मध्यप्रदेश में अब रेरा के सचिव की बढ़ेगी जिम्मेदारी

 रेरा के सचिव
  • बुनियादी ढांचे, सामान्य सुविधाओं, भवन और निर्माण की प्रगति पर रहेगी नजर

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। उपभोक्ताओं से किए गए वादे पूरे किए गए हैं कि नहीं अब रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) इसकी निरंतर निगरानी कराएगा। इसके लिए रेरा के नए नियमों को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही संस्था के सचिव के दायित्वों में भी वृद्धि करने का फैसला किया गया है। इनके तहत अब इंजीनियरिंग सलाहकार यह देखेंगे कि मंजूरी के समय बिल्डर ने जो वादे किए हैं, वे पूरे हो रहे हैं या नहीं। वे बुनियादी ढांचे, सामान्य सुविधाओं, भवन और निर्माण की प्रगति को देख सकेंगे। यह भी देखेंगे कि बिल्डर ने परियोजना का बीमा कराया है या नहीं।  गौरतलब है कि रेरा ने बिल्डरों पर नजर रखने के लिए कई समितियां गठित की है। ये समितियां प्रोजेक्ट पंजीयन, खर्च की निगरानी और कानून अनुपालन का काम करेंगी। इनके प्रमुख राजस्व, वित्त और कानून के विशेषज्ञ होंगे। एक सहकारी सलाहकार भी नियुक्त किया गया है, जो नए प्रोजेक्ट में सहकारी समितियों का गठन और उनकी निगरानी का काम करेगा।
    भू-संपदा परियोजना में आवंटी को भूखंड, घर या फ्लैट का स्वामित्व और कब्जे का हस्तांतरण हुआ है या नहीं। नए नियमों में प्राधिकरण को आवेदन के एक हफ्ते में प्रकरण का निराकरण करते हुए परियोजना को मंजूरी देना होगी और यदि आवेदन में कमी है, तो बिल्डर को इस अवधि में बताना होगा।
    सचिव का दायित्व बढ़ाया
     नए नियमों में प्राधिकरण के सचिव का दायित्व बढ़ाया गया है और सचिव की मदद के लिए तीन समितियां बनाई जा सकेंगी, जो पंजीकरण, कानूनी प्रक्रिया और खर्च की निगरानी करेंगी। सलाहकार सहकारी समिति आवंटियों के संघ के गठन, पंजीयन और प्रगति की निगरानी करेगी। यह समिति संघ के गठन और परियोजना की सार्वजनिक परिसंपत्तियों के हस्तांतरण में उल्लंघन की जांच कर सकेगी। वादाखिलाफी के किसी भी मामले में प्राधिकरण बिल्डर या उसके एजेंट को नोटिस देकर हाजिर होने को कह सकेगा। जांच या याचिका के समर्थन एवं विरोध में वह व्यक्ति जवाब दे सकेगा। जिसे नोटिस जारी किया गया है, पर उसे हलफनामा देना होगा। सुनवाई में आवेदक या प्रतिवादी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो सकते हैं। वह एक या ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेंड, कंपनी के सचिव, लागत लेखाकार, कानूनी व्यवसायी या अपने किसी अधिकारी को उपस्थित होने को कह सकता है।
    आसान होगा रेरा का संचालन
    नई समितियों के गठन से रेरा का संचालन आसान होगा। प्राधिकरण के समक्ष किसी भी मामले की सुनवाई जनता के लिए खुली रहेगी। हालांकि किसी विशेष मामले में प्राधिकरण आमजन, व्यक्ति विशेष को सुनवाई में शामिल होने से रोक सकता है। नए नियमों के तहत वादी या परिवादी की मौत के बाद भी मामले में कार्रवाई जारी रहेगी। सुनवाई पूरी होने के पहले पक्ष या विपक्ष में से किसी की मौत होती है या किसी कंपनी के मामले में पक्ष को दिवालिया घोषित किया जाता है, तो उसके उत्तराधिकारी, प्रशासक यानी कानूनी प्रतिनिधि के साथ कार्रवाई जारी रहेगी।

Related Articles