अब उज्जैन में लाल पत्थर की होंगी सप्तऋषि की प्रतिमाएं

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। महाकाल लोक बनने के बाद अब उसमें तीसरी बार सप्तऋषियों की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। इस बार यह प्रतिमाएं लाल पत्थर की होंगी। इनका निर्माण ओडिशा से आए कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। यह प्रतिमाएं पूर्व में दो बार लगाई गईं प्रतिमाओं से अधिक आर्कषक होंगी। इन प्रतिमाओं का निर्माण इस तरह किया जा रहा है, जिससे सप्तऋषि का वही स्वरूप नजर आए, जिनका उल्लेख ग्रंथों और पुराणों में किया गया है। दरअसल प्रदेश की मोहन सरकार ने एफआरपी से बनी सप्तऋषि की प्रतिमाओं को हटाने का निर्णय लिया था, जिसकी वजह से ही अब बंशी पहाड़  के लाल पत्थरों से बनी सप्तऋषि की प्रतिमाएं को स्थापित किया जाना है। यही वजह है कि नए सिरे से अब प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। सप्त ऋषि की इन प्रतिमाओं के स्केच बनासर के आर्टिस्ट सुनील विश्वकर्मा द्वारा बनाए गए हैं। इन्ही के द्वारा ही अयोध्या में प्रभु श्रीराम की मूर्ति का स्केच बनाए गए थे।
15 फीट की होगी एक प्रतिमा
महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक श्री राम तिवारी के मुताबिक महाकाल लोक में जल्द ही सप्तऋषियों की प्रतिमाएं लाल पत्थर की नजर आएगी। ये प्रतिमाएं ग्रन्थों और पौराणिक आधार पर अलग-अलग स्वरूपों में दिखाई देगी। इन प्रतिमाओं का निर्माण महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ के द्वारा  करवाया जा रहा है। जिसे बंशी पहाड़पुर के लाल पत्थरों से कोणार्क के कलाकारों द्वारा बनाया जा रहा है। प्रत्येक प्रतिमा 15 फीट ऊंची, 10 फीट चौड़ी होगी। एक प्रतिमा को बनाने के लिए 8 से 10 कलाकार हर दिन काम कर रहे हैं। सभी प्रतिमाएं बनाने में करीब छह महीने का समय लग सकता है। इन प्रतिमाओं को बनाने के लिए मशीन का नहीं बल्कि, छेनी और हथौड़ी का उपयोग किया जा रहा है।  
हवा में उड़ चुकी हैं प्रतिमाएं
गौरतलब है कि बीते साल 29 मई को तेज आंधी तूफान के बीच महाकाल लोक में लगी सप्तऋषि की विशालकाय प्रतिमाएं हवा में उड़ गई थीं। प्रतिमाओं के टूटने पर उस समय जमकर बखेड़ा खड़ा हुआ था। इन प्रतिमाओं को लगाने वाली एजेंसी ने इन्हें दोबारा लगाया था। सुंदर माने जाने वाले इस लोक की भव्यता शुरुआती दौर में तो काफी अच्छी थी। लेकिन, 1 वर्ष पहले आए आंधी तूफान ने इस लोक में लगाई गई मूर्तियों की क्वालिटी पर सवालिया निशान खड़े कर दिए थे, क्योंकि आंधी के दौरान महाकाल लोक में लगाई गई सप्तऋषि की 7 प्रतिमाओं में से 6 प्रतिमाएं क्षतिग्रस्त हो गई थीं। जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर तत्काल हटाया गया था और इसकी बजाय फाइबर रिइंफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) की सप्तऋषि की नई प्रतिमाएं महाकाल लोक में लगाई गई थीं।
हजारों सालों तक नहीं होंगी खराब
इन सप्त ऋषियों की प्रतिमाओं का निर्माण उज्जैन में ही किया जा रहा है। जिन सप्तऋषियों की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं उनमें ऋषि अत्रि, कश्यप, गौतम, जमदग्नि, वशिष्ठ, भारद्वाज और विश्वामित्र शामिल हैं। यह मूर्तियां बंशी पहाड़पुर के जिस लाल पत्थर से बनाई जा रही हैं, वो हजारों साल तक खराब नहीं होता और न ही इसकी चमक कम होती है। बारिश के दिनों में ये पत्थर दोगुना चमकता है।

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