- भोपाल-इंदौर के साथ उज्जैन-रीवा में खुलेंगे नए आईटी पार्क
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटते ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी सरकार एक्शन में आ गई है। सीएम ने अफसरों के सामने अपना रोडमैप रख दिया है कि प्रदेश में सुशासन और विकास उनकी पहली प्राथमिकता है। इसलिए अब सरकार का पूरा फोकस विकास पर रहेगा, ताकि प्रदेश में औद्योगिक विकास हो सके और हर युवा को रोजगार मिल। इसके तहत प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए चार नए आईटी पार्क शुरू किए जा रहे हैं। उज्जैन, रीवा में आईटी पार्क बनाया जाएगा। भोपाल में दूसरा आईटी पार्क बनाया जाएगा। अब यह स्मार्ट सिटी परिसर में बनाया जाएगा। इंदौर में चौथे आईटी पार्क का काम शुरू हो गया है। यह कंपनियों की जरूरतों के अनुसार बनाए जा रहे हैं, ताकि बड़ी कंपनियां आ सकें। इससे युवाओं को आइटी सेक्टर में नौकरी करने के लिए अन्य राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। चुनाव के बाद अब विकास कार्य शुरू हो रहे हैं। आईटी पार्क सरकार की प्राथमिकता में हैं। क्योंकि इंदौर को छोड़ दें तो अन्य शहर इस क्षेत्र में पिछड़े हुए हैं। इसलिए उद्योग विभाग ने नए आईटी पार्क बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार उज्जैन में आईटी पार्क इंजीनियरिंग कॉलेज के पास बनाया जाएगा। 2.5 हेक्टेयर जमीन चिह्नित कर ली गई है। एक साल में तैयार होने की संभावना है। रीवा में 50 हजार वर्ग फीट में शहर में ही पार्क बनाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि भोपाल में नया आइटी पार्क शहर के बीच में स्मार्ट सिटी परिसर में बनायो जाएगा। इसके लिए स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन से बात की गई है। कॉर्पोरेशन जितनी जमीन उपलब्ध कराएगा उस हिसाब से उद्योग विभाग भुगतान कर देगा। इसके पहले आजीपीवी के पास बड़बई में आईटी पार्क बनाया गया है, लेकिन वह क्षेत्र शहर से दूर होने के कारण कोई बड़ी कंपनी नहीं आई है। अधिकारियों का कहना है कि आइटी कंपनी में काम करने वाले युवा हायर क्लास के होते हैं। उन्हें अच्छा एबिएंस और नाइट कल्चर भी रास आता है। इसलिए बड़ी कंपनियां ऐसी जगह ऑफिस खोलना ज्यादा पसंद करती हैं जो आधुनिक सुख सुविधाओं वाला और विकसित हो। इंदौर में जल्द ही चौथा आइटी पार्क शुरू हो जाएगा। यह परदेशीपुरा में बने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पलेक्स में 50 हजार वर्ग फीट में बनाया जा रहा है। यहां कंपनियां सीधे आकर काम शुरू कर सकेंगी। सुविधाएं सरकार दे रही है।
एथेन क्रैकर प्रोजेक्ट को मंजूरी…
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा सीहोर जिले के आष्टा तहसील में लगाई जाने वाली देश की सबसे बड़ी एथेन क्रैकर प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय रोजगार का सृजन होगा और प्रदेश के औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। सीएम मोहन ने परियोजना के लिए जरूरी भूमि के अधिग्रहण को लेकर जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि सीहोर जिले के आष्टा तहसील में लगभग 60,000 करोड़ के निवेश से बनने वाली यह परियोजना देश की सबसे बड़ी एथेन क्रैकर परियोजना होगी। इस परियोजना में ग्रीन फील्ड पेट्रोकेमिकल परिसर भी प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत एलएलडीपीई, एचडीपीई, एमईगी और प्रोपीलीन जैसे पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन होगा। इस परियोजना के माध्यम से निर्माण अवधि के दौरान 15,000 व्यक्तियों तथा संचालन अवधि के दौरान लगभग 5,600 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। परियोजना में 70 हेक्टेयर का टाउनशिप भी प्रस्तावित है। परियोजना का भूमिपूजन आगामी फरवरी तक तथा वाणिज्यिक उत्पादन वित्त वर्ष 2030-31 में प्रारंभ होने की संभावना है। इस परियोजना में ग्रीन फील्ड पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स भी प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत एलएलडीपीई, एचडीपीई, एमईगी और प्रोपीलीन जैसे पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन होगा। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से निर्माण अवधि के दौरान 15,000 व्यक्तियों और संचालन अवधि के दौरान लगभग 5,600 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। प्रोजेक्ट में 70 हेक्टेयर का टाउनशिप भी प्रस्तावित है। परियोजना का भूमिपूजन आगामी फरवरी तक और वाणिज्यिक उत्पादन वित्त वर्ष 2030-31 में शुरू होने की संभावना है। गौरतलब है कि प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए नई इंडस्ट्री लगाने वालों के लिए कई तरह की सहूलियतें दी जा रही हैं। प्रदेश सरकार ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। इसके अलावा माइनिंग, सीमेंट और वस्त्र उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। मप्र में भाजपा सरकार ने कृषि विकास दर 25 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। अब दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अमूल के साथ मिलकर काम करने की योजना है।