसाहू लाल सिंह के नाम शामिल हैं।

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