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- दो साल में तैयार हो जाएगा देश का पहला सोलर पॉवर स्टोरेज प्लांट
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र जल्द ही देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां पर सौर ऊर्जा से रात में भी बिजली की सप्लाई की जाएगी। इसकी वजह है प्रदेश में लगने वाला सोलर पॉवर स्टोरेज प्लांट। इसे मुरैना में लगाया जा रहा है। यह तरह का देश का पहला प्लांट होगा। ऊर्जा विकास निगम ने द्वारा इस पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसके लिए टेंडर बुलाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके निर्माण का काम इसी साल शुरु हो जाएगा। अगले दो साल में इस प्लांट से सोलर एनर्जी का उत्पादन और स्टोरेज भी शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि सोलर एनर्जी को लेकर अभी सबसे बड़ी समस्या स्टोरेज की हो रही है। सोलर एनर्जी से उत्पादित होने वाली बिजली की सप्लाई दिन में ही हो सकती है। इसकी बिजली स्टोर नहीं हो पाती है। इस वजह से रात के समय सोलर की बिजली की सप्लाई नहीं हो पाती। इस वजह से भी सोलर एनर्जी थर्मल एनर्जी का विकल्प नहीं बन पा रही है। मध्यप्रदेश के मुरैना में स्थापित होने वाला देश का पहला सोलर स्टोरेज प्लांट अगर सफल होता है, तो आने वाले समय में सोलर एनर्जी थर्मल एनर्जी का सबसे बड़ा विकल्प होगी। प्रदेश में सोलर एनर्जी का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है।
30 अरब की लागत से होगा तैयार
इस सोलर पॉवर स्टोरेज प्लांट की लागत 30 अरब रुपए से अधिक संभावित है। इसके लिए केंद्र सरकार से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। अब सरकार ने इसके लिए टेंडर बुलाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा।
इस प्लांट के लिए जमीन पूर्व से आरक्षित की जा चुकी है।
पहले चरण में 600 सौ मेगावाट का उत्पादन
इस प्लांट में 600 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो सकेगा। इस योजना का नाम मुरैना-1 रखा गया है। इस प्लांट से बिजली उत्पादन का काम 2027 में यह काम करना शुरू हो जाएगा। पहले प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद सरकार मुरैना प्रोजेक्ट-2 शुरू करेगी जिसमें 2 हज़ार मेगावॉट क्षमता का सोलर पावर प्लांट लगेगा। आपको बता दें कि देश में अपनी तरह का यह पहला सोलर पावर प्लांट होगा जहां बिजली को स्टोर कर रात में भी बिजली सप्लाई की जा सकेगी। अभी तक देश में ऐसा कोई स्टोरेज प्लांट नहीं है जहां बिजली को जमा किया जा सके। मुरैना में करीब तीन हज़ार हेक्टेयर ज़मीन पर बनने वाले 600 मेगावॉट क्षमता के इस प्लांट की लागत करीब 3500 करोड़ रुपये रहेगी।
प्रदेश में तेजी से स्थापित हो रहे सोलर प्लांट
भारत सरकार की कुसुम योजना के तहत भी सोलर प्लांट स्थापित हो रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों में 2033 सोलर प्लांट इस स्कीम के तहत लगाए जाएंगे। सबसे ज्यादा 1079 सोलर प्लांट सेंट्रल जोन में लगेगे। वेस्ट जोन में 372 और ईस्ट जोन में 582 प्लांट लगाए जाएंगे। ये सोलर प्लांट 500 किलोवाट से 2 मेगावॉट तक होंगे। प्रधानमंत्री कुसुम ‘अ’ योजना के अंतर्गत यह सोलर प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। परियोजना से उत्पादित विद्युत, शासन द्वारा क्रय की जाएगी, जिससे कृषकों को नियमित आय होगी। प्रदेश की वितरण कंपनियों द्वारा चिन्हित सबस्टेशनों से 5 किमी की परिधि में सोलर प्लांट लगेगे। बिजली कंपनियों ने प्रदेश के सभी सब स्टेशन की लिस्ट ऊर्जा विकास निगम को सौंप दी है। इसके मुताबिक निवेशक और किसान सोलर प्लांट के लिए आवेदन कर सकते है।
उत्पादित बिजली होगी सस्ती
मुरैना में 4 बनने वाले सोलर प्लांट से उत्पादित होने वाली बिजली 4 से 5 रुपए प्रति यूनिट में मिल जाएगी। दरअसल अभी प्रदेश में सोलर से बनने वाली बिजली स्टोर नहीं हो पाती है। ऐसे में सोलर से बनने वाली बिजली का उपयोग दिन के समय ही हो पाता है। गर्मी के दिन और रबी सीजन में बिजली की डिमांड बढ़ती है, तब निजी उत्पादकों से महंगी दरों पर बिजली खरीदना पड़ती है। सोलर स्टोरेज प्लांट के लगाने से जरूरत पड़ने पर भी सस्ती दरों पर बिजली मिल जाएगी।