- जीआईएस की तर्ज पर कटनी में जुटेंगे खनन कारोबारी

विनोद उपाध्याय
मप्र खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य है। प्रदेश मैग्नीज, कॉपर एवं अयस्क उत्पादन में देश में पहले स्थान पर, जबकि रॉक फॉस्फेट में दूसरे, चूना पत्थर में तीसरे और कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर है। ऐसे में यहां खनन उद्योग में निवेश और विकास की असीमित संभावनाएं हैं। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार अब माइनिंग समिट का आयोजन करने की तैयारी कर रही है। यह आयोजन कटनी में होगा। जानकारी के अनुसार भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन के बाद अब सरकार इसी तर्ज पर माइनिंग समिट का आयोजन करने जा रही है। माइनिंग समिट मई के मध्य में कटनी में होगी। इसमें माइनिंग कारोबार से जुड़े देश भर के उद्योगपति और निवेशक शामिल होंगे। सरकार ने समिट की तैयारियां शुरू कर दी हैं। माइनिंग समिट के आयोजन का मकसद राज्य की खनन क्षमता को तकनीकी नवाचारों और सतत निवेश के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है। खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि देश की खनिज संपदा में मप्र का महत्वपूर्ण स्थान है। राज्य का देश में कॉपर, मैग्नीज और हीरा उत्पादन में पहला, रॉक फास्फेट के उत्पादन में दूसरा, लाइम स्टोन के उत्पादन में तीसरा और कोयला उत्पादन में चौथा स्थान है।
समिट के दौरान राउंड टेबल बैठक होगी
अधिकारियों का कहना है कि समिट में निवेशकों को मप्र की खनिज क्षमता और उद्योग फ्रेंडली नीतियों से अवगत कराया जाएगा। इसके लिए विभिन्न सत्रों का आयोजन होगा। तकनीकी सत्र में खनन सुरक्षा, स्मार्ट तकनीक, डिजिटलाइजेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) के उपयोग पर चर्चा होगी। ड्रोन तकनीक और खदानों के डिजिटल समाधान पर भी विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जाएगी। अन्य सत्रों में खनिज संसाधन, निवेश के अवसरों, पेट्रोलियम और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र की संभावनाओं जैसे विषयों पर विचार-विमर्श होगा। समिट के दौरान राउंड टेबल बैठक होगी, जो निवेशकों के बीच सहयोग और चर्चा के लिए मंच प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि मप्र खनन और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है। प्रदेश खनिजों की प्रचुरता और सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों के कारण देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। खनन क्षेत्र न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगा, बल्कि देश के औद्योगिक विकास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा खनन के क्षेत्र में सतत विकास हो रहा है। इससे न केवल आर्थिक विकास हो रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
मप्र में खनिजों का भंडार
मप्र में खनिजों का भंडार है। पन्ना जिले में देश का एकमात्र हीरे का भंडार है। यहां की मझगवां हीरा खदान से हर साल एक लाख कैरेट हीरे का उत्पादन होता है। साथ ही बंदर हीरा ब्लॉक में 32.2 मिलियन कैरेट हीरे का भंडार है। मलाजखंड कॉपर खदान भारत की सबसे बड़ी तांबा खदान है। यहां से प्रतिदिन 5 से 10 हजार टन तांबा निकाला जाता है। भारत के कुल तांबा भंडार का 70 प्रतिशत तांबा मप्र में है। राज्य में स्थित सासन कोयला खदान अपने विशाल खनन उपकरणों के लिये प्रसिद्ध है। यहां पर चलने वाली ड्रैग लाइन का उपयोग होता है, जिसकी बाल्टी 61 घन मीटर की है, जो भारत में अब तक सबसे बड़ी है। प्रदेश में चूना पत्थर का 9 प्रतिशत भंडार होने के बावजूद चूना पत्थर उत्पादन में देश में 15 प्रतिशत का योगदान देता है। मप्र भारत की सीमेंट उत्पादन क्षमता का 7 प्रतिशत हिस्सा रखता है। कोल बेड मीथेन (सीबीएम) के बड़े भंडार हैं। देश में यह संसाधन में छठे स्थान पर है, लेकिन उत्पादन में यह दूसरे स्थान पर है।
खनिज ब्लॉक नीलामी में मप्र अग्रणी
मप्र का खनिज संसाधन विभाग खनिज ब्लॉक नीलामी में देश में अग्रणी रहा है। मप्र द्वारा 78 खनिज ब्लॉक सफलतापूर्वक नीलाम किए गए। प्रदेश को फरवरी 2022-23 में खनिज ब्लॉक नीलामी में देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। राजधानी में फरवरी के आखिर में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नवकरणीय ऊर्जा और औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन विभाग के बाद सबसे ज्यादा 3.22 लाख करोड़ रुपए के एमओयू खनन एवं खनिज संसाधन विभाग में हुए हैं। इससे सरकार को भविष्य में मप्र में खनन के क्षेत्र में निवेश की खांसी संभावनाएं नजर आ रही हैं। यही वजह है कि सरकार मप्र को कैपिटल ऑफ माइंस बनाने की तैयारी में है। इसके लिए कटनी में माइनिंग समिट का आयोजन किया जा रहा है। सचिव, खान मंत्रालय बीएल कांताराव ने जीआईएस में कहा था, केंद्र सरकार के खनिज में 4 विभाग हैं, जिनमें कोल, एटॉमिक, पेट्रोलियम, नेचुरल रिसोर्स और मिनिस्ट्री ऑफ माइंस हैं। इन सभी मिनरल्स की मप्र में बहुतायत है। देश में सबसे ज्यादा माइन्स मप्र में हैं। हर 4 माइंस में से एक माइन्स मप्र में है। खनिज का सबसे ज्यादा ऑक्शन करने वाला राज्य मप्र है।