विवेकानंद जयंती पर होगा मेगा स्वरोजगार कैम्प का प्रदेश भर में आयोजन
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की शिव सरकार ने अब प्रदेश के युवा बोराजगारों को रोजगार देने पर पूरा फोकस करने की तैयारी कर ली है। इसके तहत अब एक ही दिन में तीन लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए स्वामी विवेकानंद जयंती पर 12 जनवरी को रोजगार दिवस मनाया जाएगा। इस एक दिन में तीन लाख लोगों को ऋण प्रकरण के स्वीकृति पत्र दिए जाएंगे। इसके लिए प्रदेशभर में मेगा स्वरोजगार कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इसे रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। खास बात यह है कि इन कैम्पों में मुख्यमंत्री, मंत्री और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। रोजगार देने के लिए इस तरह के आयोजन इसके बाद हर माह किए जाएंगे। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते रोज कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों से बात की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना सहित स्वरोजगार की अन्य योजनाओं के प्रकरण तेजी से स्वीकृत किए जाएं। सभी मंत्री राज्य और जिलों की समितियों से संपर्क करके मध्य प्रदेश को विभिन्न स्वरोजगार योजना में अग्रणी बनाने के प्रयास करें। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री स्वनिधि सहित योजनाओं
की तरह हमें अन्य योजनाओं में भी सबसे आगे रहना है।
मिलेगा 5 लाख रुपए तक का कर्ज
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को राज्य सरकार ने हाल ही में लागू किया है। इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष की आयु के युवाओं को 50 हजार से 5 लाख तक का लोन दिए जाने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम और सीएम स्वनिधि सहित अन्य योजनाओं में हमें अग्रणी रहना है। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को भी पूरी ताकत के साथ लागू करना है।
प्रदेश में बेरोजगारी दर सबसे कम
उन्होंने मंत्रियों को बताया कि मध्य प्रदेश उन राज्यों में शामिल है जहां, बेरोजगारी की दर सबसे कम है। यह निश्चित ही हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पिछले साल अधोसंरचना पर 40 प्रतिशत अधिक राशि खर्च की गई। कोरोना काल में किए गए प्रयास इसलिए महत्व रखते हैं क्योंकि संकट के समय इसकी आवश्यकता थी। हमने विपरीत परिस्थितियों में उपलब्धि अर्जित की है। लघु, सूक्ष्म एवं उद्योगों के विकास के लिए भी कोशिश की जा रही हैं।
सोसायटी सदस्यों को भूखंड हर हाल में मिले
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी तरह से विभागीय समीक्षा बैठक के समय सहकारिता विभाग के अफसरों को साफ कर दिया है कि सोसायटियों को पूरी तरह से ठीक करें। मुझे ठोस कार्य योजना चाहिए। जनता की गाड़ी कमाई खाकर सोसायटियां मनमानी नहीं कर सकती। सोसायटी के सदस्यों को उनके भूखंड हर हाल में मिलना चाहिए। भूमाफिया को पूरी तरह से खत्म किया जाए। खानापूर्ति से काम नहीं चलेगा। उनके द्वारा इस दौरान सहकारिता विभाग की कार्रवाई पर नाराजगी भी जताई गई। उन्होंने इस दौरान बड़े शहरों में गृह निर्माण समितियों की अनियमितताओं पर नियंत्रण करने, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों अपैक्स को सक्षम बनाने के अभियान को भी गति देने पर जोर दिया।
बिजली विभाग की कार्यशैली से भी सीएम नाराज
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि बिजली विभाग में आमजन की सर्वाधिक शिकायतें आती हैं, शिकायतें कम हों इसके प्रयास करना चाहिए। आमजन की शिकायतें जल्द दूर करने की मानसिकता के साथ काम करें। मेंटेनेंस ठीक ढंग से हो इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। फीडर सेपरेशन की शिकायतें दूर करें। लोगों का असंतोष कैसे दूर हो, इस पर ध्यान दीजिए। आने वाले 5 से 10 साल में बिजली की आपूर्ति कैसे और कहां से करेंगे, उसकी रणनीति बनाइए। इस दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और प्रमुख सचिव संजय दुबे के जवाब से सीएम संतुष्ट नहीं हुए।