अब 1 जनवरी से लागू होगा जेल का अधिनियम

जेल का अधिनियम
  • मप्र के जेल विभाग के अधिकारियों की एक चूक का खामियाजा

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में अब 1 जनवरी 2025 से बंदी जेल सुधार अधिनियम लागू होगा। इसे लेकर सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। यह लागू होने के बाद सब कुछ बदल जाएगा। जेल के नाम से लेकर अधिकारियों के ‘पद नाम’ तक बदलेंगे। विधानसभा में इससे सबंधित विधेयक  पहले ही पेश हो चुका है। राज्य सरकार की ओर से इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसके तहत अब 2 अक्टूबर से लागू होने वाला जेल सुधार अधिनियम 1 जनवरी 2025 से लागू हो जाएगा। मप्र सरकार जेलों के नाम बदलकर ‘कारागार और सुधारात्मक संस्था’ के रूप में रखेगी। अभी तक जो केंद्रीय जेल, जिला जेल, उप जेल और खुली जेल के रूप में पहचान बनी थी। अब उसे बदलकर केंद्रीय कारागार एवं सुधार संस्था, जिला कारागार एवं सुधार संस्था, उप कारागार एवं सुधार संस्था और खुली कारागार एवं सुधार संस्था के नाम से जेल पहचानी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती से मप्र सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह अधिनियम-2024 का क्रियान्वयन अटक गया है। सरकार ने इसे 2 अक्टूबर से लागू करने के लिए 13 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन जेल विभाग के अधिकारियों की एक चूक से ऐसा संभव नहीं हो सका। इस संबंध में सरकार ने पुराने नोटिफिकेशन को अधिक्रमित करते हुए 30 सितंबर को नया नोटिफिकेशन जारी किया है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने 2 अक्टूबर से प्रदेश में इस नए  अधिनियम पर अमल की तैयारी कर ली थी। जेल विभाग के अधिकारियों ने हिंदी में अधिनियम के नियम तैयार कर लिए थे।
सभी कार्यवाहियां अंग्रेजी में होगी
संविधान के अनुच्छेद 348 के उपबंध (क) के अनुसार उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय की सभी कार्यवाहियां अंग्रेजी में होगी। संविधान के अधीन अथवा संसद या किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि के अधीन निकाले गए या बनाए गए सभी आदेशों, नियमों, विनियमों और उपविधियों के प्राधिकृत पाठ अंग्रेजी भाषा में होगे। मप्र सरकार ने मप्र सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक-2024 तैयार किया था। जुलाई के मानसून सत्र में यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया था। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया गया था। नोटिफिकेशन के अनुसार राज्य में 2 अक्टूबर से इस अधिनियम पर अमल शुरू होना था। अधिनियम में जेल विभाग का नाम बदलकर जेल विभाग का नाम बदलकर बंदीगृह एवं सुधारात्मक विभाग और जेल मुख्यालय का नाम सुधारात्मक एवं बंदीगृह संचालनालय किए जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें जेलों का नाम बंदीगृह एवं सुधारात्मक संस्था व जेल अधिकारी का पदनाम सुधारात्मक सेवाएं अधिकारी करने का प्रावधान किया गया है। नए एक्ट में सबसे ज्यादा फोकस जेलों में व्यवस्थाएं सुधारने पर किया गया है। एक्ट में जेलों में बंद खूंखार अपराधियों, गैंगस्टर पर कड़े नियंत्रण का प्रावधान किया गया है।

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